BSSC SCAM : विपक्ष पर हमलावर हुए नीतीश, कहा- न कोई फंसेगा न बचेगा
बीएसएससी पेपर लीक कांड में विपक्ष के आरोपों पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कड़ा बयान दिया। उन्होंने कहा कि सरकार किसी का पक्ष नहीं ले रही और कानून अपना काम कर रहा है।
पटना [राज्य ब्यूरो]। पेपर लीक कांड में आइएएस सुधीर कुमार की गिरफ्तारी पर मचे बचे बवाल के बीच मुख्यमंत्री नीतीश कुमार विधानसभा में उन सभी लोगों के खिलाफ हमलावर दिखे, जो जांच और सरकार की मंशा पर सवाल खड़े कर रहे हैं। नीतीश ने साफ कहा कि कानून अपना काम कर रहा है, न कोई फंसेगा और न कोई बचेगा। आइएएस की गिरफ्तारी और पेपर लीक कांड के हर पहलू की जांच कराई जाएगी।
सरकार करेगी लैंडमार्क फैसला
उन्होंने कहा कि इस मामले में सरकार 'लैंडमार्क' फैसला करेगी। यानी ऐसा फैसला जो मील का पत्थर साबित होगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि मंत्रियों की संलिप्तता को लेकर विपक्ष के पास कोई सबूत है, तो दे। जांच होती है, तो कहते हैं कि क्यों हो रही, नहीं होती तो मांग करते हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा, क्या ऐसा नियम है क्या कि मुख्यमंत्री पुलिस जांच में हस्तक्षेप करे? नीतीश ने तंज कसा कि सीबीआइ जांच की मांग अब फैशन में है।
आइएएस संघ ने नहीं दिया मांगपत्र
पत्रकारों से बात करते हुए नीतीश ने आइएएस सुधीर कुमार की गिरफ्तारी के बाद आइएएस एसोसिएशन के मांगपत्र को लेकर स्थिति स्पष्ट की। कहा कि कानून के राज में सभी समान हैं। अधिकारी की गिरफ्तारी से जुड़े एक-एक पहलू की जांच होगी। हम इसके कानूनी और संवैधानिक दोनों पहलुओं को देखेंगे। इस बारे में सरकार के स्तर पर जो निर्णय लिया जाएगा, वह लैंडमार्क होगा।
मुख्यमंत्री ने कहा, इस बारे में आइएएस एसोसिएशन के सदस्य उनसे जरूर मिले थे, पर कोई ज्ञापन की बात नहीं हुई। एसोसिएशन ने जो कुछ भी कहा था, उस मामले में उन्होंने मुख्य सचिव अंजनी कुमार सिंह को निर्देश दे दिए हैैं।
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राज्यपाल के पास ज्ञापन का पता नहीं
नीतीश ने कहा कि राज्यपाल के पास ज्ञापन है कि नहीं, इसकी आधिकारिक जानकारी उनके पास नहीं है। कोई कागज उनके पास आए, तब न पता चले कि क्या है? आरंभ से ही उनका सिद्धांत है कि न किसी को फंसाया जाएगा और न ही किसी को बचाया जाएगा।
मंत्रियों के खिलाफ सबूत है तो देता क्यों नहीं विपक्ष?
विपक्ष का आरोप था कि पेपर लीक मामले में मंत्रियों की संलिप्तता है। नीतीश ने कहा, मैंने सोमवार को भी कहा है कि अगर कोई साक्ष्य है तो देरी क्यों कर रहे? किस मंत्री ने प्रश्नपत्र मांगा यह हमें भी तो बताएं। नाम बताने से कौन रोक रहा है? घटना होगी तो जांच की मांग करेंगे। जांच होगी तो कहेंगे कि फंसा दिया।
जदयू के निलंबित विधायक मेवालाल चौधरी प्रकरण भी नीतीश ने कहा कि मेरे कार्यकाल का मामला नहीं है। पुलिस जांच कर रही है।
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सीबीआइ जांच की मांग फैशन में
राज्यपाल के अभिभाषण पर वाद-विवाद के बाद सरकार का पक्ष रखते हुए भी मुख्यमंत्री ने हाल की घटनाओं के बाद विपक्ष के आक्रामक रुख पर सवाल खड़े किए। मुख्यमंत्री ने कहा कि भाजपा नेता पुलिस जांच पर हमेशा सवाल उठाते हैं। लेकिन, जांच आइपीसी और सीआरपीसी के तहत ही होती है। केंद्र में भाजपा की सरकार है। भाजपा वाले सीआरपीसी में संशोधन क्यों नहीं करा देते? संशोधन करा दीजिए कि जांच का अधिकार भाजपा नेताओं के पास रहेगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि व्यवस्था का मजाक नहीं बनाया जाना चाहिए। सीबीआइ जांच की मांग इन दिनों फैशन बन गई है। सीबीआइ भी पुलिस का ही संगठन है। बरमेश्वर मुखिया हत्याकांड, पत्रकार राजदेव रंजन हत्याकांड, मुजफ्फरपुर के नवरूणा कांड का क्या हुआ? इनकी जांच भी तो सीबीआइ कर रही। कहीं ऐसा तो नहीं कि सीबीआइ जांच की मांग अनुसंधान पर पर्दा डालने के लिए की जा रही है। मैंने आज तक न किसी को फंसाया है, न ही बचाया है।
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कानून-व्यवस्था के मामले में बिहार 22वें नंबर पर
कानून व्यवस्था को लेकर प्रतिपक्ष द्वारा लगाए जा रहे आरोपों के जवाब में मुख्यमंत्री कहा कि हत्या, दुष्कर्म, मामूली दंगे, बैंक डकैती, सड़क दुर्घटना, अनुसूचित जाति एवं जनजाति के खिलाफ मामलों में भारी कमी आई है। उन्होंने कहा कानून व्यवस्था की स्थिति को मामले में बिहार 22 वें स्थान पर है, जबकि दिल्ली पहले। दिल्ली पुलिस किसके नियंत्रण में है यह किसी से छिपा नहीं।
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