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    बिहार में बाढ़ : बीच मंझधार में नाव पर गूंजी किलकारियां...जानिए

    By Kajal KumariEdited By:
    Updated: Tue, 30 Aug 2016 03:56 PM (IST)

    बाढ़ की विभीषिका के बीच भी भगवान लोगों के लिए खुशियों के पल दे रहा है। जहां एक तरफ पानी से तबाही का मंजर है तो दूसरी ओर बीच मंझधार में नाव पर ही कई बच्चों ने जन्म लिया है।

    पटना [वेब डेस्क]। बाढ़ का दंश झेल रहे बिहार में जहां एक ओर उदासी छाई हुई है वहीं कुछ पल के लिए खुशियों की भी आहट मिल जाती है। कहते हैं जिंदगी चलती रहती है, चाहे कुछ भी हो। एेसा ही एक वाकया रविवार को सामने आया जब गंगा की गोद में दो बच्चों का जन्म हुआ।

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    एक का नाम रखा गंगेश दूसरे का भीष्म

    इनमें से एक बच्चे का नाम डीएम ने गंगेश और दूसरे का नाम राहत शिविर में मौजूद महिलाओं ने भीष्म रखा है। बच्चों के जन्म की खुशी में बालक मध्य विद्यालय, दीघा में महिलाओं ने घंटों सोहर गाया। छोटे बच्चों के लिए अलग से खीर पूरी बनायी गयी। डीएम ने दोनों बच्चों की मां को दस-दस हजार का चेक, दोनों बच्चों के लिए कपड़ा, तेल, साबुन, खिलौना, तौलिया और जरूरत के सभी सामान खुद अपने हाथों से दिये।

    डीएम रख रहे पल-पल की जानकारी

    दौरे पर पहुंचे डीएम ने जब भीष्म को सुस्त देखा, तो तुरंत डॉक्टर को बुला कर उसकी तबीयत के बारे में पूछा. उसके बाद उसे पीएमसीएच भेजने का आदेश दिया गया, लेकिन शिविर में रहने वाले लोगों के आग्रह पर रवि आरोग्य निकेतन, दीघा में बच्चे को भेजा दिया गया, ताकि उस बच्चे व मां का बेहतर केयर हो सके। अभी तक पटना जिले के राहत शिविरों में पांच बच्चों का जन्म हो चुका है.

    व्हाट्सएप पर दी जानकारी

    नकटा दियारे की गुड़िया देवी को 25 अगस्त को लेबर पेन हुआ। उसे एनडीआरफ की टीम रेस्क्यू कर बालक मध्य विद्यालय दीघा ला रही थी, लेकिन तेज दर्द के कारण नाव पर ही बच्चे का जन्म हो गया।

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    इसकी सूचना डीएम को स्कूल की प्राचार्या इंदु कुमारी ने व्हाट्सएप पर दी। डीएम ने बच्चे की कुशलता पूछते हुए शिविर में उसके लिए हर सुविधा मुहैया कराने को कहा। लोगों के अनुरोध पर डीएम ने उसका नाम गंगेश रखा। वहीं शनिवार को उसी राहत कैंप में सरिता देवी को लेबर पेन हुआ। वहां मौजूद डॉक्टरों ने प्राथमिक इलाज कर उसे बगल के हॉस्पिटल में डिलिवरी के लिए भेज दिया, जहां उसने बच्चे को जन्म दिया।

    महिलाओं को किया जा रहा जागरूक

    इसका नाम लोगों ने भीष्म रखा है। इन सबके बीच राहत शिविरों में रहने वाली महिलाओं के बीच सैनेटरी नैपकीन का वितरण किया गया। वहीं महिला डॉक्टरों ने मासिक चक्र के दौरान खुद को कैसे साफ रखें के बारे में जानकारी दी। गंदगी से होनेवाली बीमारियों के प्रति भी महिलाओं को जागरूक किया गया। एक घंटा तक चले जागरूकता कार्यक्रम में कई तरह की जानकारियां दी गयीं।

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    एनडीआरएफ के सदस्य कर रहे भरपूर सहयोग

    एक हफ्ते में ये तीसरी बार है जब एनडीआरएफ की टीम ने तुरंत मोर्चा संभालते हुए स्थिति को संभाला और ये घटना भी है बिहार के उप-मुख्यमंत्री तेजस्वी प्रसाद यादव के विधानसभा क्षेत्र राघोपुर की। एनडीआरएफ के कमांडेंट को जैसे ही ये ख़बर मिली तो सुबह सवा सात बजे एक बोट को चंद्रपुरा गांव के लिए रवाना कर दिया गया। इस बोट में एनडीआरएफ के इंस्पेक्टर ऋषिकेश सहित चार अन्य सदस्य शामिल थे।

    मिल रहा पूरा सहयोग

    बाढ़ प्रभावित बिहार में एनडीआरएफ की टीम बाढ़ पीड़ितों के अलावा गर्भवती महिलाओं को राहत पहुंचाने में पूरा सहयोग कर रही है। एनडीआरएफ के सदस्यों को महिलाओं की डिलीवरी कराने की विशेष ट्रेनिंग भी दी जाती है ताकि प्रसव पीड़ा से कराहती महिलाओं की डिलीवरी समय रहते करा ली जा सके। हालात ये हैं कि एनडीआरएफ के सदस्य अगर ठीक समय पर गर्भवती महिला के पास नहीं पहुंचें तो उनकी जान पर खतरा भी हो सकता है।