Uttarakhand Rains Updates: उत्तराखंड में बारिश का कहर, मुख्यमंत्री धामी ने की मुआवजे की घोषणा; वीडियो में देखें मंजर
Uttarakhand Rains Updates उत्तराखंड में बारिश आफत बनकर बरस रही है। अब तक 39 व्यक्तियों की मौत हुई है जबकि नदी-नाले उफान पर हैं। सीएम पुष्कर सिंह धामी हालातों का जायजा लेने के लिए कुमाऊं के दौरे पर हैं।
जागरण संवाददाता, नैनीताल। Uttarakhand Rains Updates उत्तराखंड में रविवार रात से हो रही बारिश ने भारी तबाही मचाई। कुमाऊं के छह जिलों में 40 लोगों की मौत हुई। प्रभावित क्षेत्रों की स्थिति जानने के लिए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने देर शाम कुमाऊं का दौरा किया। इस दौरान सीएम ने आपदा में मृत व्यक्तियों के स्वजन को चार-चार लाख रुपये और नुकसान झेलने वालों को 1.9 लाख रुपये मुआवजा देने की घोषणा की है। मंगलवार का दिन कुमाऊं के लिए बेहद ही भारी रहा। नदी-नालों के उफान पर आने के साथ ही मार्गों को भी काफी नुकसान पहुंचा है।
चंपावत: टनकपुर-पिथौरागढ़ राष्ट्रीय राजमार्ग पर चल्थी में लधिया नदी पर बन रहा निर्माणाधीन पुल बह गया है। नदी में पानी का वेग बहुत तेज है।@JagranNews @MygovU #uttarakhandrains pic.twitter.com/FTXRynb97B
मुश्किल घड़ी में मददगार बनी सेना
भारी बारिश से कुमाऊं में हर ओर तबाही का मंजर है। इन मुश्किल हालात में पुलिस-प्रशासन व एसडीआरएफ के साथ ही सेना के जवान भी देवदूत बनकर सामने आए हैं। उत्तराखंड सब एरिया के निर्देशन में इन्होंने नैनीताल व टनकपुर में राहत और बचाव कार्यों को अंजाम दिया। टनकपुर में जम्मू-कश्मीर लाइट इंफेंट्री के जवान बाढ़ राहत कार्यों की जिम्मेदारी संभाली। शारदा नदी का जलस्तर बढ़ने पर यहां तुरंत दो कालम यानी करीब 200 जवान तैनात किए गए।
उत्तराखंड में बारिश से ख़राब हुए हालत के बीच राहत-बचाव कार्य लगातार जारी है। नैनीताल के भवाली रोड स्थित एक रेस्टोरेंट में फंसे 3 कारीगरों को सेना ने बचाया।@JagranNews @ChinarcorpsIA #Uttarakhandrains pic.twitter.com/slQzhtLW3H— Amit Singh (@Join_AmitSingh) October 19, 2021
उन्होंने चार घंटे चले आपरेशन में 283 ग्रामीणों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया। इनमें शारदा घाट व अंबेडकर नगर गांव के 89 पुरुष, 139 महिला व 55 बच्चे शामिल हैं। आगे किसी खतरे की आशंका को देखते हुए इन जवानों को बनबासा मिलिट्री स्टेशन में स्टैंड बाय पर रखा गया है।
नैनीताल: उत्तराखंड के कुमाऊं में बीते 48 घंटे से हो रही बारिश ने कहर मचा दिया है। नैनीताल में नैना देवी मंदिर झील के पानी में डूब गया है।@JagranNews @MygovU #uttarakhandrains pic.twitter.com/C1sWhCTfnd— Amit Singh (@Join_AmitSingh) October 19, 2021
उधर, नैनीताल में भी पंचशूल ब्रिगेड के तत्वावधान में सेना के एक कालम को तैनात किया गया। जिन्होंने तल्लीताल में दो बच्चों सहित 30 लोग को सुरक्षित निकाला। यह आपरेशन करीब छह घंटे चला। वहीं नैनीताल मिलिट्री स्टेशन में अतिरिक्त जवान आगे किसी भी संभावित खतरे से निपटने के लिए तैनात हैं।
रामनगर के रिजॉर्ट में फंसे सौ लोगों का रेस्क्यू
रामनगर के मोहान स्थित लेमन ट्री रिसोर्ट में कोसी नदी का पानी घुसने से अंदर फंसे करीब सौ लोगों का रेस्क्यू कर लिया गया है। इनमें पर्यटक और स्टाफ शामिल हैं। उधर चुकुम के प्रधान जस्सी राम ने बताया कि गांव में लगातार हो रहे भू कटाव के कारण तीन मकान बह गए हैं, लोग जंगल की ओर शरण ले रहे हैं। ग्रामीणों में दहशत का माहौल है।
अल्मोड़ा में चार और बागेश्वर में एक की मौत
