उत्तराखंड चुनाव: कांग्रेस ने धनोल्टी से हटाया प्रत्याशी
उत्तराखंड विधानसभा चुनाव के लिए धनोल्टी सीट पर निर्दलीय प्रीतम सिंह पंवार के खिलाफ मनमोहन मल्ल को उम्मीदवार बनाने वाली कांग्रेस ने शुक्रवार को अपने कदम पीछे खींच लिए।
देहरादून, [राज्य ब्यूरो]: कांग्रेस ने भी वफा निभाने का खूब अंदाज निकाला। अगर गिड़गिड़ाएं तो फिर तुरंत मिल सकता है समर्थन। कुछ इसी अंदाज में पार्टी ने संकट के साथी रहे पीडीएफ (प्रोग्रेसिव डेमोक्रेटिक फ्रंट) के मंत्री प्रीतम सिंह पंवार से वफादारी निभाई। दो दिन पहले धनोल्टी सीट पर निर्दलीय प्रीतम सिंह पंवार के खिलाफ मनमोहन मल्ल को उम्मीदवार बनाने वाली कांग्रेस ने शुक्रवार को अपने कदम पीछे खींचते हुए पंवार के खिलाफ प्रत्याशी खड़ा नहीं करने का फैसला लिया है। वहीं, सूत्रों के अनुसार मुख्यमंत्री हरीश रावत ने देर रात मल्ल से बात की है। समझा जा रहा है कि कांग्रेस नामांकन वापसी से पहले नाम वापस लेने के लिए मनमोहन मल्ल को मना लेगी।
इस फैसले से अजीबोगरीब हालत पैदा हो गए हैं। पार्टी के सिंबल पर नामांकन कर चुके मल्ल यदि खुद चुनाव मैदान से हटे तो ही कांग्रेस और पंवार को राहत मिल सकेगी। उधर, मल्ल ने इस फैसले पर आश्चर्य जताया। उन्होंने कहा कि वह कांग्रेस के सिंबल पर ही चुनाव लड़ेंगे। इस मामले में मुख्यमंत्री से वार्ता की जाएगी। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष किशोर उपाध्याय ने कहा कि इस मसले को सुलझा लिया जाएगा।
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उत्तराखंड विधानसभा चुनाव के लिए बीती 24 जनवरी को मनमोहन मल्ल को उम्मीदवार बनाकर पार्टी सिंबल दे चुकी कांग्रेस ने दो दिन बाद ही उन्हें चुनाव मैदान से बाहर कर दिया। मल्ल का टिकट कटने की वजह काबीना मंत्री प्रीतम सिंह पंवार का पार्टी से समर्थन मांगना बताया जा रहा है। बीते मार्च माह में कांग्रेस में बगावत के बाद संकट में आई हरीश रावत सरकार के साथ पीडीएफ मुस्तैदी से खड़ा रहा।
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काबीना मंत्रियों प्रीतम पंवार और दिनेश धनै ने कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ने से इन्कार कर दिया। इसके बाद पार्टी ने उक्त दोनों सीटों पर प्रत्याशी उतार दिए। हालांकि, पंवार के खिलाफ पार्टी ने अपेक्षाकृत मजबूत प्रत्याशी के रूप में मल्ल को चुनाव मैदान में उतारा। मल्ल मसूरी नगरपालिका अध्यक्ष भी हैं और इस सीट पर पार्टी के टिकट पर पिछला चुनाव भी लड़ चुके हैं।
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मल्ल के मैदान में उतरने से चिंतित पंवार ने कांग्रेस के समर्थन के लिए मुख्यमंत्री हरीश रावत से वार्ता की। इसके बाद कांग्रेस हाईकमान ने प्रीतम पंवार को चुनाव में समर्थन देने के लिए शुक्रवार को पत्र जारी कर दिया। मल्ल ने कांग्रेस के सिंबल पर शुक्रवार को ही नामांकन कराया। सिंबल पर नामांकन के बाद अब ये उन पर निर्भर करेगा कि वह हाईकमान के आदेश को मानें या नहीं। इससे पार्टी के सामने भी नई उलझन खड़ी हो गई। इस संबंध में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष किशोर उपाध्याय ने कहा कि पंवार ने पार्टी से समर्थन मांगा है। इसके बाद ही एआइसीसी ने उन्हें समर्थन देने का फैसला लिया है।
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मेरे पास पार्टी सिंबल है
मनमोहन मल्ल का कहना है कि मेरे पास पार्टी सिंबल है और मैं उसी पर लडूंगा चुनाव, कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष किस आधार पर उन्हें बैठाने का दावा कर रहे हैं।
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अब जो भी करना है कांग्रेस को ही करना है
प्रीतम सिंह पंवार का कहना है कि मुझे देर शाम जानकारी मिली कि कांग्रेस नेतृत्व ने धनोल्टी सीट पर मुझे समर्थन का फैसला किया है। अब जो भी करना है कांग्रेस को ही करना है।
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पार्टी का जो निर्देश है उसे पार्टी के लोगों को मानना ही होगा
मुख्यमंत्री हरीश रावत का कहना है कि पार्टी का जो निर्देश है उसे पार्टी के लोगों को मानना ही होगा। उम्मीद है सब कुछ ठीक होगा। अभी मेरी मनमोहन मल्ल से बात नहीं हो पाई है। लेकिन सब ठीक हो जाएगा।
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