पब्लिक स्कूल कर्मचारियों के लिए ट्रिब्यूनल बनाए सरकारः हाई कोर्ट
निजी शिक्षण संस्थानों के कर्मचारियों की अपील के लिए हाई कोर्ट ने सरकार को छह माह के भीतर एजुकेशनल ट्रिब्यूनल बनाने व अपील सुनने संबंधी नियम बनाने का ...और पढ़ें

नैनीताल, [जेएनएन]: निजी शिक्षण संस्थानों के कर्मचारियों की अपील के लिए हाई कोर्ट ने सरकार को छह माह के भीतर एजुकेशनल ट्रिब्यूनल बनाने व अपील सुनने संबंधी नियम बनाने का आदेश दिया है। ताकि शैक्षणिक व गैर शैक्षणिक कर्मचारियों को त्वरित न्याय मिल सके।
वरिष्ठ न्यायाधीश न्यायमूर्ति राजीव शर्मा की कोर्ट में देहरादून निवासी पूरन प्रसाद की याचिका पर सुनवाई हुई। याचिका में देहरादून जिला अदालत के आदेश को चुनौती देते हुए कहा था कि निजी शिक्षण संस्थानों के कर्मचारियों की अपील के लिए जिला न्यायाधीश अपीलीय अधिकारी बनाया गया है।
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सरकार द्वारा जारी शासनादेश में गैर सहायता प्राप्त व निजी शिक्षण संस्थानों में कार्यरत कर्मचारियों व शिक्षकों के सेवा संबंधी व प्रबंधन के विरुद्ध मामलों की अपील के लिए प्राधिकृत अधिकारी बनाया गया है। याचिका में कहा गया था कि जिला न्यायालय द्वारा अपील को इस आधार पर निरस्त कर दिया गया था कि व्यक्ति सेवा अनुबंध को लागू करने का अधिकार सिविल न्यायालय को नहीं है।
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याचिकाकर्ता की ओर से सुप्रीम कोर्ट के फैसले का हवाला देते हुए कहा कि शैक्षणिक संस्थानों के कर्मचारियों के मामलों का सिविल न्यायालय में उपचार संभव नहीं है। यही नहीं अपील के अधिकार की सिविल वाद से तुलना किया जाना भी उचित नहीं है।
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याचिकाकर्ता के अधिवक्ता ने दलील दी कि ट्रिब्यूनल में रिटायर जज व रिटायर प्रशासनिक अधिकारियों के स्थान पर अधिवक्ता को बतौर पीठासीन अधिकारी नियुक्त करने पर विचार किया जाए।
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