जितने हथियार हैं, सब तान लीजिए, मैं सामना करने को तैयार…; छेड़खानी के आरोप पर बंगाल के राज्यपाल ने दी खुली चुनौती
राजभवन की एक अस्थायी महिला कर्मी द्वारा लगाए गए छेड़खानी के आरोप को बंगाल के राज्यपाल डा सीवी आनंद बोस ने शुक्रवार को फिर साजिश करार दिया। राज्यपाल ने शुक्रवार को आडियो संदेश जारी करके कहा- यह सिर्फ एक चुनावी हथकंडा है। इससे भ्रष्टाचार व हिंसा के विरुद्ध मेरी लड़ाई नहीं रुकेगी। वहीं तृणमूल ने इस मुद्दे को लेकर राज्यभर में विरोध-प्रदर्शन किया।
राज्य ब्यूरो, कोलकाता। राजभवन की एक अस्थायी महिला कर्मी द्वारा लगाए गए छेड़खानी के आरोप को बंगाल के राज्यपाल डा सीवी आनंद बोस ने शुक्रवार को फिर साजिश करार दिया। उन्होंने सनसनीखेज दावा करते हुए यह भी कहा कि राजभवन में एक और व्यक्ति को गलत इरादे से बिठाकर रखा गया है।
दूसरी तरफ मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने इस मुद्दे को लेकर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर निशाना साधा है। वहीं उनकी पार्टी तृणमूल कांग्रेस ने इसमें अपनी भूमिका से इनकार करते हुए मामले की निष्पक्ष जांच की मांग की है।
राज्यपाल ने बताया चुनावी हथकंडा
राज्यपाल ने शुक्रवार को आडियो संदेश जारी करके कहा- यह सिर्फ एक चुनावी हथकंडा है। इससे भ्रष्टाचार व हिंसा के विरुद्ध मेरी लड़ाई नहीं रुकेगी। मुझपर आगे और भी आरोप लगाए जाएंगे। जितने हथियार हैं, सब तान लीजिए। मैं उनका सामना करने के लिए तैयार हूं। एक दिन मुझे कोलकाता में 1946 में हुए सांप्रदायिक दंगों के लिए भी जिम्मेदार ठहरा दिया जाएगा। बंगाल की राजनीतिक ताकतों का यही चरित्र है।
राजभवन में है गलत इरादे वाला एक और व्यक्ति
राज्यपाल ने आगे कहा कि राजभवन को गोपनीय रिपोर्ट मिली है कि राजनीतिक ताकतों ने गलत इरादे से एक और व्यक्ति को राजभवन में बिठा रखा है। संबंधित एजेंसियां इसका सत्यापन कर रही हैं।
चुप क्यों हैं प्रधानमंत्री: सीएम ममता
दूसरी तरफ पूर्व बर्धमान जिले के रायना क्षेत्र में एक चुनावी रैली को संबोधित करते हुए ममता ने कहा कि आप (पीएम मोदी) संदेशखाली को लेकर संदेश देते फिर रहे हैं। उस बारे में बोलने से पहले इस बात का जवाब दीजिए कि राज्यपाल ने अपनी कर्मचारी के साथ दो बार छेड़खानी क्यों की? आप गुरुवार रात राजभवन में ही थे। आपने इस बारे में कुछ क्यों नहीं कहा। वह महिला अब राजभवन जाने से डर रही है। उसे फिर से अपना सम्मान खोने का डर सता रहा है।
तृणमूल की इसमें कोई भूमिका नहीं: शशि पांजा
वरिष्ठ तृणमूल नेत्री डॉ. शशि पांजा ने कहा कि इस मामले से उनकी पार्टी का कोई लेना-देना नहीं है। राजभवन के अंदर इस तरह का मामला स्तब्ध करने वाला है। पहले किसी राज्यपाल पर इस तरह के आरोप नहीं लगे। इससे राज्यपाल के पद की गरिमा को ठेस पहुंची है। पार्टी इसकी निष्पक्ष जांच की मांग करती है। डा पांजा ने राज्यपाल को संविधान से मिले रक्षाकवच पर प्रश्न उठाते हुए कहा कि कानून सबके लिए समान होना चाहिए।
वहीं, तृणमूल ने इस मुद्दे को लेकर राज्यभर में विरोध-प्रदर्शन किया। दूसरी तरफ पुलिस कानूनी विशेषज्ञों से सलाह-मशविरा कर यह समझने की कोशिश कर रही है कि इस मामले में क्या कदम उठाया जा सकता है।
इस बीच राजभवन सूत्रों से खबर है कि पंचायत चुनाव के समय लोगों की शिकायतें सुनने के लिए राज्यपाल की ओर से राजभवन में जो 'शांति कक्ष' खोला गया था, छेड़खानी का आरोप लगाने वाली महिला वहां कार्यरत थी। शांति कक्ष के ईमेल आईडी में आने वाली शिकायतों को चुनाव आयोग के पास अग्रसारित नहीं करने को लेकर उसे फटकार लगी थी।
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