लंदन में प्रदूषण रोधी शुल्क वसूलने के खिलाफ प्रदर्शन, लोगों ने सड़क पर लगे कैमरे भी तोड़े
लंदन में बनाए यूएलइजेड क्षेत्रों में 2006 से पहले बनी ज्यादातर गैस कारों और वैन तथा 2015 से पहले के डीजल वाहनों पर रोजाना करीब 16 डालर जुर्माने का प्रविधान है। इसे 2019 में मध्य लंदन में लागू किया गया था और 2021 में शहर के अंदरूनी उपनगरों तक इसका विस्तार कर दिया गया था। मंगलवार से यह ग्रेटर लंदन में लागू हो गया।
लंदन, एपी: ब्रिटेन की राजधानी लंदन में मंगलवार को पुराने वाहनों पर लागू प्रदूषण रोधी शुल्क के विरोध में प्रदर्शनकारियों ने सड़कों पर यातायात पर नजर रखने वाले कैमरे तोड़ दिए। ये प्रदर्शनकारी स्वंय को 'ब्लेड रनर्स' कहते हैं। शहर के 'अल्ट्रा लो एमिशन जोन' (यूएलइजेड) को लेकर लोगों में काफी आक्रोश है।
करीब 16 डालर जुर्माने का प्रविधान
लंदन में बनाए यूएलइजेड क्षेत्रों में 2006 से पहले बनी ज्यादातर गैस कारों और वैन तथा 2015 से पहले के डीजल वाहनों पर रोजाना करीब 16 डालर जुर्माने का प्रविधान है। इसे 2019 में मध्य लंदन में लागू किया गया था और 2021 में शहर के अंदरूनी उपनगरों तक इसका विस्तार कर दिया गया था। मंगलवार से यह ग्रेटर लंदन में लागू हो गया। लंदन के मेयर सादिक खान ने कहा कि, 'इस कदम से वायु प्रदूषण में कटौती होगी जिसके कारण शहर में हर साल करीब 4,000 लोगों की मौत हो जाती है।'
खालिस्तान चरपंथी समर्थकों के हमले की निंदा
ब्रिटेन की व्यापार मंत्री केमी बैंडेनोच ने मार्च में लंदन स्थित भारतीय उच्चायोग पर खालिस्तान चरपंथी समर्थकों के हमले की निंदा की है। व्यापार मंत्री ने जोर देकर कहा कि ब्रिटिश सरकार सभी राजनयिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है। उच्चायोग में जबरन घुस आए करीब 50 खालिस्तान समर्थकों ने भारत के राष्ट्रीय ध्वज का अपमान किया, सार्वजनिक संपत्ति को क्षति पहुंचाई और उच्चायोग के अधिकारियों को घायल कर दिया था।
कट्टरपंथ से पैदा हो रहीं चुनौतियां
यह हमला दल खालसा ब्रिटेन के गुरुचरण सिंह, केएलएफ के अवतार सिंह खांडा तथा जसवीर सिंह ने अपने समर्थकों के साथ किया था। उनके समर्थकों में भारतीय और विदेशी नागरिक शामिल थे। एनआइए की चल रही जांच में उनकी पहचान की गई। भारत में जी20 समिट 2023 के व्यापार मंत्रियों के सत्र में केमी ने एकीकरण के जटिल मुद्दे और कट्टरपंथ से उत्पन्न चुनौतियों को उजागर किया।