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    GST छूट का लाभ न दे कारोबारी तो करें 1915 नंबर पर श‍िकायत, सुबूत के तौर पर पक्का बिल जरूर साथ रखें

    Updated: Mon, 22 Sep 2025 07:16 PM (IST)

    नवरात्र और जीएसटी की नई दरें लागू होने पर व्यापार की अच्छी शुरुआत हुई। राज्यकर विभाग ने ग्राहकों से पक्का बिल लेने का आग्रह किया है ताकि गड़बड़ी करने वालों पर कार्रवाई हो सके। जीएसटी दर कम होने से व्यापारियों को भी फायदा होगा बिक्री बढ़ने से बाजार में मांग बढ़ेगी और अर्थव्यवस्था सुधरेगी।

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    ग्राहक अपने पास सुबूत के तौर पर पक्का बिल जरूर साथ रखें।

    मुकेश चंद्र श्रीवास्तव, वाराणसी। नवरात्र और जीएसटी की नई दर लागू होने के पहले दिन सोमवार को व्यापार में बेहतरीन शुरूआत देखने को मिली। इस अवसर पर व्यापारियों, ग्राहकों और विभाग के समक्ष कई चुनौतियाँ भी उपस्थित हुईं। राज्यकर विभाग ने सभी से अपील की है कि जब भी वे सामान खरीदें, तो दुकानदार से पक्का बिल अवश्य लें। पक्का बिल होने पर गड़बड़ी करने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जा सकेगी। इसके अलावा यहां पर भी संपर्क कर सकते हैं। 

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    यहां करें शिकायत :

    फोन नंबर : 0124-468899

    ई-मेल आइडी : helpdesk@gst.gov.in

    टोल फ्री नंबर : 1915

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    जीएसटी की घटती दर पर सामान बेचने से दुकानदारों को भी लाभ होगा। सामान सस्ता होने से बिक्री में वृद्धि होगी, जिससे बाजार में डिमांड बढ़ेगी और उद्योग को भी लाभ होगा। इससे देश की अर्थव्यवस्था में भी सुधार होगा। सरकार ने इसी उद्देश्य को ध्यान में रखते हुए यह निर्णय लिया है। उम्मीद है कि इस फैसले के परिणामस्वरूप जीडीपी में 0.6 प्रतिशत की वृद्धि होगी।

    राज्यकर विभाग के संयुक्त आयुक्त रविंद्र कुमार द्विवेदी और उप आयुक्त हरिश्चंद्र मौर्या ने सोमवार को दैनिक जागरण कार्यालय में आयोजित विमर्श में यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि यदि कोई दुकानदार बिल देने पर सामान महंगा होने की बात करता है, तो ग्राहकों को इसकी तुरंत शिकायत करनी चाहिए, ताकि उस पर कार्रवाई की जा सके।

    सरकार ने ग्राहकों और व्यापारियों की सुविधा के लिए टोल फ्री नंबर, ई-मेल आईडी और विभिन्न एप भी जारी किए हैं। शिकायत मिलने पर त्वरित कार्रवाई की जाएगी। विभाग की टीम भी अज्ञात रूप से इसकी जांच कर रही है।

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    इस अवसर पर द्विवेदी ने कहा कि जीएसटी की नई दरों का लाभ उठाने के लिए सभी व्यापारियों को पारदर्शिता से काम करना चाहिए। उन्होंने यह भी बताया कि विभाग ने व्यापारियों को जागरूक करने के लिए कई कार्यक्रम आयोजित किए हैं। हरिश्चंद्र मौर्या ने कहा कि ग्राहकों को अपने अधिकारों के प्रति जागरूक रहना चाहिए और किसी भी प्रकार की गड़बड़ी की स्थिति में तुरंत विभाग से संपर्क करना चाहिए।

