'बेटे' की शादी में नाच रही थी दीवानी मां और देख रहा था जमाना
कल ‘बेटे’ दीपक की आज शादी हुई। वह इस शादी में जी भर कर नाची। बरात पहाड़गंज से गोल मार्केट आई। दुल्हा-दुल्हन को आशीर्वाद देने कई विदेशी मेहमान भी आए।
नई दिल्ली [नेमिष हेमंत]। गैरों की शादियों व बच्चों के जन्मदिन पर किन्नर नाचते हैं। यह उनका पेशा है और रोजीरोटी का साधन है, लेकिन अपने बेटे की शादी में नाचना किसी किन्नर के लिए जन्मभर के सपने का पूरा हो जाने जैसा है।
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कल मीणा के साथ ऐसा ही हुुआ। कल उसके ‘बेटे’ दीपक की आज शादी हुई। वह इस शादी में जी भर कर नाची। बरात पहाड़गंज से गोल मार्केट आई। दुल्हा-दुल्हन को आशीर्वाद देने कई विदेशी मेहमान भी आए।
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बेटी दीपक की शादी को लेकर पहाड़गंज के संगतराशान गली में मीणा का घर कई दिनों झालरों से रोशन रहा। ढोल बजेे। बधाई गीत गाए गए।
किन्नर ने बनाया राष्ट्रीय स्तर का खिलाड़ी
दीपक को किन्नर ने बेटे से बढ़कर पाला। उसकी अच्छी परवरिश की। उसे राष्ट्रीय स्तर का खिलाड़ी बनाया। गैरों के बेटे की शादी पर इस तरह की तैयारी के सवाल पर मीणा मानती ही नहीं कि दीपक उसका बेटा नहीं है। दीपक भी कहते हैं कि मेरे तो मां-बाप यही हैं। आज जो भी हूं इनकी बदौलत। यहां परवरिश न होती तो पता नहीं क्या होता।
यह कोई 27 साल पहले की बात है, जब मीणा को दीपक मिला। तब दीपक दो साल का था। हालांकि, दीपक कहां मिला और कैसे मिला के सवाल को वे टालने की कोशिश करती हैं। वे कहती हैं कि इस बात को जाने दीजिए। दीपक की परवरिश इस माहौल से अलग हुई है। पूरी तरह से अलग माहौल में रखा। अधिकतर हॉस्टल में।
दीपक रह चुके हैं स्केटिंग हाकी के राष्ट्रीय खिलाड़ी
दीपक स्केटिंग हाकी के राष्ट्रीय स्तर के खिलाड़ी रह चुके हैं और अभी स्केटिंग टीम के कोच हैं। वहीं वधू कोमल रेवाड़ी की रहने वाली है और उसने दिल्ली में रहकर पढ़ाई की। कुछ माह पहले तक कोमल एक कंपनी में इक्विटी मैनेजर थी।
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