वाराणसी बन रहा कृषि निर्यात का नया हब, देश की अर्थव्यवस्था में भी देगा योगदान
वाराणसी एयरपोर्ट पर एपीडा ने कृषि निर्यात को बढ़ावा देने के लिए क्षमता निर्माण कार्यक्रम आयोजित किया। बैठक में मालभाड़ा बढ़ोतरी और कार्गो स्पेस की कमी जैसी चुनौतियों पर चर्चा हुई। अधिकारियों ने बताया कि 2019 से शुरू हुआ कृषि उत्पादों का निर्यात 1000 मीट्रिक टन पार कर गया है।

जागरण संवाददाता (बाबतपुर) वाराणसी। कृषि और प्रसंस्कृत खाद्य उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण एपीडा (APEDA) ने लाल बहादुर शास्त्री अंतर्राष्ट्रीय एयरपोर्ट पर कृषि निर्यात संवर्धन हेतु क्षमता निर्माण और विचार मंथन कार्यक्रम का आयोजन किया। इस बैठक में एयरलाइंस द्वारा मालभाड़ा बढ़ोतरी, कार्गो स्पेस की कमी और ट्रांस-शिपमेंट बांड का उपयोग न होने जैसी चुनौतियों पर चर्चा की गई।
मंडलायुक्त ने बताया कि एयरफ्रेट दरों और अन्य मुद्दों को नागरिक उड्डयन मंत्रालय और एयरलाइंस के समक्ष उठाया जाएगा। एपीडा के डॉ. सी.बी. सिंह ने जानकारी दी कि 2019 में शून्य से शुरू हुआ कृषि उत्पादों का निर्यात अब 1000 मीट्रिक टन पार कर चुका है। केवल चालू वित्तीय वर्ष के पहले पांच महीनों में ही 500 मीट्रिक टन से अधिक निर्यात दर्ज किया गया है।
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इस कार्यक्रम में हरी मिर्च, भिंडी, करेला, परवल और आम जैसे कई उत्पादों का सफल निर्यात किया गया है। विशेषज्ञों ने GAP, उन्नत किस्मों और गुणवत्तापूर्ण उत्पादन पर जोर दिया। एपीडा, प्रशासन और किसानों के सामूहिक प्रयासों से वाराणसी तेजी से कृषि निर्यात का केंद्र बनता जा रहा है।
कार्यक्रम में निदेशक एलबीएसआई हवाई अड्डा पुनीत गुप्ता, कृषि विभाग, कृषि विज्ञान केंद्र (केवीके), पादप संगरोध विभाग (पीक्यू), कृषि विपरण, अंतर्राष्ट्रीय धान अनुसंधान संस्थान (आईआरआरआई) और भारतीय सब्जी अनुसंधान संस्थान (आईआईवीआर) के वरिष्ठ वैज्ञानिकों सहित अनेक विभागीय अधिकारी और किसान उत्पादक संगठन (एफपीओ) के प्रतिनिधियों ने सक्रिय भागीदारी की।
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एपीडा के प्रयासों से वाराणसी में कृषि उत्पादों के निर्यात में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। यह न केवल स्थानीय किसानों के लिए लाभकारी है, बल्कि क्षेत्र की आर्थिक स्थिति को भी मजबूत कर रहा है। कृषि उत्पादों के निर्यात में वृद्धि से किसानों को बेहतर मूल्य मिल रहा है, जिससे उनकी आय में सुधार हो रहा है।
इस कार्यक्रम के माध्यम से कृषि निर्यात को बढ़ावा देने के लिए आवश्यक बुनियादी ढांचे और संसाधनों पर भी चर्चा की गई। एपीडा ने यह सुनिश्चित करने का आश्वासन दिया कि सभी संबंधित पक्षों के साथ मिलकर निर्यात की चुनौतियों का समाधान किया जाएगा।
वाराणसी का यह नया कृषि निर्यात हब बनने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है, जो न केवल स्थानीय कृषि को सशक्त करेगा, बल्कि देश की अर्थव्यवस्था में भी योगदान देगा। इस दिशा में उठाए गए कदमों से वाराणसी को कृषि निर्यात के क्षेत्र में एक प्रमुख स्थान प्राप्त होगा।
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