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    शारदीय नवरात्र में महादेव की नगरी में विराजीं मां आदिशक्ति, गूंजे दुर्गा सप्तशती के स्वर

    Updated: Mon, 22 Sep 2025 04:21 PM (IST)

    शारदीय नवरात्र के पहले दिन काशी में मां आदिशक्ति की आराधना शुरू हो गई। घरों में कलश स्थापना की गई और मां का आह्वान किया गया। भक्तों ने षोडशोपचार पूजन किया और सप्तशती के स्वर गूंजे। मंदिरों में मां शैलपुत्री देवी के दर्शन के लिए भक्तों की भारी भीड़ उमड़ी।

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    नवरात्र के पहले दिन घर-घर में कलश स्थापित किए गए और मां का आह्वान किया गया।

    जागरण संवाददाता, वाराणसी। काशी के पुराधिपति भगवान विश्वनाथ महादेव की नगरी में सोमवार से मां शक्ति की उपासना का पावन काल आरंभ हो गया है। आश्विन शुक्ल प्रतिपदा को शारदीय नवरात्र के पहले दिन घर-घर में कलश स्थापित किए गए और मां का आह्वान किया गया।

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    भक्तों ने षोडशोपचार पूजन किया, जिसमें ‘या देवी सर्वभूतेषु प्रकृतिरूपेण संस्थिता, नम: तस्यै-नम: तस्यै, नम: तस्यै नमो नम:’ मंत्र का जाप करते हुए सप्तशती के स्वर चारों ओर गूंज उठे। इसके साथ ही देवी आराधना, साधना और उपासना के दस दिवसीय विविध अनुष्ठान का आरंभ हुआ।

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    प्रथम दिवस भक्तों ने मां के पहले स्वरूप मां शैलपुत्री देवी का दर्शन-पूजन किया। जैतपुरा के सरैया क्षेत्र में स्थित मां शैलपुत्री देवी और दुर्गा कुंड में स्थित मां दुर्गा के चतुर्थ स्वरूप मां कूष्मांडा देवी सहित सभी छोटे-बड़े देवी मंदिरों में दर्शन-पूजन के लिए भक्तों की भारी भीड़ उमड़ पड़ी।

    भक्तों ने लंबी कतारों में लगकर मां के दर्शन किए, और प्रात:काल से लेकर देर रात तक मंदिरों में मां का जयकारा गूंजता रहा। भोर में महाआरती के बाद मंदिर के कपाट खोल दिए गए। आबाल-वृद्ध स्त्री-पुरुष भक्तों ने कतारबद्ध होकर मां को गुड़हल पुष्प, नारियल, चुनरी, सिंदूर और सुहाग के सामान चढ़ाए। इसके साथ ही लौंग, इलायची, तांबूल, मेवे आदि का भोग अर्पित किया और सुगंधित धूप-दीप जलाकर दर्शन पूजन किया।

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    मंदिरों के बाहर भक्तों की सुविधा के लिए बैरीकेटिंग की गई है, जिससे भक्तों को दर्शन में कोई कठिनाई न हो। मंदिर के बाहर फूल-माला, नारियल और चुनरी की दुकानें भी सजी हुई हैं, जो भक्तों की श्रद्धा को और बढ़ा रही हैं।

    इस प्रकार, नवरात्रि का यह पर्व न केवल धार्मिक आस्था का प्रतीक है, बल्कि समाज में एकता और भाईचारे का भी संदेश देता है। भक्तों की भक्ति और श्रद्धा से महादेव की नगरी में मां आदिशक्ति की उपासना का यह पर्व विशेष रूप से मनाया जा रहा है। इस नवरात्रि में मां शक्ति की कृपा से सभी भक्तों के जीवन में सुख, शांति और समृद्धि की कामना की जा रही है।

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