    इस प्रकार, नवरात्र और जीएसटी की नई दरों के साथ व्यापारियों और ग्राहकों के लिए एक नई उम्मीद की किरण जगी है। सभी को मिलकर इस अवसर का लाभ उठाना चाहिए और पारदर्शिता के साथ व्यापार करना चाहिए। इस प्रकार, यह निर्णय न केवल व्यापारियों के लिए, बल्कि ग्राहकों के लिए भी लाभकारी सिद्ध होगा।

    द्विवेदी ने बताया कि जीएसटी दर में कटौती का असर बाजार में अभी से दिखने लगा है। सबसे अधिक उत्साह आटोमोबाइल्स व इलेक्ट्रानिक्स सेक्टर में है। रोजमर्रा की लगभग 300 प्रमुख वस्तुओं की दर घटी है।

    लोगों के आर्थिक स्थिति में सुधार व बिजनेस फ्रेंडली वाला है जीएसटी-2.0 :

    इसका लाभ सीधे आम लोगों को भी मिलेगा। कहा कि नवरात्र के पहले दिन अक्सर लोग पूजा-पाठ करते हैं। इसलिए एक-दो दिन बाद बाजार में और उत्साह बढ़ेगा। अगर दुकानदार सरकार द्वारा दी गई छूट पर बिक्री करेगा तो उसका कारोबार बढ़ेगा। कारण कि कम रेट पर सामान मिलेगा तो कम पूंजी वाले लोग भी खरीदारी के लिए आगे आएंगे। इससे इकोनामी को भी बूस्ट अप मिलेगा। इस व्यवस्था से सभी को फायदा है।

    दो स्लैब होने के कारण व्यापारियों को टैक्स भरने व बिल बनाने में भी सहूलियत मिलेगी। जीएसटी-2.0 लोगों की आर्थिक स्थिति में सुधार लाने वाला तो है ही साथ ही बिजनेस फ्रेंडली भी है। व्यापारी को इससे कोई नुकसान नहीं है, बल्कि उनका व्यापार और बढ़ेगा। पहले के 28 प्रतिशत जीएसटी वाले लगभग 90 प्रतिशत सामग्रियों को 18 प्रतिशत वाले जीएसटी स्लैब में ला दिया गया है। वहीं 12 प्रतिशत जीएसटी स्लैब के लगभग 99 प्रतिशत सामग्रियों को पांच प्रतिशत में ला दिया गया है।

    2017 में महज 66 लाख ही व्यापारी टैक्स दे रहे हैं, जो अब बढ़कर 1.51 करोड़ हो गए हैं। वहीं 2017 या उससे पहले प्रति माह मात्र 82 हजार करोड़ ही टैक्स कलेक्शन होता था। अब प्रति माह दो लाख करोड़ का टैक्स कलेक्शन हो रहा है। ऐसे में आने वाले समय में देश की सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में भी ग्रोथ होगा।

    अगर कोई बिल दे रहा है और टैक्स का उसमें जिक्र नहीं करता है तो इसकी शिकायत की जा सकती है। यही नहीं अगर कोई अधिक टैक्स लेता है तो ऐसी स्थिति में संबंधित व्यापारी पर कार्रवाई का प्रावधान है। इस योजना का लाभ आम लोगों को मिले इसके लिए विभाग की ओर से व्यापारियों के साथ लगातार बैठक की जा रही है। साथ ही विभाग की टीम भी बाजार में चक्रमण कर रही है।

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    आवश्यक हेल्प लाइन :

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    जीएसटी फीडबैंक एंड एक्शन रूम :

    ई-मेल: gst.actionroom@gov.in

    टोल फ्री नंबर : 1915

    फोन : 011-23094160/61/62

    011-23094168/69

    एक्स : @askGST_GOI for any GST related query

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    जीएसटीटीएन हेल्प डेस्क :

    ई-मेल आइडी : helpdesk@gst.gov.in

    फोन नंबर : 0124-4688999

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    सीबीईसी मित्र हेल्प डेस्क :

    ई-मेल आइडी : cbecmitra.helpdesk@icegate.gov.in

    फोन नंबर : 1800-1200-232

    जीएसडी काउंसिल ई-मेल : contact.gstcouncil@gov.in

    फोन : 011-23762656

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