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    व‍िमान के कॉकपिट में एंट्री का वह सुरक्षा कोड ज‍िसे दबाने से वाराणसी एयरपोर्ट पर मची अफरातफरी

    Updated: Mon, 22 Sep 2025 06:26 PM (IST)

    बेंगलुरु से वाराणसी आ रही इंडिगो की उड़ान में एक यात्री ने कॉकपिट के दरवाजे का सुरक्षा कोड दबा दिया जिससे सुरक्षा एजेंसियां सतर्क हो गईं। यात्री ने बताया कि वह पहली बार यात्रा कर रहा था और उसे कोड की जानकारी नहीं थी। सीआईएसएफ ने यात्रियों को पूछताछ के लिए हिरासत में ले लिया।

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    व‍िमान के उतरते ही सीआइएसएफ ही नहीं बल्‍क‍ि सुरक्षा एजेंस‍ियों के भी होश उड़ गए।

    जागरण संवाददाता, वाराणसी। बेंगलुरु से वाराणसी की उड़ान संख्या-IX-1086 के पायलट, सिद्धार्थ शर्मा द्वारा एटीसी को एक महत्वपूर्ण संदेश प्राप्त हुआ। इस संदेश में बताया गया कि एक यात्री, मणि, जो कि नौ यात्रियों के समूह में था, ने कॉकपिट दरवाजे के सुरक्षा कोड को दबा दिया। इसी वजह से व‍िमान के उतरते ही सीआइएसएफ ही नहीं बल्‍क‍ि सुरक्षा एजेंस‍ियों के भी होश उड़ गए। 

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    दरअसल भीतर एंट्री के ल‍िए पासकोड होता है जो क्रू मेम्बर को ही पता होता है। लेकिन, पासकोड दबाने के बाद भी अंदर से पायलट की अनुमति के बाद ही दरवाजा खुलता है। ल‍िहाजा यात्री द्वारा कोड दबाने का प्रयास क‍िया गया तो भीतर से पायलट ने अज्ञात व्‍यक्‍त‍ि देखकर अनुमत‍ि नहीं दी। 

    वीड‍ियो में जानें पूरा प्रकरण

    इस घटना से विमान के चालक दल में सतर्कता बढ़ गई। जब यात्री से इस हरकत के बारे में पूछा गया, तो उसने कहा कि वह पहली बार यात्रा कर रहा था और उसे इसकी जानकारी नहीं थी। चालक दल ने सभी यात्रियों की पहचान की और इस सूचना के आधार पर, सीआईएसएफ ने सभी यात्रियों को पूछताछ के लिए ले लिया और स्थानीय पुलिस को सूचित किया।

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    दरअसल कॉकपिट के ल‍िए पासकोड की सुरक्षा व्यवस्था अत्यंत महत्वपूर्ण होती है। इसके लिए एक विशेष पासकोड या पिन सिस्टम का उपयोग किया जाता है, जो आमतौर पर चार अंकों का या उससे अधिक कठिन होता है। एयरलाइन कंपनियां इस पासकोड को नियमित रूप से अपडेट करती हैं। रिपोर्ट्स के अनुसार, यह पासकोड केवल पायलट और कॉ-पायलट के पास होता है। एयरलाइन का संचालन विभाग और सुरक्षा अधिकारी भी इसे केवल आवश्यक परिस्थितियों में ही जानते हैं।

    यात्रियों को इस पासकोड की कोई जानकारी नहीं दी जाती है। आम क्रू मेंबर या यात्री को कभी भी इस कोड की जानकारी नहीं मिलती। कुछ आधुनिक एयरक्राफ्ट में डिजिटल लॉक के साथ बायोमेट्रिक सुरक्षा या कार्ड-आधारित प्रणाली भी लागू है, ताकि केवल पंजीकृत और अधिकृत कर्मी ही कॉकपिट में प्रवेश कर सकें। इस प्रकार, आधुनिक विमान संचालन में कॉकपिट का पासकोड केवल पायलट और एयरलाइन के अधिकृत अधिकारियों के पास ही सुरक्षित रहता है।

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    काकप‍िट में एंट्री का कोड दबाने को लेकर हुई इस घटना ने एक बार फिर से विमानन सुरक्षा के महत्व को उजागर किया है। यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए एयरलाइनों को कड़े सुरक्षा मानकों का पालन करना आवश्यक है। कॉकपिट की सुरक्षा केवल पायलटों के लिए नहीं, बल्कि सभी यात्रियों के लिए महत्वपूर्ण है। इस प्रकार की घटनाएं न केवल सुरक्षा को खतरे में डालती हैं, बल्कि यात्रियों के मन में भी भय उत्पन्न करती हैं।

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