सोनभद्र में प्राइवेट विद्यालय पर वज्रपात से दो छात्रों की मौत, चार अन्य झुलसे
सोनभद्र के चोपन थाना क्षेत्र में ब्रह्मदेव आइडल पब्लिक स्कूल में वज्रपात से दो छात्रों की मौत हो गई जबकि चार अन्य झुलस गए। एक छात्रा को गंभीर हालत में अस्पताल भेजा गया है। बारिश के दौरान हुए इस हादसे के बाद स्कूल में अफरा-तफरी मच गई। मृतकों के परिवार में शोक की लहर है और विद्यालय प्रशासन की लापरवाही पर सवाल उठाए जा रहे हैं।

जागरण संवाददाता, सोनभद्र। चोपन थाना क्षेत्र के तेलगुड़वा में स्थित ब्रह्मदेव आइडल पब्लिक स्कूल में शुक्रवार को दोपहर वज्रपात से दो छात्रों की मौत हो गई जबकि चार अन्य झुलस गए। इनमें से एक छात्रा को गंभीर हालत में जिला अस्पताल के लिए रेफर किया गया है। इस घटना ने विद्यालय में कोहराम मचा दिया है।
शुक्रवार को ब्रह्मदेव आइडल पब्लिक स्कूल में छात्र-छात्राएं पढ़ाई कर रहे थे। अचानक हल्की बारिश शुरू हुई और इसके बाद वज्रपात हुआ। इस वज्रपात के कारण विद्यालय में पढ़ने वाले बच्चों को करंट लगा, जिससे वे गंभीर रूप से झुलस गए। घटना के बाद वहां अफरा-तफरी मच गई। विद्यालय के शिक्षकों के साथ ही आसपास के लोग और अभिभावक मौके पर पहुंचे।
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घटना के तुरंत बाद, सोनाथ डंडी निवासी तेरह वर्षीय छात्र दीपक, जो स्व शिवशंकर का पुत्र है, और अरविन्द, जो स्व भगवान दास का पुत्र है, को एम्बुलेंस से सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र चोपन लाया गया। वहां प्राथमिक उपचार के दौरान डाक्टरों ने दीपक और अरविन्द को मृत घोषित कर दिया। वहीं, छात्रा रेखा गुप्ता, जो पंचम गुप्ता की पुत्री है, को प्राथमिक उपचार के बाद जिला अस्पताल लोढी रेफर कर दिया गया है। इस घटना से मृतक छात्रों के स्वजन में चीख-पुकार मच गई है।
स्थानीय लोगों का कहना है कि विद्यालय में सुरक्षा के उपायों की कमी है। वज्रपात के समय बच्चों को सुरक्षित स्थान पर ले जाने की कोई व्यवस्था नहीं थी। इस घटना ने विद्यालय प्रशासन की लापरवाही को उजागर किया है। अभिभावकों ने इस घटना के बाद विद्यालय के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है।
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इस घटना ने पूरे क्षेत्र में शोक की लहर दौड़ा दी है। स्थानीय प्रशासन ने घटना की जांच के आदेश दिए हैं और मृतक छात्रों के परिवारों को सहायता प्रदान करने का आश्वासन दिया है।
इस प्रकार की घटनाएं न केवल बच्चों के जीवन को खतरे में डालती हैं, बल्कि समाज में सुरक्षा के प्रति जागरूकता की आवश्यकता को भी उजागर करती हैं। विद्यालयों में बच्चों की सुरक्षा को प्राथमिकता दी जानी चाहिए ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं से बचा जा सके।
इस घटना ने सभी को यह सोचने पर मजबूर कर दिया है कि क्या हम अपने बच्चों को सुरक्षित वातावरण प्रदान कर पा रहे हैं। विद्यालयों में सुरक्षा उपायों को सख्ती से लागू करने की आवश्यकता है ताकि ऐसी दुखद घटनाएं दोबारा न हों। इस घटना के बाद, सभी को एकजुट होकर बच्चों की सुरक्षा के लिए प्रयास करने की आवश्यकता है।
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