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    उत्‍तराखंड इलेक्‍शन: नहीं माने मनमोहन मल्‍ल, कांग्रेस की मुश्‍किल बढ़ी

    By Gaurav KalaEdited By:
    Updated: Sun, 29 Jan 2017 07:25 AM (IST)

    उत्‍तराखंड विधानसभा चुनाव के मद्देनजर धनोल्‍टी सीट पर कांग्रेस फंसती नजर आ रही है। मनमोहन मल्‍ल ने अपनी दावेदारी वापस नहीं लेने का फैसला लिया है।

    उत्‍तराखंड इलेक्‍शन: नहीं माने मनमोहन मल्‍ल, कांग्रेस की मुश्‍किल बढ़ी

    देहरादून, [राज्य ब्यूरो]: उत्तराखंड विधानसभा चुनाव के मद्देनजर टिहरी की धनोल्टी सीट पर मारी गई पलटी कांग्रेस के लिए गले की फांस बन गई है। सिंबल देने के बाद उम्मीदवारी वापस लेने के पार्टी के फैसले ने पहले से ही बगावत की आग को और हवा दे दी है। इस सीट पर पार्टी के टिकट पर नामांकन करा चुके मनमोहन मल्ल ने नाम वापस लेने से इन्कार करते हुए चुनाव में डटे रहने का इरादा जताया है। मुख्यमंत्री हरीश रावत और प्रदेश अध्यक्ष किशोर उपाध्याय की उन्हें मनाने की तमाम कोशिशें शनिवार को रंग नहीं लाईं। मल्ल ने ये कहकर पार्टी की मुश्किलें बढ़ा दी हैं कि वह चुनाव लड़ने पर अडिग हैं।

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    पीडीएफ पर पार्टी के दोहरे रवैये पर यह कहते हुए उन्होंने सवाल उठाया कि प्रीतम सिंह पंवार को समर्थन देने के लिए उनको मैदान से हटा रही है तो फिर टिहरी सीट पर पीडीएफ के धनै के खिलाफ प्रत्याशी खड़ा क्यों किया जा रहा है।

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    कांग्रेस ने बीती 24 जनवरी को धनोल्टी सीट पर मनमोहन मल्ल को प्रत्याशी घोषित कर सिंबल दिया था। लेकिन कांग्रेस की ओर से मजबूत प्रत्याशी देख चिंतित पीडीएफ से जुड़े काबीना मंत्री प्रीतम सिंह पंवार के कांग्रेस को समर्थन का वायदा दिलाने पर पार्टी ने झटपट स्टैंड बदल डाला।

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    पार्टी के स्टैंड में आए इस बदलाव की वजह मुख्यमंत्री हरीश रावत की जिद को माना जा रहा है। उनकी इस जिद के आगे प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष किशोर उपाध्याय एक बार फिर 'किशोर' साबित होकर रह गए। पार्टी ने सभी 70 सीटों पर चुनाव लड़ने का ऐलान किया था, लेकिन एक सीट पर पार्टी ने अपने फैसले को पलट दिया।

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    यह फैसला भी प्रत्याशी घोषित करने के तीसरे दिन बदला गया। नामांकन कर चुके पार्टी प्रत्याशी मनमोहन मल्ल इस फैसले से हैरान-परेशान हैं। मल्ल ने बीते रोज चुनाव लडऩे के अपने फैसले को दोहराया। हालांकि, उन्हें मनाने के लिए मुख्यमंत्री आवास बीजापुर भी बुलाया गया।

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    मुख्यमंत्री के साथ उनकी काफी देर तक वार्ता भी हुई। इसके बाद प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय राजीव भवन में पत्रकारों से मुखातिब रूबरू मुख्यमंत्री और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष ने मंच पर मल्ल को स्थान देकर उन्हें मनाने का संकेत देने की जैसे ही कोशिश की, वह तुरंत वहां से उठकर चल दिए और प्रदेश अध्यक्ष के कक्ष में बैठ गए। मुख्यमंत्री हरीश रावत व प्रदेश अध्यक्ष किशोर उपाध्याय मल्ल से मिलने पहुंचे। बंद कमरे में दोनों के बीच तकरीबन आधा घंटे तक वार्ता हुई। सूत्रों की मानें तो इस दौरान मुख्यमंत्री व किशोर उपाध्याय ने मल्ल को मनाने का प्रयास किया लेकिन वे टस से मस नहीं हुए। इस दौरान वह काफी भावुक भी हो गए थे।

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    उन्होंने कहा कि यदि उन्हें समय रहते बता दिया जाता तो वे नामांकन ही नहीं करते। अब मामला उनकी प्रतिष्ठा से भी जुड़ गए है। इस पर मुख्यमंत्री ने इस मसले पर आलाकमान से वार्ता कर शाम तक इस मामले का हल निकालने का आश्वासन दिया। पत्रकारों से अनौपचारिक बातचीत में मल्ल ने कहा कि अभी तक वे ही पार्टी के अधिकृत प्रत्याशी हैं। उनके पास पार्टी का अधिकृत सिंबल है। उन्हें चुनाव न लडऩे का कोई अधिकारिक पत्र नहीं मिला है।

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    मुख्यमंत्री व प्रदेश अध्यक्ष ने देर शाम तक इस मामले में आलाकमान से बात कर मामले का हल निकालने का आश्वासन दिया है। वे इसके बाद ही कोई कदम उठाएंगे। उन्होंने यह भी कहा कि यदि पार्टी प्रीतम सिंह पंवार को समर्थन देने के लिए उनको मैदान से हटा रही है तो फिर क्यों धनै के खिलाफ टिहरी में प्रत्याशी खड़ा किया जा रहा है। सभी के लिए निर्णय एक समान होना चाहिए। यही नहीं, बाद में मल्ल ने मसूरी स्थित अपने आवास पहुंचकर कार्यकर्ताओं व समर्थकों के साथ आगे की रणनीति पर भी मंथन किया।

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    उधर, मुख्यमंत्री हरीश रावत और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष किशोर उपाध्याय ने भरोसा जताया कि मल्ल को मना लिया जाएगा। वहीं निर्दलीय प्रत्याशी प्रीतम पंवार ने भी थौलधार क्षेत्र में प्रचार किया। प्रीतम पंवार से बात करने का प्रयास किया, लेकिन उनके दोनों मोबाइल नंबर स्विच ऑफ आए।

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