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छात्रवृत्ति घोटाला: हाईकोर्ट की सख्ती के बाद एकबार फिर सक्रिय हुई एसआइटी

करोड़ों के छात्रवृत्ति घोटाले की जांच कर रही एसआइटी हाईकोर्ट की फटकार के बाद फिर सक्रिय हो गई है।

By Raksha PanthariEdited By: Published: Sun, 01 Sep 2019 04:26 PM (IST)Updated: Sun, 01 Sep 2019 04:26 PM (IST)
छात्रवृत्ति घोटाला: हाईकोर्ट की सख्ती के बाद एकबार फिर सक्रिय हुई एसआइटी

देहरादून, जेएनएन। करोड़ों के छात्रवृत्ति घोटाले की जांच कर रही एसआइटी हाईकोर्ट की फटकार के बाद फिर सक्रिय हो गई है। हरिद्वार को छोड़कर एसआइटी अभी तक दूसरे जिलों में भ्रष्टाचारियों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं कर सकी है। इससे एसआइटी की कार्रवाई पर भी सवाल खड़े होने लगे हैं। हालांकि हाईकोर्ट ने 11 सितंबर को अब तक हुई कार्रवाई के पूरे ब्योरे के साथ प्रभारियों को पेश होने को कहा है। 

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राज्य में दशमोत्तर छात्रवृत्ति में करोड़ों का घोटाला सामने आया है। इस मामले पर हाईकोर्ट के आदेश पर जांच कराई जा रही है। आइपीएस मंजू नाथ टीसी को हरिद्वार और देहरादून की जांच सौंपी गई है। हरिद्वार में छह से ज्यादा कॉलेजों के खिलाफ एसआइटी कार्रवाई कर चुकी है। यहां 50 करोड़ से अधिक का घोटाला पकड़ा जा चुका है। मगर, देहरादून के कॉलेजों पर एसआइटी कार्रवाई करने से बच रही है। पिछले दो माह से यहां जांच पूरी तरह से ठंडी पड़ी है। जबकि दून में सबसे ज्यादा कॉलेज और छात्रवृत्ति वितरण की बात सामने आई है। 

इसी तरह अन्य 11 जिलों की जांच आइजी संजय गुंज्याल के नेतृत्व वाली एसआइटी को सौंपी गई है। यह जांच अभी तक बैठकों तक सीमित है। हालांकि इस टीम को जांच के आदेश मिले अभी कुछ माह ही हुए हैं। ऐसे में जांच टीम के सदस्य अभी तक जनपदों और निदेशालय से पत्रवली मांग रहे हैं। इससे साफ है कि यहां अभी जांच में समय लग सकता है। बहरहाल हाईकोर्ट ने जांच को लेकर गंभीरता दिखाई तो अब एसआइटी भी सक्रिया हो गई है। इसका असर शनिवार को पुलिस मुख्यालय में भी देखा गया। 

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जांच को 11 टीमें गठित 

आइजी संजय गुंज्याल के नेतृत्व वाली एसआइटी में छात्रवृत्ति घोटाले के लिए 11 टीम गठित कर ली है। शनिवार को इसके आदेश जारी किए गए हैं। यह टीम 11 जिलों में छात्रवृत्ति घोटाले की जांच करेगी। टीम के सदस्यों को सोमवार को पुलिस मुख्यालय बुलाया गया है। यहां टीम बैठक कर भविष्य की रणनीति पर चर्चा करेगी। आइजी गुंज्याल ने बताया कि टीम में इंस्पेक्टर, दारोगा शामिल किए गए हैं। ताकि जांच को तेजी से पूरा किया जा सके। इधर, दून में छात्रवृत्ति घोटाले की जांच कर रहे इंस्पेक्टर अशोक त्यागी रिटायर्ड हो गए हैं। उनकी जगह अब नए विवेचक को जिम्मेदारी दी जाएगी। 

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..तो कार्रवाई के डर से बेचा कॉलेज 

एसआइटी जांच के बाद प्रेमनगर क्षेत्र में एक कॉलेज बिक गया है। ऐसी चर्चाएं इन दिनों आम लोगों की जुबां पर है। सूत्रों का कहना है कि इस कॉलेज के खिलाफ भी एसआइटी को पुख्ता सबूत मिले हैं। यहां फर्जी तरीके से छात्रवृत्ति का वितरण हुआ है। एसआइटी कॉलेज की जांच पूरी कर चुकी है। यहां सिर्फ संचालकों के खिलाफ गिरफ्तारी की कार्रवाई होनी है। मगर, चर्चाएं है कि एसआइटी के डर से संचालक ने कॉलेज किसी को बेच दिया है। 

दून में अब हो सकती है कार्रवाई 

हाईकोर्ट में रिपोर्ट देने से पहले एसआइटी दून में जिन कॉलेजों के खिलाफ जांच पूरी कर चुकी है, उन पर कार्रवाई हो सकती है। इसे लेकर जांच कर रहे अधिकारियों ने दोबारा इन कॉलेजों की पत्रवलियां पलटनी शुरू कर दी हैं। ताकि मौका मिलते ही गिरफ्तारी की कार्रवाई की जा सके। 

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