सोनभद्र में भंवरों के हमले में दादी-पोती की दर्दनाक मौत से गांव में पसरा मातम
सोनभद्र जिले के दुद्धी कोतवाली क्षेत्र के बीडर गांव में भंवरों के हमले से एक पोती की मौत हो गई जबकि उसकी दादी ने भी अस्पताल में इलाज के दौरान दम तोड़ दिया। धनेश्वरी (55 वर्ष) अपनी छह वर्षीय पोती शिवानी कुमारी के साथ बकरी चरा कर लौट रही थीं।
जागरण संवाददाता, सोनभद्र। वन क्षेत्रों से समृद्ध जिले सोनभद्र में गुरुवार को भंवरों के हमले के कारण एक पोती की मौत हो गई, जबकि उसकी दादी भी गंभीर रूप से घायल होने के बाद जिला अस्पताल में इलाज के दौरान चल बसीं। दुद्धी कोतवाली क्षेत्र के बीडर गांव में बुधवार की शाम लगभग छह बजे, धनेश्वरी (55 वर्ष) पत्नी मानिकचंद अपनी छह वर्षीय पोती शिवानी कुमारी के साथ पहाड़ी पर बकरी चरा कर घर लौट रही थीं। इसी दौरान, जंगली भंवरों ने उन पर अचानक हमला कर दिया।
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इस हमले में शिवानी को भंवरों ने गंभीर रूप से घायल कर दिया। धनेश्वरी का शोर सुनकर घर के अन्य सदस्य दौड़कर आए और किसी तरह दोनों को भंवरों के हमले से बचाकर दुद्धी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) ले जाया गया। वहां चिकित्सकों ने शिवानी को मृत घोषित कर दिया। वहीं, धनेश्वरी की गंभीर स्थिति को देखते हुए उन्हें रेफर कर दिया गया।
गुरुवार को इलाज के दौरान धनेश्वरी देवी की भी मौत हो गई। इस घटना ने गांव में शोक की लहर दौड़ा दी है। स्थानीय निवासियों का कहना है कि भंवरों के हमले की यह पहली घटना नहीं है, लेकिन इस बार का हमला बेहद गंभीर रहा। गांव में मातम का माहौल है और लोग इस घटना को लेकर गहरे दुखी हैं।
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गांव के लोगों ने प्रशासन से मृतकों के परिजनों को राहत प्रदान करने की मांग की है। इस वर्ष भंवरों के हमले की कई घटनाएं हो चुकी हैं। इस प्रकार की घटनाओं को रोकने के लिए गांव के लोगों के बीच भी दो की मौत के बाद काफी चर्चा बनी हुई है। गांव के लोगों की मांग है कि इस तरह की घटनाएं भविष्य में न हों, इसके लिए वन विभाग को उचित उपाय करने चाहिए।
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इस घटना ने यह भी उजागर किया है कि वन्य जीवों के साथ मानव-वन्यजीव संघर्ष की समस्या कितनी गंभीर होती जा रही है। स्थानीय लोग हमेशा से वन क्षेत्रों के निकट रहते आए हैं, लेकिन इस तरह के हमले उनकी सुरक्षा को खतरे में डाल रहे हैं।
धनेश्वरी और शिवानी के परिवार में इस दुखद घटना से गहरा आघात लगा है। शव को दुद्धी पोस्टमार्टम हाउस भेजा गया है। इस घटना ने न केवल परिवार बल्कि पूरे गांव को शोक में डुबो दिया है। गांव के लोग अब सुरक्षा के उपायों की मांग कर रहे हैं ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं से बचा जा सके।
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