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पितृ अमावस्य स्नान पर के लिए हरिद्वार में Traffic Plan जारी, कल से बाहरी वाहनों का प्रवेश बंद

Pitru Amavasya Snan Traffic Plan स्नान पर्व पर श्रद्धालुओं की संभावित भीड़ को देखते हुए पुलिस ने यातायात प्लान जारी किया है जिसके तहत बुधवार तड़के चार बजे से बाहरी वाहनों का प्रवेश शहर में बंद कर दिया जाएगा।

By Raksha PanthriEdited By: Published: Tue, 05 Oct 2021 08:45 PM (IST)Updated: Tue, 05 Oct 2021 08:45 PM (IST)
पितृ अमावस्य स्नान पर के लिए हरिद्वार में Traffic Plan जारी।

जागरण संवाददाता, देहरादून। Pitru Amavasya Snan Traffic Plan पितृ अमावस्या स्नान पर्व पर श्रद्धालुओं की संभावित भीड़ को देखते हुए पुलिस ने यातायात प्लान जारी किया है, जिसके तहत बुधवार तड़के चार बजे से बाहरी वाहनों का प्रवेश शहर में बंद कर दिया जाएगा। श्रद्धालुओं के वाहन यात्री बाहुल्य क्षेत्रों से बाहर की पार्किंगों में खड़े किए जाएंगे। केवल लोकल वाहन ही शिवमूर्ति और चंडी चौक से शहर की तरफ जा सकेंगे।

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बीते वीकेंड पर पर्यटकों और तर्पण के लिए श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ने से हरिद्वार में शहर से लेकर हाईवे तक जाम लग गया था। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक डा. योगेंद्र सिंह रावत के निर्देश पर इस बार एसपी ट्रैफिक पीके राय ने यातायात प्लान बनाया है, जिसके तहत बुधवार सुबह चार बजे से शहर के अंदर बड़े वाहनों की एंट्री बंद कर दी जाएगी। दिल्ली-मेरठ की ओर से आने वाले ट्रैक्टर ट्राली और श्रद्धालुओं के बड़े वाहनों को ऋषिकुल बस अड्डे पर पार्क कराया जाएगा।

वहीं, छोटे वाहन हरिराम आर्य इंटर कालेज की पार्किंग, पंतदीप पार्किंग और गड्ढा पार्किंग में खड़े कराए जाएंगे। ऋषिकेश-देहरादून की ओर से आने वाले श्रद्धालुओं के वाहन जयराम मोड़ के पास पंतदीप पार्किंग में खड़े होंगे। यात्री बाहुल्य क्षेत्र में शिव मूर्ति चौक से आगे और चंडीगढ़ चौक से आगे शहर की तरफ केवल लोकल वाहनों की एंट्री होगी। आटो रिक्शा, विक्रम और ई-रिक्शा भी शिव मूर्ति चौक से आगे नहीं चलेंगे। उन्होंने बताया कि स्नान निपटने पर भीड़ कम होने तक यही व्यवस्था लागू रहेगी।

नारायणी शिला और कुशावर्त घाट पर पितृ दोषों के निवारण को कल जुटेगी भीड़

नारायणी शिला, कुशावर्त घाट आदि स्थानों पर पितृ दोषों के निवारण के लिए बड़ी संख्या में लोग धर्मनगरी पहुंच चुके हैं। बुधवार को दक्षिण दिशा की ओर से मुख करके अपने पितरों को जल देंगे।अपने परिवार की दीर्घायु और परिवार को वृद्धि के लिए पितरों से प्रार्थना करेंगे। छह अक्टूबर को अमावस्या तिथि है। इस दिन सभी पितृ अपने लोक को जाते हैं और सभी इस दिन पितृ विदा करते हैं। इस दिन सभी पितरों के निमित्त श्राद्ध किया जाता है, जिन्हें अपने किसी पूर्वज का श्राद्ध करना है ओर उन्हें याद नहीं है तो इस दिन श्राद्ध कर सकते हैं।

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