उत्तराखंड इलेक्शन: तो कांग्रेस को भितरघात ने दिखा दी करामात
उत्तराखंड विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को भितरघातियों का ज्यादा खामियाजा भुगतना पड़ा है। इसके चलते कांग्रेस कई ऐसी सीटों पर चुनाव हारी है जहां उसके प्रत्याशी ठीकठाक स्थिति में थे।
देहरादून, [राज्य ब्यूरो]: देहरादून: प्रदेश में आए चुनावी नतीजों में भितरघातियों की भी अहम भूमिका रहा है। विशेषकर कांग्रेस को इसका ज्यादा खामियाजा भुगतना पड़ा है। इसके चलते कांग्रेस कई ऐसी सीटों पर चुनाव हारी है जहां उसके प्रत्याशी ठीकठाक स्थिति में थे। यह स्थिति तब रही जब चुनाव से पहले कांग्रेस ने अनुशासन के नाम पर बड़े पैमाने पर बागी तेवर अपने वालों को बाहर का रास्ता दिखाया था।
प्रदेश में हुए चुनाव में अप्रत्याशित परिणाम देखने को मिले हैं। तमाम राजनीतिक पंडितों के आंकलन को धता बताते हुए भाजपा ने अस्सी फीसद सीटों पर जीत दर्ज की है। देखा जाए तो मोदी लहर के बाद कांग्रेस को सबसे अधिक नुकसान भितरघातियों ने पहुंचाया है। टिकट बंटवारे के बाद असंतुष्टों के सुर दबाने के लिए अनुशासनात्मक कार्यवाही की गई।
इसका असर यह पड़ा कि खुले तौर पर की जाने वाली बगावत तो नहीं हुई लेकिन भितरघात शुरू हो गया। स्थिति यह बनी की इन असंतुष्टों ने पार्टी विधायक का समर्थन तो नहीं किया लेकिन गुपचुप तरीके से बागी प्रत्याशियों के साथ जुट गए। बड़े मंचों पर ये भले ही पार्टी के बुलावे पर खड़े हुए लेकिन अपने समर्थकों को असंतुष्ट प्रत्याशियों के साथ लगाए रखा। मतदान के बाद कांग्रेस भवन में प्रत्याशियों की बैठक में भी भितरघातियों का मुद्दा उठा था।
इसमें पार्टी प्रत्याशियों ने अपने ही संगठन के लोगों पर बगावती प्रत्याशियों पर काम करने का आरोप भी लगाया। उनके यह आरोप चुनाव परिणाम में सच साबित होते नजर आए हैं। पार्टी पदाधिकारियों के भितरघात का नतीजा यह हुआ कि पार्टी को मिलने वाले वोट बागी प्रत्याशियों व पार्टी के बीच बंट गए। इसका सीधा फायदा भाजपा प्रत्याशी अथवा निर्दल को मिला। कांग्रेस के वोट दो जगह बंटने से इनके जीत का फासला अपने आप ही बढ़ गया।
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