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Kolkata News: बेटी की लाश के साथ तीन दिन तक रही मां, खिलाने के लिए दाल-चावल भी पकाया; पड़ोसियों ने सुनाई पूरी दास्तां

कोलकाता में 52 साल की एक महिला ने अपनी 21 वर्षीय मृत बेटी की लाश के साथ अपने घर में तीन दिन बिताए। पड़ोसियों की सूचना पर पहुंची पुलिस ने घर से लड़की का सड़ा-गला शव बरामद किया। इसके बाद पुलिस द्वारा पोस्टमार्टम के लिए बेटी का शव ले जाने के कुछ घंटों बाद महिला की भी मौत हो गई।

By Jagran News Edited By: Piyush Kumar Published: Sat, 04 May 2024 10:52 AM (IST)Updated: Sat, 04 May 2024 10:52 AM (IST)
कोलकाता में एक महिला ने अपनी मृत बेटी के साथ तीन दिन घर में बिताए।(फोटो सोर्स: जागरण)

राज्य ब्यूरो, कोलकाता। कोलकाता में एक हैरान करने वाली घटना सामने आई है, जब 52 साल की एक महिला ने अपनी 21 वर्षीय मृत बेटी की लाश के साथ अपने घर में तीन दिन बिताए। यही नहीं महिला ने मृत बेटी के खाने के लिए घर में दाल- चावल भी पकाया। वह तीन दिनों तक मृत बेटी के साथ लगातार बात करने और लाश को खाना खिलाने व दूध पिलाने तक का प्रयास करती रही।

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बाद में पड़ोसियों की सूचना पर पहुंची पुलिस ने घर से लड़की का सड़ा-गला शव बरामद किया। वहीं, पुलिस द्वारा पोस्टमार्टम के लिए बेटी का शव ले जाने के कुछ घंटों बाद महिला की भी मौत हो गई। यह घटना कोलकाता से सटे बरानगर इलाके की है।

पति से अलग रहती थी महिला 

देबी भौमिक और उनकी बेटी देबोलीना 2006 से बरानगर के टीएन चटर्जी स्ट्रीट के पास लालबाड़ी अपार्टमेंट में रह रही थीं। बताया गया कि देबी भौमिक का अपने पति देवाशीष भौमिक जो कि एक ब्लड-बैंक कर्मचारी थे उनसे अलग हो गए थे।

एक स्थानीय निवासी के अनुसार, बुधवार दोपहर को दुर्गंध आने के बाद कुछ पड़ोसियों ने इसके बारे में पूछताछ करने के लिए उनका दरवाजा खटखटाया। देबी ने दरवाजा खोला और उन्हें अपनी बेटी के शव के पास ले गईं जो क्षत-विक्षत अवस्था में बिस्तर पर पड़ी थी।

लाश को बार-बार खाना खिलाने की कोशिश की

देबी ने पड़ोसियों को बताया कि देबोलीना उससे बात नहीं कर रही थी और तीन दिनों से कुछ भी नहीं खाया था, जबकि उसने चावल और दाल पकाया और बार-बार उसे खाना खाने के लिए कहा। जब पड़ोसियों ने उन्हें समझाने की कोशिश की कि उनकी बेटी मर गई है, तो उन्होंने कहा कि वह बिल्कुल जीवित है।

इसके बाद पड़ोसियों ने पुलिस को सूचित किया, जिन्होंने शव को बरामद कर परीक्षण के लिए भेज दिया।शव के हालत देख पुलिस ने कहा कि देबोलीना की मौत कम से कम तीन दिन पहले हो गई थी।

सिजोफ्रेनिया से पीड़ित थी महिला

बैरकपुर कमिश्नरेट के एक अधिकारी ने कहा कि हमें पता चला कि महिला सिजोफ्रेनिया से पीड़ित थी।अधिकारियों ने देबी के पति को मौतों के बारे में सूचित किया; हालांकि, उन्होंने शवों को स्वीकार करने से इन्कार कर दिया।

एक स्थानीय निवासी विश्वनाथ साहा के अनुसार, 2021 में कोविड-19 महामारी के दौरान देबी के माता-पिता, जो दोनों सेवानिवृत्त राज्य सरकार के कर्मचारी थे, का निधन हो गया था। उनकी मृत्यु के बाद, केवल देबी और उनकी बेटी ही उनके फ्लैट में रह रही थी। पुलिस घटना की जांच में जुटी है।

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