वाराणसी में देव दीपावली के भव्य आयोजन से पर्यावरण का भी दिया जाएगा संदेश
वाराणसी में देव दीपावली की तैयारी जोर शोर से चल रही है। गंगा घाटों को 10.10 लाख दीपों से सजाया जाएगा जिनमें एक लाख गोबर के दीप होंगे। पर्यटकों के लिए विशेष व्यवस्था की गई है होटल और गेस्ट हाउस बुक हो चुके हैं। गंगा महोत्सव में सांस्कृतिक कार्यक्रम होंगे और चेत सिंह घाट पर लेजर शो होगा।

जागरण संवाददाता, वाराणसी। प्रशासन देव दीपावली को ऐतिहासिक और भव्य बनाने की तैयारियों में जुट गया है। प्रांतीय मेला के रूप में घोषित देव दीपावली पांच नवंबर को मनाई जाएगी। इस पर गंगा घाटों को 10.10 लाख से अधिक दीपों से रोशन किए जाने की योजना है। इनमें से करीब एक लाख दीप गाय के गोबर से बने होंगे जो पर्यावरण संरक्षण की दिशा में महत्वपूर्ण कदम होगा।
इस बार की देव दीपावली के आयोजन में पर्यावरण को ध्यान में रखते हुए ही आयोजन का फैसला लिया गया है। इसके लिए ग्रीन पटाखे, लेजर लाइट ही नहीं बल्कि दीयों को भी गोबर से निर्मित कराने की तैयारी है। वहीं आयोजन को भी पर्यावरण के अनुकूल रखने के लिए विविध स्तर के कार्यक्रमों को गति देने की तैयारी की जा रही है।
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अब आयोजन के लिए 45 दिनों का ही समय शेष बचा है। लिहाजा घाटों की रौनक से लेकर पर्यटकों तक को जोड़ने के लिए जिला प्रशासन की ओर से विशेष तैयारी की जा रही है। अब आयोजन की रूपरेखा को धीरे धीरे अंतिम रूप भी दिया जा रहा है।
देव दीपावली पर दीपों की माला पहने हुए काशी के अर्धचंद्राकार घाटों की अलौकिक व अद्भुत छटा दिखाई देगी। देव दीपावली के अनुपम दृश्य को देखने बड़ी संख्या में देशी और विदेशी मेहमान काशी आते हैं। देव दीपावली पर होटल, गेस्ट हाउस, नाव, बाजरा, बोट, क्रूज सभी फुल हो जाते हैं। सरकार और जनसहभागिता से घाटों, तालाबों और कुंडों पर दीप जगमगाते दिखेंगे।
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संयुक्त निदेशक (पर्यटन) दिनेश कुमार ने बताया कि देव दीपावली पर कुछ डिजाइनर दीप भी होंगे। इसके अलावा घाटों की साफ-सफाई होगी और गंगा किनारे के ऐतिहासिक घाटों को फसाड लाइट और इलेक्ट्रिक लाइट से रोशन किया जाएगा।
01 से 04 नवंबर तक होगा गंगा महोत्सव
देव दीपावली से पहले 01 से 04 नवंबर तक राजघाट पर सांस्कृतिक कार्यक्रम "गंगा महोत्सव" का आयोजन होगा। इसमें स्थानीय कलाकारों को वरीयता दी जाएगी। इसके अलावा चेत सिंह घाट पर लेजर शो के माध्यम से काशी से जुड़ी धार्मिक कथाएं दिखाई जाएंगी। गंगा पार रेत पर प्रदूषण रहित ग्रीन आतिशबाजी का भी शो किया जाएगा, जो पर्यावरण संरक्षण का संदेश भी देगा।
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