BSSC SCAM: परमेश्वर ने किया बड़ा खुलासा, ANM भर्ती में भी किया घोटाला
बीएसएससी पेपरलीक मामले में गिरफ्तार आरोपी आयोग के पूर्व सचिव परमेश्वर राम ने कई सनीसनीखेज खुलासे किए हैं, जिनमें उन्होंने स्वीकारा है कि उन्होंने एएनएम भर्ती में भी घोटाला किया था।
पटना [जेएनएन]। बिहार कर्मचारी चयन आयोग (बीएसएससी) की इंटरस्तरीय परीक्षा के पेपर लीक कांड में गिरफ्तार पूर्व सचिव परमेश्वर राम और उनके दलाल आनंद शर्मा ने पूछताछ के दौरान सनसनीखेज खुलासा किया है।
परमेश्वर ने स्वीकार कर लिया कि एएनएम की भर्ती के लिए चल रही काउंसलिंग में उसने धांधली की थी। उसने कहा कि इस गोरखधंधे में उसे आयोग के तत्कालीन अध्यक्ष सुधीर कुमार का साथ मिलता था। उसने कहा कि उसके पास पैरवी करने वालों में नेताओं के अलावा दो आइएएस अधिकारी भी थे।
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40 एएनएम अभ्यर्थियों को दिलानी थी नौकरी
बीएसएससी पेपर लीक घोटाला की जांच कर रही एसआइटी के मुताबिक परमेश्वर को लगभग 40 एएनएम अभ्यर्थियों को नौकरी दिलानी थी। अधिकांश महिला अभ्यर्थी जमीन की खरीद-फरोख्त करने वाले आनंद शर्मा के माध्यम से आई थीं।
आनंद ने उन अभ्यर्थियों के नाम और रोल नंबर कागज पर लिख कर उसे दिए थे। परमेश्वर ने एसआइटी को बताया कि नौकरी दिलाने के एवज में आनंद उसे जमीन देने वाला था।
आनंद ने अभ्यर्थियों से टोकन मनी के रूप में कुछ नकदी ली थी, लेकिन उसे नहीं मिली। आनंद से दिल्ली में बड़ा प्लाट दिलाने की बात हुई थी। प्लाट कहां लेना है, इसके लिए वह आनंद बरार से बातचीत कर रहा था।
विश्वस्त सूत्रों की मानें तो पूछताछ के दौरान परमेश्वर राम पुलिस को अपनी बातों में बरगलाने की कोशिश करता रहा। पूछताछ के दौरान एसएसपी मनु महाराज भी मौजूद थे।
नेता ही नहीं, आइएएस भी करते थे फोन
एसआइटी सूत्रों की मानें तो परमेश्वर राम ने पैरवी करने वाले नेताओं के अलावा दो आइएएस अधिकारियों के नाम भी बताए हैं, जिन्होंने इंटरस्तरीय परीक्षा में अपने लोगों की नियुक्ति कराने के लिए फोन किए थे।
हालांकि अधिकारियों ने उन आइएएस अधिकारियों के नाम सार्वजनिक नहीं किया। परमेश्वर ने दावा ठोका था कि अगर उसके कॉल डिटेल को मीडिया को दिया जाए, तब पता चलेगा कि कौन कितने पानी में है?
सुधीर की संलिप्तता पर लगाई मुहर
एसआइटी के अधिकारियों ने पुष्टि की है कि पूछताछ के दौरान परमेश्वर ने तत्कालीन अध्यक्ष सुधीर कुमार की पेपर लीक कांड में संलिप्तता पर मुहर लगाई है।
उसने कहा कि ओएमआर शीट की छपाई और मूल्यांकन का ठेका लेने वाले आनंद बरार और प्रिंटिंग प्रेस के मालिक विनीत कुमार से अध्यक्ष सुधीर कुमार की बातें होती थीं। उन्होंने पेपर और आंसर-की उन दोनों के माध्यम से ही अपने पास मंगाई। उसे इसकी जानकारी थी।
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