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    क्लिक कर जानें, केजरीवाल का नया सियासी फॉर्मूला 'जो फिट है, वो हिट है'

    By Ramesh MishraEdited By:
    Updated: Thu, 04 Aug 2016 10:25 AM (IST)

    गुजरात और पंजाब जैसे राज्‍यों में विधानसभा चुनाव होने हैं। सभी राजनीतिक दल अपनी रणनीति तैयार करने में जुटेे हैं। लेकिन अरविंद केजरीवाल की रणनीति सबसे जुदा है।

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    नई दिल्ली [ रमेश मिश्र ]। दिल्ली के मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी के मुखिया अरिंवद केजरीवाल की सियासी रणनीति सबसे जुुदा हैं। चार राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनावों पर सबकी नजर है। देश के प्रमुख राजनीतिक दलों की बड़ी-बड़ी रैलियां और रोड शो कार्यक्रम सुर्खियोंं में हैं। नेतागण भी चुनाव की तैयारियों में पूरी तरह से जुट गए हैं, ऐसे में अाप की यह जिज्ञासा लाजमी है कि अरविंद केजरीवाल क्या कर रहे हैं ? क्या है उनकी आगे की रणनीति ?

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    बता दें कि पंजाब, गोवा, उत्तर प्रदेश और गुजरात में विधानसभा चुनाव होने हैं। देश के प्रमुख राजनीतिक दलों ने चुनावी तैयारियां भी शुरू कर दी है। प्रमुख दलों की बड़ी-बड़ी रैलियां और रोड शो के कार्यक्रम हो रहे हैं। ऐसे वक्त में केजरीवाल इस सियासी दृष्य से एकदम नदारद हैं। ऐसा नहीं कि इस महाचुनावी हलचल से केजरीवाल अंजान हैं। वह विपक्षियों के शक्ति से पूरी तरह वाकिफ हैं। उनके प्रहार से भी उनका वास्ता हो चुका है।

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    दरअसल, इन दिनों सियासी हलचल से गायब होना भी उनके उनके चुनावी अभियान और रणनीति का एक प्रमुख हिस्सा है। वह सियासी पारी को विराम देकर इन दिनों ऊर्जावान हो रहे हैं। अपनी आंतरिक शक्तियों को बढ़ाने में जुटे हैं। केजरीवाल यह बात बाखूबी जानते हैं कि वह अपने पार्टी के एकलौते स्टार प्रचारक हैं। एक बड़ा चेहरा हैं। और चुनाव का सारा दारोमदार उनके ऊपर ही टिका है। इसलिए वह अपने स्वास्थ्य को पूरी तरह से फिट रखने की कवायद मेंं जुट गए हैं।

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    वह जानते हैं कि इस तुफानी महासमर में विपक्षियों से मुकाबले के लिए उनका फिट रहना नितांत जरूरी है। अगर फिट रहेंगे तभी हिट भी रहेंगे। उनको इस बात का अहसास है कि गुजरात में उनका प्रत्यक्ष या अप्रत्क्ष मुकाबला प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से होना है। यहांं का विधानसभा चुनाव दोनों दलों के लिए एक प्रतिष्ठा का विषय बन चुका है। हालांकि, इस राज्य में आम आदमी पार्टी के पास खोने के लिए कुछ भी नहीं है। लेकिन भारतीय जनता पार्टी के लिए गुजरात अत्यधिक प्रतिष्ठा का विषय है। इस राज्य के हार-जीत बहुत मायने रखेंगे।

    इसी तरह से पंजाब में होने वाले विधानसभा चुनाव में आप को काफी उम्मीदें हैं। वह पंजाब में प्रमुख दलों को कड़ी टक्कर देने की स्थिति में है। यह उत्साह उस समय से है जब लोकसभा चुनाव में आप के दो उम्मीदवारों ने चुनाव जीता था। इसके बाद यह उत्साह तब और भी बढ़ गया जब भाजपा के नवजोत सिंह सिद्धू ने आप का दामन थाम लिया। ऐसे में जाहिर है कि यहां आप उमंग और अति उत्साह के साथ जीत के लिए मैदान में उतरेगी।

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    बता दें कि चुनावी चुनौतियों को देखते हुए इन दिनों अरविंद केजरीवाल धर्मशाला स्थित प्रख्यात विपश्यना केंद्र धर्मकोट में 10 दिन तक मेडिटेशन के लिए पहुंच हैं। वह यहां आत्मिक शांति पाने के लिए ध्यान लगाने गए हैं। उनका मकसद अपने आपको चुनावों के लिए फिट करना है।

    वह हिमाचल प्रदेश के विपश्यना केंद्र में मुख्यमंत्री की तरह नहीं, बल्कि एक योगी की तरह 12 अगस्त तक दिन बिताएंगे। विपश्यना केंद्र की दिनचर्या और नियमावली के अनुसार सुबह 5 बजे उठना होगा। सोने का समय रात 11 बजे होगा। इसके बाद दिन में कई सत्रों में वह ध्यान लगाएंगे। कुछेक सत्रों में धर्म को लेकर लेक्चर भी होंगे।