भारतीय थलसेना को मिली 333 जांबाज अफसरों की टोली, मित्र देशों के 90 विदेशी कैडेट भी हुए पासआउट
भारतीय सैन्य अकादमी (आइएमए) में आज सुबह पासिंग आउट परेड का आयोजन किया गया। थलसेना प्रमुख जनरल मनोज मुकुंद नरवणे बतौर रिव्यूइंग आफिसर परेड की सलामी ली।
देहरादून, जेएनएन। भारतीय सैन्य अकादमी (आइएमए) से सैन्य प्रशिक्षण पूरा कर 333 युवा अफसर शनिवार को सेना का अभिन्न अंग बन गए हैं। वहीं नौ मित्र देशों के 90 जेंटलमैन कैडेट भी आइएमए से पास आउट होकर अपने-अपने देश की सेना में शामिल हो गए हैं। शनिवार को आइएमए में आयोजित पासिंग आउट परेड की सलामी सेना प्रमुख मनोज मुकुंद नरवणे ने ली।
इस बार की परेड में कई परम्पराएं टूटी, तो कुछ नयी भी शुरू हुई। कोरोना संकट के चलते तमाम स्तर पर एहतियात बरती गई। दर्शक दीर्घा में जहां सैन्य अधिकारी व उनके परिवार ही दिखे, परेड के दौरान भी शारीरिक दूरी के नियमों का पूरा पालन किया गया। हरेक मार्चिंग दस्ते में अमूमन दस कैडेट एक लाइन में होते हैं, पर इस बार इनकी संख्या आठ रखी गई। ताकि कैडेटों के बीच रहने वाली 0.5 मीटर की दूरी के बजाए दो मीटर की दूरी बनी रहे। इसके अलावा जेंटलमैन कैडेटों के साथ ही सभी सैन्य अधिकारी भी मास्क पहने रहे।
कैडेट अंतिम पग भरते हैं तो हेलीकॉप्टर उन पर पुष्प वर्षा करते हैं। पर इस बार इसकी भी कमी खली। हां, बारिश की फुहार ने जरूर युवा अफसरों का इस्तकबाल किया। पासिंग आउट परेड के बाद निजाम पवेलियन में संपन्न हुई पीपिंग सेरेमनी के दौरान युवा अफसरों के जज्बात देखते ही बन बन रहे थे। जीवन के इस बेहद खास पल में उनके माता-पिता व परिवार के लोग उनके साथ नहीं थे।
आइएमए के 87 साल के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ, जब परेड में अभिभावक शामिल नहीं हुए। जेंटलमैन कैडेटों के कांधे पर उनके गुरुजनों ने सितारे सजाए। पीपिंग के बाद एक और नयी शुरुआत भी हुई। भारतीय सेना का हिस्सा बने युवा अफसरों ने 'पहला कदम' भी रखा। यह प्रथम पग उनकी नयी जिंदगी की शुरुआत का संकेत था। इस परंपरा की शुरुआत सेना प्रमुख मनोज मुकुंद नरवणे के स्तर से हुई है। एक बदलाव यह भी हुआ कि कोरोना के कारण युवा अधिकारी इस बार सीधे अपनी यूनिट ज्वाइन करेंगे।
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सेना प्रमुख ने कैडेटों को संबोधित करते कहा कि रेजीमेंट कभी अच्छी या बुरी नहीं होती, बस अधिकारी अच्छे होते हैं। अपने जवानों के साथ ऐसा ही अधिकारी बनिए। उनका विश्वास और स्नेह हासिल करिये और वे आपके लिए हर लड़ाई जीतेंगे। उन्होंने कहा कि जब चीजें मुश्किल हो जाती हैं और सब खोते हुए दिखता है, तो आपके जवानों की भावना ही आपको जिताने में मददगार होती है।
सेना प्रमुख ने कहा कि एक अधिकारी के रूप में सेना में पहला कदम रख रहे जेंटलमैन कैडेटों को रणनीतिक, नीतिगत और अभियान संबंधी कई चुनौतीपूर्ण फैसले लेने होंगे। बाहरी खतरों के साथ ही आपको देश को अस्थिर करने वाली आंतरिक ताकतों का भी सामना करना पड़ सकता है। ऐसे में सैन्य प्रशिक्षण के उच्च मानक उन्हें चुनौतियों से उबरने में मदद करेंगे। युवा अधिकारियों से जाति, वर्ण और धर्म से ऊपर उठकर काम करने को उन्होंने कहा।
आइएमए से पासआउट कैडेट राज्यवार
सेना प्रमुख ने कहा कि सेना भेदभाव नहीं करती। अभिभावकों को दिए संदेश में सेना प्रमुख ने कहा कि कल तक ये आपके बच्चे थे, लेकिन कल से हमारे होंगे। इस दौरान सेना प्रशिक्षण कमान प्रमुख ले जनरल राज शुक्ला, आइएमए कमान्डेंट ले जनरल जयवीर सिंह नेगी, डिप्टी कमान्डेंट मेजर जनरल जेएस मंगत आदि मौजूद रहे।
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ये रहे श्रेष्ठ में सर्वश्रेष्ठ
- स्वॉर्ड ऑफ ऑनर-आकाशदीप सिंह ढिल्लों
- स्वर्ण पदक-शिव कुमार चौहान
- रजत पदक-सक्षम राणा
- कांस्य पदक-सूरज सिंह
- रजत पदक (टीजीसी)-भरत योगेंद्र
- श्रेष्ठ विदेशी कैडेट-दोन वॉन सोन (वियतनाम)
- चीफ ऑफ आर्मी स्टाफ बैनर-केरेन एवं सिंहगढ़ कंपनी