पाला बदलने वालों ने बदले उत्तराखंड के समीकरण
उत्तराखंड विधानसभा चुनाव 2017 में दूसरे दलों से चुनाव लड़ने वाले अधिकतर प्रत्याशियों ने चुनाव में समीकरण बदल डाले।
By Sunil NegiEdited By: Published: Sun, 12 Mar 2017 09:45 AM (IST)Updated: Sun, 12 Mar 2017 10:06 AM (IST)
देहरादून, [विकास गुसाई]: विधानसभा चुनाव में पाला बदलकर दूसरे दलों से चुनाव लड़ने वाले अधिकतर प्रत्याशियों ने चुनाव में समीकरण बदल डाले। जहां कांग्रेस छोड़कर भाजपा में आने वाले नेताओं में से दो को छोड़ सभी ने जीत दर्ज की वहीं, भाजपा से कांग्रेस में गए नेताओं को मुंह की खानी पड़ी। निर्दलीय के रूप में चुनाव में ताल ठोकने वाले बागियों ने कई सीटों के समीकरण प्रभावित किए और पार्टी प्रत्याशियों को हराने में अहम भूमिका निभाई।
उत्तराखंड के चुनाव नतीजों पर नजर डाली जाए तो बीते वर्ष मार्च और मई में कांग्रेस छोड़कर भाजपा का दामन थामने वाले हरक सिंह रावत, कुंवर प्रणव सिंह चैंपियन, प्रदीप बत्रा, सुबोध उनियाल, उमेश शर्मा काऊ, रेखा आर्य ने जीत दर्ज की। पूर्व मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा व पूर्व मंत्री अमृता रावत ने चुनाव नहीं लड़ा। बहुगुणा की सीट से उनके पुत्र सौरभ बहुगुणा व अमृता रावत के पुराने विस क्षेत्र से उनके पति व पूर्व केंद्रीय मंत्री सतपाल महाराज विजयी रहे।
चुनाव ऐ ठीक पहले भाजपा का दामन थामने वाले यशपाल आर्य और उनके पुत्र संजीव आर्य के साथ ही पूर्व विधायक केदार सिंह रावत ने भी अपनी-अपनी सीटें जीती हैं। केदारनाथ से शैलारानी रावत और जसपुर से डॉ. शैलेंद्र मोहन सिंघल, कांग्रेस के दो ऐसे पूर्व विधायक रहे जो भाजपा टिकट पर जीत दर्ज नहीं कर पाए।
भाजपा से बगावत कर चुनाव लड़ने वाले पूर्व मंत्री दिवाकर भट्ट देवप्रयाग में पार्टी प्रत्याशी को नुकसान नहीं पहुंचा पाए, लेकिन कांग्रेस के बागी पूर्व मंत्री शूरवीर सिंह सजवाण ने जरूर पार्टी प्रत्याशी व कैबिनेट मंत्री मंत्री प्रसाद नैथानी की हार में अहम भूमिका निभाई। केदारनाथ में भाजपा की बागी पूर्व विधायक आशा नौटियाल ने पार्टी प्रत्याशी पूर्व विधायक शैलारानी रावत को सीधे नुकसान पहुंचाया।
नरेंद्र नगर में भाजपा के बागी पूर्व विधायक ओमगोपाल ने जरूर पार्टी प्रत्याशी को सीधे टक्कर दी, लेकिन उनकी बगावत का नुकसान भाजपा को नहीं हुआ। भाजपा से बगावत कर कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ने वाले पूर्व विधायक शैलेंद्र रावत यमकेश्वर, सुरेश जैन रुड़की और भीमताल से दान सिंह भंडारी को हार का मुंह देखना पड़ा।
भीमताल से कांग्रेस से बगावत कर निर्दलीय चुनाव लड़ने वाले राम सिंह कैड़ा ने जीत दर्ज की। पुरोला विधानसभा में भाजपा से बगावत कर कांग्रेस के टिकट से चुनाव लड़ने वाले राजकुमार ने सीट अपने नाम की। घनसाली सीट से बतौर कांग्रेस प्रत्याशी मैदान में उतरे भाजपा के पूर्व विधायक भीमलाल आर्य चुनाव हार गए।
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