इस फिल्म से सामने आएगा नेताजी सुभाष चंद्र बोस की मौत का सच
अभी तक नेताजी पर जितनी फिल्में बनी हैं, उनमें से किसी में भी नेताजी के 1945 के प्लेन क्रेश में बचने की संभावना को नजरअंदाज किया गया है।
मुंबई। उत्तर प्रदेश के फैजाबाद में रहने वाले गुमनामी बाबा के बारे में ये दावे किए जाते रहे हैं, कि वो नेताजी सुभाष चंद्र बोस ही थे। बाबा की कद-काठी और हाव-भाव काफी हद तक नेताजी से मिलते थे। अब गुमनामी बाबा पर एक बंगाली फिल्म बनाई जा रही है, जिसमें उन तथ्यों को कहानी का हिस्सा बनाया जाएगा, जो गुमनामी बाबा के नेताजी होने की तरफ इशारा करते हैं।
फिल्ममेकर अमालन कुसुम घोष की पीटीआई से हुई बातचीत के मुताबिक फिल्म का टाइटल ‘संन्यासी देशोनायक- क्वेस्ट फॉर ट्रूथ एंड जस्टिस’ है। फिल्म में मशहूर बंगाली एक्टर विक्टर बैनर्जी गुमनामी बाबा की भूमिका में दिखाई देंगे। हालांकि फिल्म किसी तरह के निष्कर्ष को नहीं दिखाएगी।
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घोष का कहना है- “गुमनामी बाबा सिर्फ एक संभावना हैं। ये कोई बायोपिक फिल्म नहीं है, बल्कि डॉक्यू-फिक्शन है। हम किसी भी संभावना से इंकार नहीं कर रहे हैं।” गुमनामी बाबा के बारे में कहा जाता है, कि वो उर्दू और रूसी ज़ुबान के अलावा बंगाली, हिंदी और अंग्रेजी धाराप्रवाह बोलते थे। घोष कहते हैं, कि अभी तक नेताजी पर जितनी फिल्में बनी हैं, उनमें से किसी में भी नेताजी के 1945 के प्लेन क्रेश में बचने की संभावना को नजरअंदाज किया गया है।
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फिल्म की शूटिंग उत्तर प्रदेश के ग्रामीण इलाकों के साथ फैजाबाद में भी की जाएगी, जहां 1985 में अपनी मृत्यु तक गुमनामी बाबा रहे थे। गुमनामी बाबा के किरदार को रियलिस्टिक बनाने के लिए मुंबई के प्रोस्थेटिक मेकअप आर्टिस्टों की मदद ली जाएगी। हिंदी सिनेमा में सुभाषचंद्र बोस पर श्याम बेनेगल 'नेताजी सुभाषचंद्र बोस- द फॉरगॉटन हीरो' नाम से बायोपिक फिल्म बना चुके हैं, जिसमें सचिन खेड़ेकर ने लीड रोल निभाया था।