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    इस रिकॉर्डिंग से सामने आया सेंसर बोर्ड का सच!

    फिल्‍मों में गाली-गलौच और आपत्तिजनक शब्‍दों के इस्‍तेमाल पर सेंसर बोर्ड के पाबंदी लगाने को लेकर अभी भी विवाद थमा नहीं है। वैसे तो फिल्‍म इंडस्‍ट्री के कड़े बड़े निर्माता-निर्देशकों, अभिनेता-अभिनेत्रियों के विरोध के बाद सूचना एवं प्रसारण मंत्री राज्‍यवर्धन सिंह राठौर समेत सेंसर बोर्ड के कई बड़े अधिकारियों ने

    By Pratibha Kumari Edited By: Updated: Mon, 30 Mar 2015 11:47 AM (IST)

    मुंबई। फिल्मों में गाली-गलौच और आपत्तिजनक शब्दों के इस्तेमाल पर सेंसर बोर्ड के रोक लगाने को लेकर अभी भी विवाद थमा नहीं है। वैसे तो फिल्म इंडस्ट्री के कड़े बड़े निर्माता-निर्देशकों, अभिनेता-अभिनेत्रियों के विरोध के बाद सूचना एवं प्रसारण मंत्री राज्यवर्धन सिंह राठौर समेत सेंसर बोर्ड के कई बड़े अधिकारियों ने कहा कि सेंसर बोर्ड का रोल फिल्मों को सर्टिफिकेट देना है, ना कि उन पर कैंची चलाना है। मगर सेंसर बोर्ड के अध्यक्ष पहलाज निहलानी के साथ दो युवा फिल्मकारों के साथ बातचीत की एक ऑडियो रिकॉर्डिंग ने असल हकीकत बयां कर दी है।

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    दरअसल, फिल्म 'यहां सबकी लगी है' के दो युवा फिल्मकार टीना ए बोस और साइरस आर खम्बटा हाल ही में सेंसर बोर्ड के अध्यक्ष पहलाज निहलानी से मुलाकात करने पहुंचे और अनुरोध किया कि सेंसर बोर्ड ने जो आपत्तिजनक शब्दों की लिस्ट जारी की है, उससे उन्हें राहम मिल जाए।

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    उन्होंने यह दलील भी दी कि उनकी यह फिल्म आत्तिजनक शब्दों पर रोक लगाने से पहले ही बन चुकी थी। मगर पहलाज निहनानी ने स्पष्ट तौर पर कहा कि उन्होंने नियम नहीं बनाए हैं और ये जो गाइडलाइन है, उसमें मंत्रालय ही बदलाव कर सकता है।

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    सामने आए इस ऑडियाे रिकॉर्डिंग में पहलाज निहलानी को साफ यह कहते सुना गया, 'मैं नियमों को नहीं तोडूंगा। मैं लाचार हूं। नियम-कानून के बारे में सभी को पता है।' उन्होंने युवा फिल्मकारों के साथ करीब एक घंटे तक मुलाकात की और सलाह दी कि वे अपनी फिल्म में आपत्तिजनक शब्दों को फिर से डब करें।

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    युवा फिल्मकारों ने यह भी कहा कि एडल्ट फिल्म होने की वजह से आत्त्लिजक शब्दों की इजाजत मिलनी चाहिए, मगर पहलाज निहलानी ने स्प्ष्ट ताैर पर कह दिया कि एडल्ट फिल्मों में भी अश्लीलता नहीं दिखाई जा सकती है।