मीरजापुर से तय होता है भारत का मानक समय, जानिए कैसे तय हुआ था इंडियन स्टैंडर्ड टाइम
देश का मानक समय उत्तर प्रदेश के मीरजापुर जिले से निर्धारित होता है। भारत की पूर्व-पश्चिम दूरी के कारण मिर्जापुर को देश का मध्य मानकर समय तय किया गया। दिल्ली की शोध संस्था स्पेस ने भी अपने शोध में इसे सिद्ध किया है। यह स्थान मीरजापुर-इलाहाबाद मार्ग पर विंध्याचल के दक्षिणी अमरावती के पास स्थित है।

जागरण संवाददाता, मीरजापुर। देश का विशाल भूभाग इस प्रकार का है कि किसी समय पूर्वोत्तर में सूर्योदय हो रहा होता है तो दूसरी ओर पंजाब और गुजरात में अंधेरा रहता है। वहीं पूर्वोंत्तर में सूर्य ढलता है तो दूसरे स्थान पर पर्याप्त सूर्य की रोशनी रहती है। इस लिहाज से मानक समय को तय करने के लिए मध्य यानी बीच के रास्ते का चयन हुआ तो मीरजापुर जिले को मध्य मानकर समय को एकसमान देश में तय किया गया था।
दरअसल देश की पूर्व-पश्चिम दूरी लगभग 2933 किलोमीटर है। इसकी वजह से पूर्व में सूर्योदय और सूर्यास्त पश्चिम से दो घण्टे जल्दी होता है और इसीलिए उत्तर-पूर्व राज्यों के लोगों को उनकी घड़ियां आगे बढ़ने की आवश्यकता होती है। जिससे सूर्योदय के उपरान्त ऊर्जा का क्षय न हो। इसके कारण औपचारिक व्यवहारों में अनेक चुनौतियां मिलती हैं। इस लिहाज से भारतीय समय उत्तर प्रदेश के मीरजापुर (अमरावती चौराहे के पास) जिले से निर्धारित होता है। इंडियन स्टैंडर्ड टाइम
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भारत का मानक समय आइएसटी (इंडियन स्टैंडर्ड टाइम) विंध्याचल क्षेत्र से ही तय किया जाता है। यह नए शोध से यह स्थान सिद्ध भी किया गया है। हालांकि मानक समय के संबंध में यह कहानी भी प्रचलित थी कि राक्षसराज रावण जिसने काल को अपने वश में कर रखा था, वह विंध्य क्षेत्र को ही पृथ्वी का केंद्र मानकर समय तय करता था। यह स्थान मीरजापुर-इलाहाबाद मार्ग पर विंध्याचल के दक्षिणी अमरावती के पास स्थित है।
इस स्थान पर दिल्ली की शोध संस्था स्पेस ने अपने शोध के आधार पर निकले निष्कर्ष के तहत एक बोर्ड लगवाया और वहां पर संबंधित जानकारी उपलब्ध कराई। बाद में जिला प्रशासन ने भी उस स्थान को एक छोटे पार्क में तब्दील कर अन्य जानकारियां भी संग्रहित की है। इस स्थल को जिला प्रशासन पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने का निर्णय लिया था। मगर आज भी यह स्थान उपेक्षा की पीड़ा से गुजर रहा है।
पूरे देश के लिए आधिकारिक समय के रूप में लागू हुआ आइएसटी 1947 में एक सितंबर को ही इंडियन स्टैंडर्ड टाइम (आइएसटी) को पूरे देश के लिए आधिकारिक समय के रूप में लागू किया गया था। यह वैश्विक मानक समय ग्रीनविच मीन टाइम से साढ़े पांच घंटे आगे है। आइएसटी की गणना 82.5 डिग्री पूर्वी देशांतर के आधार पर मीरजापुर में एक क्लाक टावर से की जाती है।
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स्पेस संस्था के अनुसार यह स्थान 82.5 पूर्वी देशांतर पर स्थित है जो कि देश का मध्य बिंदु है। भारत का मानक समय आइएसटी (इंडियन स्टैंडर्ड टाइम) इसी जगह से तय होता है। इस संस्था ने वर्ष 2007 में अपना शोध पूरा किया था और उसी समय यह बोर्ड लगवाया। बाद में तत्कालीन डीएम राजेश कुमार सिंह ने इस जगह के महत्व को समझते हुए इसका सुंदरीकरण कराया। एक छोटा पार्क बनवाया, गेट लगवाया और जिले की अन्य भौगोलिक जानकारियों को इसमें जगह दी। उसके बाद से केंद्र सरकार की भी कई टीमें आईं और सर्वे कार्य किया।
मान्यताओं के अनुसार विंध्याचल की जयपुरिया गली स्थित विंध्य महादेव मंदिर को लंकाधिपति रावण पृथ्वी का मध्य बिंदु मानता था। उसके अनुसार मां विंध्यवासिनी बिंदुवासिनी थी। भौगोलिक दृष्टि से जब इस तथ्य को जांचा गया तो अमरावती के पास का स्थान विंध्य महादेव से मात्र एक किलोमीटर की दूरी पर है।
भारत के मानक समय के लिए तय एक आभासी रेखा मध्य प्रदेश ओड़िसा, उत्तर प्रदेश, छत्तीसगढ, आंध्र प्रदेश से होकर गुजरती है। मानक समय 82.5 पूर्वी देशान्तर से लिया गया था। यह स्थान इलाहाबाद के निकट माना जाता रहा है लेकिन शोधों से यह तय हो गया है कि वह स्थान मीरजापुर का विंंध्य क्षेत्र ही उचित है।
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