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नाथ के भी काबू नहीं आ रहे कांग्रेस दिग्गज

हरियाणा के कांग्रेस प्रभारी कमलनाथ के दौरे के बाद राज्य में गुटबाजी और बढ़ गई है। यह मामला राहुल के दरबार तक पहुंच गया है।

By Kamlesh BhattEdited By: Published: Fri, 15 Jul 2016 09:44 AM (IST)Updated: Fri, 15 Jul 2016 09:53 AM (IST)

चंडीगढ़ [अनुराग अग्रवाल]। हरियाणा कांग्रेस के नए प्रभारी कमलनाथ के चंडीगढ़ दौरे के बाद पार्टी की गुटबाजी कम होने के बजाय बढ़ गई है। कमलनाथ के अनुशासन में रहने और मिलकर काम करने की नसीहत का कांग्रेसियों पर कोई असर नजर नहीं आ रहा है। कांग्रेस दिग्गजों ने अपनी इस लड़ाई का मुद्दा भी बनाया तो भाजपा सरकार के मुख्यमंत्री मनोहर लाल की ईमानदारी को। कांग्रेसियों की यह कलह नए प्रभारी कमलनाथ और पार्टी उपाध्यक्ष राहुल गांधी तक पहुंच गई है। मगर हाईकमान फिलहाल चुप्पी साधे हुए है। कांग्रेसियों की इस जंग पर नए प्रभारी से रिपोर्ट मांगी जा रही है।

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विधायक दल की नेता किरण चौधरी पर आरोप है कि उन्होंने करनाल में प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान मुख्यमंत्री मनोहर लाल को ईमानदार कहा, लेकिन साथ में यह भी बोला कि उनके ईर्द-गिर्द के लोग ईमानदार नहीं हैं। तीन दिन पहले पूर्व सिंचाई मंत्री कैप्टन अजय यादव की मुख्यमंत्री से हुई मुलाकात पर भी हुड्डा खेमे को वार करने का मौका मिल गया। रही-सही कसर कैप्टन के भी मुख्यमंत्री को ईमानदार बताने से पूरी हो गई। कैप्टन हालांकि सीएम से अपनी मुलाकात को रेवाड़ी की एसपी की शिकायत के तौर पर पेश कर रहे हैं, लेकिन हुड्डा खेमे को आशंका है कि गुडग़ांव के चार गांवों की अधिग्रहीत जमीन के मामले में जांच की मांग को लेकर कैप्टन सीएम से मिले थे। कैप्टन ने भी प्रेस कॉन्फ्रेंस कर खुद को हुड्डा से बड़ा नेता करार दे दिया है।

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किरण और कैप्टन पूरे मामले में स्थिति साफ कर चुके हैं, मगर हमले कम नहीं हुए हैं। प्रदेश अध्यक्ष अशोक तंवर सीएम को ईमानदार नहीं मानते, लेकिन किरण के बयान का संदर्भ पता नहीं होने की बात कहकर खुद को विवाद से अलग रखने की कोशिश कर रहे हैं। बावजूद इसके हुड्डा खेमा लगातार हमलावर है।

हुड्डा आजकल लंदन में विंबलडन टेनिस के मुकाबले देखने गए हुए हैं। विधायक कर्ण सिंह दलाल और कुलदीप शर्मा उनके साथ हैं। हुड्डा वहीं बैठे-बैठे अपने समर्थकों के जरिए विरोधियों पर हमलावर हैं। दलाल और शर्मा के बाद गीता भुक्कल, शकुंतला खटक, जगबीर मलिक, जयतीर्थ दहिया, सतपाल सांगवान, राव धर्मपाल, राव नरेंद्र और आफताब अहमद समेत करीब एक दर्जन कांग्रेस नेता इस लड़ाई में किरण व कैप्टन के खिलाफ कूद पड़े हैं।

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विवाद की जड़ में पुरानी टशन

दरअसल, हुड्डा, किरण, तंवर और कैप्टन खेमे के बीच पुरानी टशन है। किरण पर विधायकों को साथ लेकर नहीं चलने के आरोप हैं तो तंवर पर पार्टी कार्यक्रमों की जानकारी नहीं देने के आरोप मढ़े जा रहे हैं। कैप्टन व तंवर खेमे की ओर से बताया जा रहा कि हुड्डा खेमा अपनी खुद की अलग ढपली बजा रहा है। राज्यसभा वोटिंग कांड के बाद कांग्रेस दिग्गजों के बीच यह लड़ाई अधिक गहरा गई है।

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गुटबाजी खत्म कराने को बदले गए थे प्रभारी

कांग्रेस हाईकमान ने दिग्गजों की इस लड़ाई को खत्म करने के लिए शकील अहमद को हटाकर कमलनाथ को नियुक्त कर दिया था। मगर चंडीगढ़ में बैठक लेने और कोऑर्डिनेशन कमेटी बनाने के संकेत के बाद भी गुटबाजी कम नहीं हो पाई है।

कुलदीप और सैलजा साध रही चुप्पी

कुलदीप बिश्नोई और कु. सैलजा ने खुद को इस लड़ाई से हाल-फिलहाल अलग कर रखा है, लेकिन राजनीतिक गलियारों में पार्टी की कलह हर किसी की जुबान पर है।

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