देशद्रोह के अभियुक्त यशपाल मलिक को VIP ट्रीटमेंट
मामूली विवाद में घर से घसीटकर ले जाने वाली पुलिस देशद्रोह के अभियुक्त यशपाल मलिक के आगे-पीछे घूमती नजर आई। उन्हें सरकारी मेहमान बनाकर वीवीआईपी ट्रीटमेंट दिया गया।
जागरण संवाददाता, जींद। मामूली विवाद में घर से घसीटकर ले जाने वाली पुलिस देशद्रोह के अभियुक्त अखिल भारतीय जाट आरक्षण संघर्ष समिति के अध्यक्ष यशपाल मलिक के आगे-पीछे घूमती नजर आई। उन्हें सरकारी विश्रामगृह में मेहमान बनाकर रखा और वीवीआइपी ट्रीटमेंट दी।
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उल्लेखनीय है कि जींद पुलिस ने यशपाल मलिक व 151 अन्य लोगों के खिलाफ 26 मई को देशद्रोह का मामला दर्ज है। संघर्ष समिति के साथ हुई बैठक में अधिकारी मलिक की गिरफ्तारी का डर दिखाते रहे हैं, लेकिन रविवार को उन्हें गिरफ्तार करने के बजाय आगे-पीछे घूमते नजर आए।
रेस्ट हाउस में ठहराया, बयान लेने खुद पहुंची पुलिस
सरकार के साथ दिल्ली में बातचीत के बाद हरियाणा के दौरे में सबसे पहले उसी जींद को चुना, जहां उन्हें देशद्रोह का अभियुक्त बनाया गया था। स्वागत को तैयार बैठे प्रशासन ने उन्हें करीब 30 मिनट तक पीडब्ल्यूडी रेस्ट हाउस में ठहराकर न केवल सरकारी मेहमान बनाया, बल्कि देशद्रोह मामले के जांच अधिकारी ने रेस्ट हाउस पहुंचकर उनके बयान भी दर्ज किए।
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कहीं भी कर सकते पूछताछ : डीएसपी
हालांकि डीएसपी सिटी कप्तान सिंह को इसमें कुछ भी गलत नजर नहीं आता है। उन्होंने कहा कि किसी मामले में अभियुक्त से पुलिस कहीं भी पूछताछ कर सकती है। रविवार को यशपाल मलिक के जैसे ही रेस्ट हाउस में पहुंचने की सूचना मिली तो जांच अधिकारी बयान दर्ज करने के लिए वहां चली गई।
एसएचओ के नाम खुलवा दिया कमरा
बताया जाता है कि रविवार को यशपाल मलिक रेस्ट हाउस के जिस कमरे में रुके थे, वह एचएचओ सिटी के नाम से खुलवाया गया था। हालांकि जहां कार्यकारी एचएसओ इससे इन्कार कर रहे हैं, वहीं एसएचओ खुद एक दिन की छुट्टी पर घर गए हुए हैं।
जांच से पहले कुछ नहीं बता सकता : एसपी
वहीं, पूरे मामले पर एसपी राकेश आर्य का बयान और भी हास्यपद लगता है। उन्होंने कहा कि मलिक के जींद विश्रामगृह पहुंचने की जानकारी हमें थी। जींद पहुंचने के बाद देशद्रोह के मामले में उन्हें पुलिस जांच में शामिल किया गया था, लेकिन यह काम विश्रामगृह में किया गया, इसकी मुझे जानकारी नहीं है। अगर ऐसा हुआ है तो मामले की जांच कर वास्तविकता का पता लगाएंगे।
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डीसी ने मिलाए एसपी के सुर में सुर
डीसी विनय सिंह भी कुछ-कुछ एसपी राकेश आर्य के सुर में सुर मिलाते नजर आए। उन्होंने कहा कि यशपाल मलिक के जींद आने के बारे में तो पता था, लेकिन विश्रामगृह में रुकने के बारे में कोई जानकारी नहीं थी। डीसी के मुताबिक उन्हें बाद में पता चला कि विश्रामगृह में पुलिस ने बयान दर्ज किए हैं। अब वे जल्द ही पता लगाएंगे कि यह कैसे और क्यों हुआ।
शर्मा जी प्रशासन-पुलिस से दो कदम आगे
वहीं, इस मामले में लोकनिर्माण विभाग के कार्यकारी अभियंता विशाल शर्मा तो पुलिस-प्रशासन से भी दो कदम आगे निकल गए। उन्होंने कहा कि उन्हें ऐसी कोई जानकारी नहीं। जबकि विश्रामगृह के रसोइए ने कहा कि सुबह एसएचओ सिटी के नाम से कुछ समय के लिए कमरा खुलवाया गया था। यहीं पर यशपाल मलिक व उनके साथ लोग रुके।
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