Chardham Yatra 2021: ई-पास की बाध्यता खत्म, अब सिर्फ पंजीकरण जरूरी; जानें SOP में और क्या है खास
Chardham Yatra 2021 सचिव संस्कृति धर्मस्व तीर्थाटन प्रबंधन एवं धार्मिक मेला हरिचंद्र सेमवाल की ओर से मंगलवार शाम जारी एसओपी के अनुसार अन्य राज्यों से चारधाम यात्रा पर आने वाले श्रद्धालुओं के लिए ई-पास की बाध्यता खत्म कर दी गई है।
राज्य ब्यूरो, देहरादून। Chardham Yatra 2021 चारधाम यात्रा को लेकर उच्च न्यायालय से राहत मिलने के बाद शासन ने भी यात्रा के लिए पूर्व में जारी मानक प्रचालन कार्यविधि (एसओपी) में संशोधन कर दिया है। सचिव संस्कृति, धर्मस्व, तीर्थाटन प्रबंधन एवं धार्मिक मेला हरिचंद्र सेमवाल की ओर से मंगलवार शाम जारी एसओपी के अनुसार अन्य राज्यों से चारधाम यात्रा पर आने वाले श्रद्धालुओं के लिए ई-पास की बाध्यता खत्म कर दी गई है। अलबत्ता, उन्हें देहरादून स्मार्ट सिटी पोर्टल पर पंजीकरण अनिवार्य रूप से कराना होगा।
पूर्व में न्यायालय ने चारधाम में दर्शन के लिए यात्रियों की संख्या नियत की थी। इसे देखते हुए चारधाम देवस्थानम प्रबंधन बोर्ड की ओर से ई-पास जारी किए जा रहे थे। अब जबकि न्यायालय ने संख्या निर्धारण की शर्त हटा दी है तो शासन ने भी यात्रा के लिए एसओपी में संशोधन किया है। एसओपी के मुताबिक अन्य राज्यों से आने जिन श्रद्धालुओं ने यात्रा से 15 दिन पहले कोरोना वैक्सीन की दोनो डोज लगवा ली हैं, उन्हें इसका प्रमाणपत्र दिखाने के बाद धामों में दर्शन की इजाजत दी जाएगी। यदि किसी यात्री ने कोविड वैक्सीन की एक डोज लगवाई है अथवा नहीं लगवाई है तो उनके लिए 72 घंटे पहले तक की कोरोना जांच की निगेटिव रिपोर्ट अनिवार्य की गई है।
प्रदेश के भीतर के व्यक्तियों के लिए देहरादून स्मार्ट सिटी पोर्टल पर पंजीकरण की आवश्यकता नहीं होगी। एसओपी के मुताबिक कोविड प्रोटोकाल के मद्देनजर सुरक्षित शारीरिक दूरी के मानकों का पालन करते हुए धामों में दर्शन की अनुमति दी जाएगी। राज्य के भीतर किसी जांच बिंदु पर जांच के दौरान यदि किसी व्यक्ति में कोविड के लक्षण पाए जाते हैं तो उसे जांच के लिए नजदीकी परीक्षण केंद्र अथवा अस्पताल में भेजा जाएगा। उसके पाजिटिव पाए जाने पर लक्षणों की गंभीरता व प्रोटोकाल के अनुसार उसे अन्यत्र रेफर किया जाएगा। यात्रा के लिए शेष प्रविधान वही रखे गए हैं, जो 17 सितंबर को जारी एसओपी में थे।
यह भी पढ़ें- केदारनाथ में भोले के दर्शन के साथ कीजिए ट्रेकिंग