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    पेंशन स्कीम के फेर में कुवि को 32 लाख का फटका

    By Test1 Test1Edited By:
    Updated: Fri, 24 Jun 2016 01:14 PM (IST)

    कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय को न्यू पेंशन स्कीम में 32 लाख से ज्यादा का फटका लगा। कुवि कुलपति के पूर्व ओएसडी पंकज गुप्ता ने एनपीएस स्कीम के तहत ब्याज की अधिक राशि डाल दी।

    कुरुक्षेत्र, [सतीश चौहान]। कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय को न्यू पेंशन स्कीम में 32 लाख से ज्यादा का फटका लगा। मामले में कुवि कुलपति के पूर्व ओएसडी पंकज गुप्ता पर कर्मचारियों की एनपीएस स्कीम के तहत ब्याज की अधिक राशि डालने के आरोप थे। जिसके बाद मामले की जांच करवाई गई।

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    पंकज गुप्ता के खिलाफ दो जांच

    इसके बाद कुवि में कुलपति के पूर्व ओएसडी पंकज गुप्ता की ओर से एनपीएस में अधिक धनराशि डालने के मामले की जांच रिपोर्ट कमेटी ने प्रशासन को सौंप दी। जांच में सामने आया कि वित्तीय गड़बड़ी के कारण कुवि को लगभग 32,14,756 रुपये का नुकसान हुआ है।

    कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय को न्यू पेंशन स्कीम में 32 लाख से ज्यादा का फटका लगा। मामले में कुवि कुलपति के पूर्व ओएसडी पंकज गुप्ता पर कर्मचारियों की एनपीएस स्कीम के तहत ब्याज की अधिक राशि डालने के आरोप थे।

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    दरअसल, वित्त विभाग की ओर से वर्ष 2006 से 2014 तक कर्मचारियों की एनपीएस स्कीम के तहत ब्याज की राशि अधिक डाली दी। वहीं, कुवि में कुलपति के पूर्व ओएसडी पंकज गुप्ता के खिलाफ अपने अंकों को बढ़ाने के मामले में जांच चल रही है।

    कुवि के अर्थशास्त्र विभाग के शिक्षक डॉ. वीरेंद्र पूनिया ने विवि प्रशासन और विजिलेंस को शिकायत की थी। उनका आरोप है कि वित्त अधिकारी रहते हुए पंकज गुप्ता ने कुवि को लाखों रुपये का नुकसान किया है।

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    ब्याज से ज्यादा राशि डाली

    पंकज गुप्ता वर्ष 2014 में कुवि के वित्त अधिकारी थे। कुवि के नियमों के अनुसार उस समय तक कर्मचारियों से ली गई राशि और उसके ब्याज को कर्मचारियों के एनपीएस में डाला जाना था। इन कर्मचारियों में स्वयं पंकज गुप्ता भी थे। कुवि की ओर से ब्याज के रूप में कमाई गई राशि से ज्यादा राशि एनपीएस में डाल दी।

    कमेटी ने जांच में बताया कि वित्त विभाग की ओर से कर्मचारियों के पैसे की एफडीआर, आरडीआर और सेविंग से कुल 1,71,10,797 रुपये कमाए थे। मगर कर्मचारियों के खातों में दो करोड़ 25 हजार 553 रुपये डाल दिए गए। इससे कुवि को 32,14,756 रुपये का नुकसान हुआ है।

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