देहरादून: क्लेमेनटाउन की जनता को हाउस टैक्स में मिली बड़ी राहत, हुई सिर्फ इतनी बढ़ोतरी
क्लेमेनटाउन कैंट के लोगों को हाउस टैक्स में बड़ी राहत मिली है। हाउस टैक्स में 20 से 30 फीसद बढ़ोत्तरी की गई थी पर बोर्ड उपाध्यक्ष और सभासदों के विरोध के कारण कैंट बोर्ड प्रशासन को अपने कदम खींचने पड़े। हाउस टैक्स में सिर्फ पांच प्रतिशत की बढ़ोतरी की गई।
जागरण संवाददाता, देहरादून। House Tax क्लेमेनटाउन कैंट के लोगों को हाउस टैक्स में बड़ी राहत मिली है। हाउस टैक्स में 20 से 30 फीसद बढ़ोत्तरी की गई थी, पर बोर्ड उपाध्यक्ष और सभासदों के विरोध के कारण कैंट बोर्ड प्रशासन को अपने कदम खींचने पड़े। हाउस टैक्स में सिर्फ पांच प्रतिशत की बढ़ोतरी की गई है।
दरअसल, कैंट बोर्ड एक्ट में हर तीन साल बाद टैक्स बढ़ोतरी का प्रावधान है। इसी के तहत कैंट बोर्ड प्रशासन ने हाउस टैक्स में 20-30 प्रतिशत की बढ़ोतरी कर दी थी। कुछ लोगों ने इसी हिसाब (टैक्स असेस्मेंट) से टैक्स जमा भी करा दिया। शुक्रवार देर शाम हुई विशेष बैठक में बोर्ड उपाध्यक्ष भूपेंद्र सिंह कंडारी के व सभासदों ने भारी विरोध किया। उपाध्यक्ष ने कहा कि बजट के अभाव में पिछले काफी वक्त से क्षेत्र में विकास कार्य नहीं हुए हैं। इस स्थिति में हाउस टैक्स में की गई इस बढ़ोत्तरी से जनता के बीच गलत संदेश जाएगा।
हाउस टैक्स में बढ़ोत्तरी जरूर की जाए, पर इसे न्यूनतम ही रखा जाए। इसका सभी सभासदों ने भी समर्थन किया। बोर्ड ने तय किया कि हाउस टैक्स में पांच फीसद की ही वृद्धि की जाएगी, जिन्होंने इसे जमा करा दिया है, उनके लिए टैक्स यथावत रहेगा। बैठक में यह बात भी सामने आई कि कई लोग ने भवन निर्माण के बावजूद अब तक बोर्ड में कंपलीशन सॢटफिकेट जमा नहीं किया है। ना ही उनकी तरफ से कोई टैक्स जमा कराया जा रहा है। सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया कि ऐसे भवन स्वामियों पर जुर्माना लगाया जाएगा। साथ ही सीलिंग की भी कार्रवाई भी अमल में लाई जाएगी। बोर्ड बैठक में अध्यक्ष ब्रिगेडियर रवि डिमरी, सीईओ अभिषेक राठौर,उपाध्यक्ष भूपेंद्र कंडारी,सभासद सुनील कुमार, तासीन अली आदि मौजूद मौजूद रहे।
व्यावसायिक टैक्स में होगी 30-50 प्रतिशत की बढ़ोतरी
हाउस टैक्स के साथ ही कैंट बोर्ड व्यावसायिक टैक्स में भी बढ़ोतरी करेगा। व्यावसायिक टैक्स 30-50 प्रतिशत बढ़ाया जाएगा। मुख्य अधिशासी अधिकारी अभिषेक राठौर ने कहा कि अब की बार स्लैब के हिसाब से व्यावसायिक टैक्स बढ़ाया जा जाएगा। बड़े व्यापारिक प्रतिष्ठानों पर ज्यादा टैक्स लगाया जाएगा। अगर किसी घर में भी कॉमर्शियल गतिविधि चल रही है तो उस पर उसी हिसाब से टैक्स लगाया जाएगा।
ऑनलाइन मिलेगा व्यापार लाइसेंस
कैंट बोर्ड में अब व्यापार लाइसेंस ऑनलाइन बनेंगे। मध्य कमान के निर्देश पर विशेष बैठक आयोजित कर इसे स्वीकृति दे दी गई। ऑनलाइन व्यापार लाइसेंस जारी करने के लिए सीईओ को अधिकृत किया गया है। बता दें कि हाल ही में ई-छावनी पोर्टल लांच किया है। जिसके तहत मध्य कमान ने कैंट बोर्ड को निर्देशित किया गया था कि अब वह इसी पोर्टल के माध्यम से व्यापार लाइसेंस जारी करें। इसके लिए कैंट बोर्ड की विशेष बैठक आयोजित कर प्रस्ताव पर मुहर लगा दी गई।
15 वें वित्त आयोग के बजट पर मुहर
15वें वित्त आयोग से कैंट बोर्ड को 43 लाख 91 हजार की धनराशि प्राप्त हुई है। इसमें से 50 प्रतिशत की धनराशि कैंट बोर्ड पेयजल की सुविधा में खर्च करेगा। शेष बची राशि को कूड़ा निस्तारण में खर्च किया जाएगा। इस राशि से कूड़े के लिए ट्रैक्टर आदि वाहनों की खरीद की जाएगी।