Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    हल्‍द्वानी के बाद हरिद्वार में फर्जी सर्टिफिकेट रैकेट का पर्दाफाश, अब्दुल की जमीन पर मुस्तकीम को बनाया मालिक

    Updated: Sat, 22 Nov 2025 01:01 PM (IST)

    हरिद्वार में स्थायी निवास प्रमाण पत्रों में फर्जीवाड़े का खुलासा हुआ है। मुख्यमंत्री के आदेश पर हुई जांच में सीएससी संचालक साजिद पर फर्जी दस्तावेज बनाने का आरोप है। उसने सरकारी पोर्टल का दुरुपयोग कर कूटरचित खतौनी तैयार की। पुलिस ने साजिद और उसके साथियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया है और मामले की जांच जारी है।

    Hero Image

    मुख्यमंत्री के सख्त निर्देश के बाद सामने आया बड़ा खेल। प्रतीकात्‍मक

    जागरण संवाददाता, हरिद्वार । मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की ओर से प्रदेशभर में स्थायी निवास प्रमाण पत्रों की विशेष जांच के आदेश क्या जारी हुए, प्रदेश में गड़बड़ियों की परतें एक के बाद एक खुलने लगीं।

    ताजा मामला हरिद्वार तहसील क्षेत्र का है, जहां एक संगठित गिरोह की ओर से फर्जी दस्तावेजों के आधार पर स्थायी निवास प्रमाण पत्र बनाए जाने का गंभीर प्रकरण प्रकाश में आया है। तहसील प्रशासन की जांच में खुलासा हुआ है कि कॉमन सर्विस सेंटर (सीएससी) फेरुपुर के संचालक साजिद, निवासी मुस्तफाबाद ने सरकारी पोर्टल का दुरुपयोग किया और संगठित तरीके से लोगों के लिए कूटरचित खतौनी तैयार कर प्रमाण पत्र जारी कराने की कोशिश भी कर रहा था। तहसीलदार सचिन कुमार की तहरीर पर ज्वालापुर कोतवाली में आरोपित के विरुद्ध मुकदमा दर्ज किया गया।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    मामले का खुलासा तब हुआ जब 9 नवंबर 2025 को नवाजिश पुत्र नूर आलम, निवासी मुस्तफाबाद द्वारा अपलोड किए गए दस्तावेजों की तहसील हरिद्वार में जांच की गई। स्थायी निवास प्रमाण पत्र के लिए संलग्न की गई खतौनी की गहन जांच में पाया गया कि अपलोड की गई नकल पूरी तरह कूटरचित थी। जिस खाता संख्या और खसरा संख्या की खतौनी दस्तावेज में लगाई गई थी, वास्तविक रिकार्ड उससे बिल्कुल भिन्न मिला।

    अपलोड की गई नकली खतौनी में मुस्तकीम पुत्र सद्दीक का नाम भूमिधर के रूप में दर्ज दिखाया गया, जबकि राजस्व अभिलेखों में उसी भूमि पर अब्दुल मजीद पुत्र अल्लादीन का नाम दर्ज पाया गया। तहसीलदार सचिन कुमार ने ज्वालापुर कोतवाली में दी तहरीन में कहा कि पूरा मामला एक ऑर्गेनाइज्ड फर्जीवाड़ा है, जिसमें सरकारी पोर्टल अपणी सरकार का भी दुरुपयोग किया गया। ज्वालापुर कोतवाली पुलिस ने साजिद और उसके सहयोगियों के विरुद्ध कूटरचना, धोखाधड़ी और सरकारी कार्य में बाधा जैसे संगीन धाराओं में मुकदमा दर्ज कर दिया है।

    अब खुलेगी साजिद की साजिश की परतें

    तहसीलदार सचिन कुमार ने बताया कि साजिद अपनी सीएससी आइडी का उपयोग कर लोगों के साथ मिलकर व्यवस्थित रूप से सरकारी प्रमाणपत्रों की कूटरचना कर रहा है। यह गिरोह स्थायी निवास प्रमाण पत्र से लेकर अन्य कई प्रमाण पत्रों को फर्जी आधार पर बनवाकर सरकारी योजनाओं, छात्रवृत्तियों और रोजगार में अवैध लाभ लेने की कोशिश कर रहा था। यह गंभीर अपराध की श्रेणी में है। तहसीलदार सचिन कुमार ने कहा कि अब रैकेट में शामिल अन्य लोगों की पहचान की जा रही है। साजिद की सीएससी आइडी से पिछले 10 वर्षों में जितने भी प्रमाण पत्र बने हैं उनकी जांच की जा रही है। प्रमाण पत्र सत्यापन अभियान आगे और बड़े खुलासे हो सकते हैं।

    यह भी पढ़ें- Haldwani Domicile Fraud: अफसरों के फोन लगाने पर मिला जवाब, 'मैंने तो आवेदन ही नहीं किया'

    यह भी पढ़ें- Haldwani Domicile Fraud: पांच साल से फर्जीवाड़े का खेल, 48 स्थायी निवास प्रमाणपत्र रद

    यह भी पढ़ें- Haldwani Domicile Fraud: 'सिस्टम' में भी फैजान के साथी, एसआइटी करेगी बेनकाब

    यह भी पढ़ें- Haldwani Domicile Fraud: सरगना अर्जीनवीस फैजान भी निकला फर्जी, सामने आए सच से पुलिस भी हैरान