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    बनारसी बाबू, कुत्ता पाला है तो इंतजाम भी कर लें, सार्वजनिक स्थानों पर शौच कराने से रोज हो रही किचकिच

    Updated: Wed, 13 Aug 2025 07:02 PM (IST)

    वाराणसी में कुत्ता पालना एक लोकप्रिय शौक बनता जा रहा है लेकिन सार्वजनिक स्थानों पर गंदगी की समस्या बढ़ रही है। नगर निगम में कुत्तों का पंजीकरण कराना अनिवार्य है लेकिन कई लोग नियमों का पालन नहीं कर रहे हैं। नियमों का उल्लंघन करने पर जुर्माना भी लग सकता है।

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    अगर आपने कुत्‍ता पाला है तो उसका इंतजाम भी जरूर करें, जान लें न‍ियम कायदे।

    जागरण संवाददाता, वाराणसी। शहर में कुत्ता पालना फैशन बनता जा रहा है। फ्लैटों में रहने वाले तमाम लोगों का भी कुत्तों से मोह भंग नहीं हो रहा है। सुबह-शाम अपने कुत्तों को टहलाने के बहाने सार्वजनिक स्थानों पर शौच करा देते हैं और धीरे से खिसक जाते हैं।

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    कुत्ते के शौच से गली-मोहल्ला गंदा हो रहा है। पड़ोसी मुंह बिचकाते हैं, सफाईकर्मी नाराज होते हैं, मोहल्ले में किचकिच हो रही है। इससे भी उनके सेहत पर कोई फर्क नहीं पड़ता। उनकी नजर में मानो कुछ गलत नहीं हुआ है। हुजूर… शौक से कुत्ता पालिए, लेकिन सफाई और पंजीकरण का कर्तव्य निभाना मत भूलिए, वरना गली-मोहल्ले में सिर्फ कुत्ते ही नहीं… लोग भी भौंकने लगेंगे। तब कुत्ता पालने का शौक आप पर ही भारी पड़ेगा।

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    कुत्ता ही नहीं काेई गाय-भैंस, बकरी या कोई अन्य जानवर यदि आप घर में रखे हुए हैं तो उसके रखरखाव व सफाई की जिम्मेदारी भी आप की ही हैं। कुत्तों को सार्वजनिक स्थानों पर शौच कराने से न केवल में शहर में गंदगी बढ़ रही है। बल्कि स्वच्छता अभियान पर भी पलीता लग रहा है। आपकी यह लापरवाही दूसरों के लिए समस्या बन रही है। यह समस्या एक दिन आपके सामने भी आनी तय है। ऐसे में कुत्ता पालना है तो पुख्ता इंतजाम भी करना होगा। अन्यथा जुर्माना भी भरना पड़ सकता है।

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    शहर में शायद ही कोई मोहल्ला व कालोनी हो जहां कुत्ते की फौज दिखाई न दे। शहर में करीब 45,000 से अधिक कुत्ता होने का अनुमान है। इसमें 15,000 से अधिक पालतू कुत्ते होने होने का अनुमान है। वहीं नगर निगम ने पंजीकरण महज 470 कुत्ताें का ही है। जबकि पशुओं के प्रति क्रूरता निवारण (श्वान प्रजजन एवं विपणन) नियम 2017 के तहत शहर में पालतू कुत्तों व बिल्ली का पंजीकरण अनिवार्य है। इसके लिए पंजीकरण शुल्क महज 500 रुपये निर्धारित है।

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    ‘स्मार्ट काशी एप’ के माध्यम आनलाइन पंजीकरण कराने की सुविधा है। इसके बाद भी ज्यादातर लोगों ने कुत्तों का पंजीकरण नहीं कराया है। इसके पीछे नगर निगम भी कम जिम्मेदार नहीं है। निगम में इसके लिए पशु चिकित्सा एवं कल्याण विभाग भी है। इस विभाग के पास सालाना 50 लाख रुपये का बजट भी है। इसके बावजूद कुत्तों की नसबंदी (बंध्याकरण) पांच माह से ठप चल रहा है। पशु चिकित्सा एवं कल्याण विभाग की टीम अभियान के नाम पर सिर्फ बेसहारा पशुओं को पकड़ने तक ही सीमित है। कुत्ता-बिल्ली के पंजीकरण व बगैर लाइसेंस के कुत्तों की खरीद-बिक्री पर भी निगम का कोई ध्यान नहीं हैं।

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    रजिस्ट्रेशन अनिवार्य, जुर्माना व कार्रवाई दोनों का प्रविधान

    पशु कल्याण एवं चिकित्सा अधिकारी डा. संतोष पाल ने बताया कि श्वान प्रजजन एवं विपणन नियम 2017 के तहत शहरी सीमा में पालतू कुत्तों व बिल्ली का रजिस्ट्रेशन अनिवार्य है। कुत्ता पालने वालों के लिए घरेलू और व्यावसायिक दोनों श्रेणियों में लाइसेंस शुल्क अलग-अलग निर्धारित है। इसमें गैर-बीड़िंग पालतू के लिए 500 रुपये व बीड़िंग के लिए 1000 रुपये वार्षिक शुल्क है। पालतू कुत्ता व बिल्ली रखने वाले को एंटी-रेबीज व अन्य जरूरी टीकाकरण का प्रमाण पत्र देना अनिवार्य है। लाइसेंस न लेने पर जुर्माना व कार्रवाई दोनों का प्रविधान है।

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    कुत्ता-बिल्ली पालने के नियम व जुर्माना इस प्रकार है।

    -बगैर लाइसेंस के तीन माह से अधिक उम्र का कुत्ता व बिल्ली रखना प्रतिबंधित।

    -गैर-बीड़िंग के लिए 500 रुपये और बीड़िंग पालतू कुत्तों के लिए 1000 रुपये वार्षिक शुल्क निर्धारित।

    -पालतू कुत्तों व बिल्ली के लिए एंटी-रेबीज व अन्य अनिवार्य टीकाकरण जरूरी।

    -एक परिवार अधिकतम चार पालतू रख सकेगा।

    -पांच या अधिक पालतू होने पर ‘स्वान पशु शेल्टर’ शेल्टर बनाना और 300 वर्ग गज क्षेत्र अनिवार्य। छह माह होगी लाइसेंस की अवधि।

    -पिटबुल, राटवीलर, डोगो अर्जेंटीनो, तोसा, फाइला ब्रासीलियो सहित अन्य पालना नस्लें की कुत्ता रखना प्रतिबंधित।

    -टैग, टोकन या चिप लगे बिना पालतू कुत्ता को बाहर ले जाना प्रतिबंधित।

    - सार्वजनिक स्थान पर पालतू कुत्तों को शौच कराना प्रतिबंधित।

    -सार्वजनिक स्थानों पर घुमाने के दौरान कुत्ते के मुंह पर माउजल और गले में पट्टा लगाना अनिवार्य।

    - नियम का उल्लंघन करने पर 5,000 रुपये तक का जुर्माना।

    -पालतू कुत्ता खोने पर नगर निगम को देना होगा सूचना।

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