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मुस्लिम समाज में डरकर जी रही महिलाएं : बानो

उत्तराखंड राज्य महिला आयोग की उपाध्यक्ष सायरा बानो ने कहा कि मुस्लिम समाज में अभी भी महिलाओं को बराबरी का वह हक नहीं मिला है जिसकी वह हकदार हैं। वह डरकर जी रही हैं। उन्होंने कहा कि महिला आयोग महिलाओं की समस्याओं का त्वरित निस्तारण कर रहा है।

By JagranEdited By: Published: Thu, 16 Sep 2021 06:41 PM (IST)Updated: Thu, 16 Sep 2021 06:41 PM (IST)
मुस्लिम समाज में डरकर जी रही महिलाएं : बानो

संवाद सूत्र, भगवानपुर : उत्तराखंड राज्य महिला आयोग की उपाध्यक्ष सायरा बानो ने कहा कि मुस्लिम समाज में अभी भी महिलाओं को बराबरी का वह हक नहीं मिला है, जिसकी वह हकदार हैं। वह डरकर जी रही हैं। उन्होंने कहा कि महिला आयोग महिलाओं की समस्याओं का त्वरित निस्तारण कर रहा है। अब तक 106 शिकायत निस्तारित की जा चुकी है।

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राज्य महिला आयोग की उपाध्यक्ष सायरा बानो इन दिनों हरिद्वार जिले के भ्रमण पर हैं। गुरुवार को उपाध्यक्ष कलियर से कस्बा भगवानपुर में पहुंची। यहां पर देवभूमि दिव्यांग सहारा समिति के कार्यालय पर उन्होंने महिलाओं की समस्या सुनी। कई महिलाओं ने जहां दहेज उत्पीड़न की शिकायत की तो कुछ ने घरेलू हिसा समेत विभिन्न शिकायत की। इस पर महिला आयोग की उपाध्यक्ष ने जल्द शिकायतों के निस्तारण की बात कही। उन्होंने कहा कि हरिद्वार जिले के सभी विधानसभा क्षेत्र में जाकर महिलाओं की शिकायतों को सुना जाएगा। उन्होंने कहा कि महिला सुरक्षा से जुड़े कानूनों को कुछ और सख्त बनाए जाने की जरूरत हैं, ताकि महिलाओं का उत्पीड़न न हो। इसके बाद पह मोहितपुर गांव में पहुंची। शुक्रवार को महिला आयोग की उपाध्यक्ष भगवानपुर तहसील के अधिकारियों के साथ बैठक करेगी। इस मौके पर डा. परवेज, जमशेद अली, राव जमीर और मोहम्मद शाकिर आदि मौजूद रहे।

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तीन तलाक के मामले बढ़ने पर जताई नाराजगी

संवाद सहयोगी मंगलौर : उत्तराखंड राज्य महिला आयोग की उपाध्यक्ष शायरा बानो ने कहा कि उन्होंने तीन तलाक के खिलाफ लंबी कानूनी लड़ाई लड़ी है। इसके बाद भारत सरकार ने इसको कानून का दर्जा दिया है। उन्होंने इस बात पर चिता जताई की कानून बनने के बाद भी तीन तलाक के मामले लगातार सामने आ रहे हैं। मुस्लिम महिलाओं के प्रति अपराध कम होने का नाम नहीं ले रहे हैं।

गुरुवार शाम महिला आयोग की उपाध्यक्ष मंगलौर में वरिष्ठ भाजपा नेता जमीर हसन अंसारी के कैंप कार्यालय पहुंची। उन्होंने कहा कि वर्ष 2016 में उन्होंने सुप्रीम कोर्ट में तीन तलाक के विषय पर याचिका दायर की थी। कहा कि महिलाओं पर जो अत्याचार हो रहे हैं, आयोग उस पर पूरी तरह से गंभीर है। राज्य में महिलाओं को तीन तलाक व घरेलू हिसा के मामलों में आयोग की ओर से अधिवक्ताओं की व्यवस्था की जा रही है। उन्होंने कहा कि राज्य में कई स्थानों पर जागरूकता शिविर का आयोजन भी किया जा रहा है। इससे महिलाएं अपने अधिकारों के प्रति जागरूक हो सकेगी। कहा कि तीन तलाक सदियों से चलती आ रही एक कुप्रथा थी। जिसे देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने समाप्त किया है। इस अवसर पर हुस्ना अंसारी, शबनम अंसारी, सरफराज सिद्दीकी, शहजाद अंसारी, अब्दुल कादिर, रुखसाना, आलोक शर्मा, सलमान सिद्दीकी और आदेश कुमार आदि मौजूद रहे।


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