अल्मोड़ा जिले में बारिश के भिकियासैंण तहसील के रापड़ गांव में पहाड़ी से मलबा आने के कारण एक मकान ध्वस्त हो गया। हादसे में तीन लोगों की दबकर मौत हो गई। कुछ लोगों ने भाग कर अपनी जान बचाई है । एसडीआरएफ की टीम मौके पर रेस्क्यू कर रही है। अल्मोड़ा में ही हीरा डूंगरी नामक जगह पर एक मकान की दीवार गिरने से किशोरी अरुमा सिंह पुत्री त्रिलोक सिंह मलबे में दब गई। उसका शव बरामद कर लिया गया है। बागेश्वर के कपकोट के भनार गांव के एक युवक पहाड़ से गिर रहे पत्थरों की चपेट में आ गया, जिससे उसकी दर्दनाक मौत हो गई है।
कार्बेट पार्क के सफारी रूट बहे
लगातार हो रही बारिश के कारण कार्बेट पार्क में जिप्सी सफारी के लिए बनाए गए कच्चे रूट के बह गए हैं। विभाग जंगल में निरीक्षण कर क्षतिग्रस्त रूटों की जानकारी जुटाकर नुकसान का आकलन करेगा। ऐसे में अभी पर्यटन शुरू होने में समय भी लग सकता है। ऐसे में पर्यटन सीजन में कॉर्बेट को फिर नुकसान हो सकता है।
पिथौरागढ़ जिले का शेष दुनिया से संपर्क भंग
पिथौरागढ़ जिलेभर में भारी बारिश का दौर जारी है। उच्च हिमालय में हिमपात हो रहा है। उच्च हिमालयी सभी गांव बर्फ से ढक चुके हैं। टनकपुर तवाघाट हाईवे घाट से तवाघाट के मध्य एक दर्जन स्थानों पर बंद है। घाट से पिथौरागढ़ के मध्य तीन स्थानों पर मार्ग बंद है। सोमवार सुबह से भारी संख्या में वाहन और यात्री फंसे हैं। जिले का अन्य जिलों से ओर जिला मुख्यालय का अन्य तहसीलो से संपर्क कटा हुआ है। सभी नदी नाले उफान पर है। मुनस्यारी के मालूपाती ओर पिथौरागढ़ के क्वीताड़ गांव में दो मकान क्षतिग्रस्त हो चुके है। जिले में अभी तक जन ओर पशुहानि की कोई सूचना नहीं है। टनकपुर-पिथौरागढ़ राष्ट्रीय राजमार्ग पर चल्थी में लधिया नदी पर बन रहा निर्माणाधीन पुल बह गया।
हल्द्वानी में गौला पुल की रोड ध्वस्त हुई
हल्द्वानी में इंदिरानगर बाइपास स्थित गौला के नए पुल की सड़क भारी बारिश की वजह से गायब हो गई। गौलापार व चोरगलिया के हजारों लोगों के अलावा खटीमा व उत्तर प्रदेश की गाड़ियां तक इससे होकर गुजरती थी। पुल का बड़ा हिस्सा गायब होने की वजह से फिलहाल पुलिस-प्रशासन ने बैरिकेड लगा रास्ते को बंद कर दिया है। सिटी मजिस्ट्रेट व तहसीलदार ने मौके पर पहुंच स्थिति का जायजा भी लिया।
गरमपानी खैरना क्षेत्र में तीन मकान बहे
गरमपानी खैरना क्षेत्र में तीन मकान शिप्रा नदी के बहाव में बह गए हैं। फिलहाल जानमाल का कोई नुकसान नहीं हुआ है। कई घरों में पानी भर चुका है करीब 200 से ज्यादा लोगों को जीआईसी खैरना, सीएचसी व तहसील में शिफ्ट किया गया है। शिप्रा नदी का वेग बढ़ता जा रहा है। प्रशासन ने मुनादी कराकर बाजार खाली करने का आह्वान किया है। लोग दहशत में हैं।
चम्पावत में शारदा नदी का जलस्तर बढ़ा
चम्पावत में विगत 36 घण्टे से हो रही बारिश जारी है। बारिश से कई जगह भूस्खलन होने से मकानों को खतरा पैदा हो गया है। शारदा, लोहावती, गंडक, लधिया समेत अन्य नदी नाले उफान पर है। एनएच समेत कई ग्रामीण सड़कों पर मलवा आने से बन्द हो गई। अभी फिलहाल नुकसान की कोई सूचना नही है। आपदा कंट्रोल रूप इसकी जानकारी जुटाने में लगा हुआ है। सोमवार को जरूर सेलखोला में मां-बेटे की मलवे में दबने से मौत हुई थी।
नैनीताल में दहशत में लोगों ने काटी रात
नैनीताल में रातभर लगातार मूसलाधार बारिश में शहरवासियों को खूब डराया। अतिसंवेदनशील इलाकों के लोगों ने दहशत के बीच रात काटी। नैनी झील के निकासी द्वार खोलने से निकले पानी ने नाले के आसपास के मकान में रहने वालों में खलबली मची रही। यहां हल्द्वानी, कालाढूंगी रोड तथा भवाली रोड बंद होने से सम्पर्क कटा है। रुद्रपुर में कई मोहल्लों में पानी घरों में घुस आया है। जिसपर करीब एक हजार लोगों को सुरक्षित स्थानों में पहुंचाया गया है। यही नहीं जलभराव से सड़कें भी जलमग्न है, जगह जगह वाहन फंसे है।
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