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मुझे 1981 के अपने व्यवहार पर खेद है : गावस्कर

मेलबर्न क्रिकेट ग्राउंड पर बहुचर्चित बहिष्कार की घटना के लगभग तीन दशक बाद पूर्व भारतीय कप्तान सुनील गावस्कर ने विरोध जताने के अपने तरीके पर शनिवार को खेद जताया और कहा कि यह उनकी तरफ से बहुत बड़ी गलती थी।

By Kamal VermaEdited By: Published: Sat, 27 Dec 2014 08:34 PM (IST)Updated: Sat, 27 Dec 2014 08:43 PM (IST)
मुझे 1981 के अपने व्यवहार पर खेद है : गावस्कर

मेलबर्न। मेलबर्न क्रिकेट ग्राउंड पर बहुचर्चित बहिष्कार की घटना के लगभग तीन दशक बाद पूर्व भारतीय कप्तान सुनील गावस्कर ने विरोध जताने के अपने तरीके पर शनिवार को खेद जताया और कहा कि यह उनकी तरफ से बहुत बड़ी गलती थी।

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भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच 1981 की सीरीज खराब अंपायरिंग के कारण प्रभावित हुई थी। डेनिस लिली की इनकटर पर अपने तीसरे टेस्ट मैच में अंपायरिंग कर रहे रेक्स वाइटहेड ने गावस्कर को पगबाधा आउट दे दिया। गावस्कर का मानना था कि गेंद उनके बल्ले को छूकर पैड पर लगी। वह क्रीज से नहीं हटे और उन्होंने अपना विरोध जताया। गावस्कर ने अपना बल्ला पैड पर पटका ताकि अंपायर उनकी नाराजगी को समझ सकें।

गावस्कर जब बेमन से पवेलियन लौट रहे थे तभी लिली ने कथित रूप से कोई टिप्पणी कर दी जिससे बात बिगड़ गई। गावस्कर वापस आए और उन्होंने साथी सलामी बल्लेबाज चेतन चौहान को भी क्रीज छोड़ने की हिदायत दे डाली। चौहान ने वही किया जो कप्तान ने उन्हें कहा, लेकिन सीमा रेखा पर टीम मैनेजर शाहिद दुर्रानी और सहायक मैनेजर बापू नाडकर्णी ने उन्हें रोक दिया। चौहान वापस अपनी पारी आगे बढ़ाने के लिए क्रीज पर आ गए, जबकि गावस्कर पवेलियन लौट गए।

गावस्कर ने तीसरे टेस्ट मैच में चाय के विश्राम के दौरान संजय मांजरेकर और कपिल देव के साथ कार्यक्रम में कहा, 'मुझे उस फैसले पर खेद है। वह मेरी तरफ से बड़ी गलती थी। भारतीय कप्तान होने के नाते मुझे उस तरह का व्यवहार नहीं करना चाहिए था। मैं किसी भी तरह से अपनी हरकत को सही साबित नहीं कर सकता। मैं आउट था या नहीं, मुझे उस तरह का व्यवहार नहीं करना चाहिए था। यदि आज के जमाने में ऐसी घटना घटी होती तो मुझ पर जुर्माना लग जाता।'

कार्यक्रम में मौजूद कपिल देव ने कहा कि उस वक्त टीम के सभी खिलाड़ी गावस्कर के साथ खड़े थे। कपिल उस समय काफी युवा थे और उनका यह केवल दूसरा विदेशी दौरा था। उन्होंने 28 रन देकर पांच विकेट लिए और ऑस्ट्रेलिया को दूसरी पारी में 83 रन पर ढेर करने में अहम भूमिका निभाई। मैच में जीत की बदौलत भारत तीन मैचों की सीरीज 1-1 से बराबर करने में सफल रहा था।


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