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    गंगा में उफान तो बाढ़ में कोबरा ने काढ़ा फन, खेतों से लेकर घर तक सांपों की दहशत

    Updated: Tue, 05 Aug 2025 06:30 PM (IST)

    चंदौली ज‍िले में गंगा में बाढ़ से खेतों और घरों में जहरीले सांपों ने डेरा डाल रखा है। एक जगह चार कोबरा नाग देखे जाने से खेत में जाने तक की लोग ह‍ि‍म्‍मत नहीं जुटा पा रहे हैं। जबकि‍ लगातार बाढ़ का पानी न‍िचले इलाकों में फैलता जा रहा है।

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    चंदौली ज‍ि‍ले में गंगा में उफान तो बाढ़ में कोबरा ने काढ़ा फन।

    जागरण संवाददाता, धानापुर (चंदौली)। सावन का माह भगवान श‍िव का होता है और पूर्वांचल में सांप देखना शुभ भी माना जाता है लेक‍िन बाढ़ की वजह से सांप ज‍िले भर में काल बनकर फन काढ़े हर कहीं नजर आ रहे हैं। इसी कड़ी में नौघरा गांव में खेतों में दिखे चार कोबरा को देखकर लोगों में मन में इतनी दहशत हो गई है क‍ि खेतों का रुख करने से डरने लगे हैं। 

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    गंगा नदी के उफान से धानापुर क्षेत्र के कई गांव बाढ़ की चपेट में आ गए हैं। नौघरा गांव में भी बाढ़ का पानी घुस चुका है। इसी बीच मंगलवार की सुबह गांव में एक हैरान कर देने वाला नजारा देखने को मिला।गांव के एक खेत में एक साथ चार कोबरा दिखाई दिए, जिनमें से दो कोबरा आमने-सामने फन फैलाए एक- दूसरे पर फुफकारते नजर आए। बाकी दो कोबरा उनके आसपास ही मौजूद रहे।

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    पास के ही एक घर में रहने वाली महिला ने इस घटना को अपनी आंखों से देखा और तुरंत अपने मोबाइल से 15 सेकेंड का वीडियो बना लिया। जो देखते ही देखते इंटरनेट मीडि‍या में तेजी से प्रचलित हो रहा है।वीडियो में साफ देखा जा सकता है कि दो कोबरा आमने-सामने खड़े होकर फन फैलाए हुए हैं, जबकि अन्य दो समीप में मौजूद हैं। ग्रामीणों का कहना है कि बाढ़ के कारण जहरीले सांपों का खेतों और आबादी वाले क्षेत्रों में आना बढ़ गया है, जिससे दहशत का माहौल है।

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    बाढ़ के कारण सांपों का खेतों में आना एक गंभीर समस्या बन गई है। ग्रामीणों का कहना है कि इस स्थिति ने उनके दैनिक जीवन को प्रभावित किया है। खेतों में काम करने से डरने के कारण उनकी फसलें भी प्रभावित हो सकती हैं। इस प्रकार की घटनाएं न केवल ग्रामीणों के लिए चिंता का विषय हैं, बल्कि यह भी दर्शाती हैं कि प्राकृतिक आपदाओं का मानव जीवन पर कितना गहरा प्रभाव पड़ता है।

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    सांपों के इस प्रकार के व्यवहार को लेकर विशेषज्ञों का कहना है कि बाढ़ के दौरान सांप अपने सुरक्षित स्थानों से बाहर निकलकर आबादी वाले क्षेत्रों में आ जाते हैं। यह स्थिति तब और गंभीर हो जाती है जब लोग खेतों में काम करने के लिए जाते हैं। ऐसे में सावधानी बरतना अत्यंत आवश्यक है।

    ग्रामीण बाढ़ में घर में भी सांप न‍िकलने से परेशान हैं तो इस समस्या का समाधान भी उनके पास नहीं है। इसी प्रकार, सावन के इस पवित्र महीने में जहां भगवान शिव की आराधना की जाती है, वहीं बाढ़ के कारण सांपों की बढ़ती संख्या ने ग्रामीणों के लिए चिंता का विषय बना दिया है। अब देखना यह है कि बाढ़ कर लौटती है और सांप अपने ब‍ि‍ल की ओर कब रुख करते हैं। 

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