हिट एंड रन केस में सलमान खान बॉम्बे हाईकोर्ट से हुए बरी
साल 2002 के हिट एंड रन मामले में बॉलीवुड अभिनेता सलमान खान बॉम्बे हाईकोर्ट से बरी कर दिए गए हैं। सलमान के कोर्ट में हाजिर होते ही जस्टिस ए आर जोशी ने कहा- बरी हुए। इस तेरह साल पुराने मामले में कोर्ट ने सलमान को सभी आरोपों से बरी कर
मुंबई। साल 2002 के हिट एंड रन मामले में बॉलीवुड अभिनेता सलमान खान बॉम्बे हाईकोर्ट से बरी कर दिए गए हैं। सलमान के कोर्ट में हाजिर होते ही जस्टिस ए आर जोशी ने कहा- बरी हुए। इस तेरह साल पुराने मामले में कोर्ट ने सलमान को सभी आरोपों से बरी कर दिया है। सेशंस कोर्ट ने सलमान को इस मामले में 6 मई को पांच साल की सजा सुनाई थी। इस दुर्घटना में एक व्यक्ति की मौत और चार अन्य लोग घायल हो गए थे।
सलमान खान के वकील अमित देसाई ने कहा कि हम हाईकोर्ट के फैसले से संतुष्ट हैं। सलमान के लिए ये बड़ी राहत है और वह बहुत खुश हैं। कोर्ट ने सलमान खान को पासपोर्ट भी वापस कर दिया है।
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जस्टिस ए आर जोशी ने इस मामले में फैसला सुनाते हुए कहा कि अभियोजन पक्ष सलमान खान के खिलाफ कोई भी आरोप साबित करने में कामयाब नहीं रहा। ये साबित नहीं हुआ कि सलमान नशे में थे और गाड़ी चला रहे थे। इसलिए सलमान दोषी करार नहीं दिए जा सकते हैं। जस्टिस जोशी जब फैसला सुना रहे थे, तो सलमान खुद कोर्ट में मौजूद थे। फैसला सुनते ही सलमान भावुक हो गए।
हालांकि इस मामले में सलमान को राहत मिलने के संकेत सोमवार को ही मिल गए थे। जब बॉम्बे हाईकोर्ट ने कहा था कि सलमान के दिवंगत बॉडीगार्ड रवींद्र पाटिल का बतौर गवाह दिया गया बयान पूरी तरह विश्वसनीय नहीं है।
28 सितंबर, 2002 को हुए सड़क हादसे के प्रत्यक्षदर्शी पाटिल ने कहा था कि सलमान खान उस समय एसयूवी चला रहे थे जिसने फुटपाथ पर सो रहे लोगों को कुचला, पूरी तरह विश्वसनीय नहीं है।
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गौरतलब है कि हादसे के वक्त सलमान का बॉडीगार्ड कार में ही मौजूद था। निचली अदालत ने अपने फैसले में रवींद्र पाटिल की गवाही को ही आधार बनाया था और पांच साल की सजा सुनाई थी। इसके बाद सलमान खान ने सत्र न्यायालय के फैसले को चुनौती दी थी।
सोमवार से जस्टिस एआर जोशी खुली अदालत में अपना फैसला लिखवा रहे थे। सत्र न्यायालय के फैसले तथा अभियोजन पक्ष और बचाव पक्ष की दलीलों पर गौर करने के साथ-साथ हर पेंच पर ध्यान देते हुए अदालत फैसला लिख था। मसलन, सलमान खान रेन बार में गए थे, यह तो साबित होता है, लेकिन सलमान को उस रात किसी ने भी शराब पीते हुए नहीं देखा।
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इसके अलावा, होटल के बिल की तारीख को लेकर भी उलझन है, क्योंकि पुलिस ने 27 सितंबर का बिल पेश किया, लेकिन सलमान जब वहां से निकले, तब तारीख बदल चुकी थी। वैसे, सलमान खान खुद गाड़ी चला रहे थे, इस पर भी भ्रम बरकरार है, क्योंकि किसी ने सलमान खान को गाड़ी चलाते नहीं देखा था।
कुछ और भी नुक्ते थे, जिन्हें संभवतः ध्यान में रखा गया। जैसे गवाह नंबर 8 ने कहा था कि कार में चार लोग थे, और इसके बाद अभियोजन पक्ष ने उसे क्रास एक्जामिन नहीं किया, जो होना चाहिए था। जैसे हादसे के बाद दर्ज एफआईआर सलमान खान के शराब पिए होने की बात नहीं लिखी गई थी और वह आरोप कुछ दिन बाद जोड़ा गया।
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वहीं गवाह नंबर 7 ने पूछताछ के दौरान कहा था कि उस समय सलमान खान के मुंह से शराब की बू नहीं आ रही थी और वह लड़खड़ा भी नहीं रहे थे। जैसे- सलमान खान ने उस रात शराब पी थी या नहीं, इसकी जांच के लिए ब्लड सैम्पल लेने से पहले सलमान की सहमति ज़रूरी थी, लेकिन फॉर्म पर सलमान के दस्तखत नहीं पाए गए।
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