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    Flood in Varanasi : बीएचयू ट्रामा सेंटर तक पहुंचा पानी, गल‍ियों में चली नाव, पांच हजार लोग बाढ़ राहत श‍िवि‍र पहुंचे

    Updated: Tue, 05 Aug 2025 04:42 PM (IST)

    Flood in kashi वाराणसी में मंगलवार की सुबह भी गंगा का रुख आधा सेंटीमीट‍र प्रतिघंटे की गत‍ि से बढ़ रहा है। खतरा बि‍ंदु को पार करने के बाद भी गंगा का रुख बढ़ाव की ओर बना होने से ट्रामा सेंटर तक बाढ़ का पानी पहुंच चुका है। जबक‍ि हजारों लोग बाढ़ राहत श‍िव‍िर में पहुंच रहे हैं।

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    वाराणसी में गंगा खतरा ब‍िंदु पार करने के बाद भी लगातार बढ़ रही हैं।

    जागरण संवाददाता, वाराणसी। गंगा और वरुणा नदियों में आई बाढ़ के कारण पानी घाटों और न‍िचले मोहल्‍लों को पार कर प्रमुख गलियों और सड़कों पर बह रहा है। मंगलवार सुबह आठ बजे गंगा का जलस्तर खतरे के निशान 71.26 मीटर से 96 सेमी ऊपर था। सुबह पानी का क्षैतिज बहाव काफी तेज रहा और जलस्तर में आधा सेमी प्रति घंटा की दर से वृद्धि अनवरत जारी था लेकि‍न शाम को पानी का बढ़ाव 72.23 मीटर पर स्‍थ‍िर हो गया।

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    वाराणसी में केंद्रीय जल आयोग के अनुसार वाराणसी में चेतावनी ब‍िंंदु 70.262 मीटर है तो खतरा ब‍िंंदु 71.262 मीटर को पार करने के बाद गंगा 71.26 मीटर पर खतरा ब‍िंंदु से ऊपर है। वहीं आधा सेमी प्रत‍िघंटे की दर से बढ़ता रहा तो अध‍िकतम ब‍िंंदु 73.901 के करीब तक पहुंच सकता है। 

    बाढ़ की हालत यह है क‍ि लगभग चार साल बाद बीएचयू ट्रामा सेंटर की सड़क तक पानी पहुंच गया है। सभी घाटों पर लोगों के जाने पर रोक लगा दी गई है। शहर के 24 मोहल्ले और 32 गांवों में बाढ़ का पानी घुस चुका है। लगभग दो लाख तक की तटवर्ती आबादी इस बाढ़ में प्रभावित हुई है। तटवर्ती क्षेत्रों में लोगों के घरों में पानी घुस जाने से 1,182 परिवार बेघर हो गए हैं और इन परिवारों के लगभग साढ़े पांच हजार लोगों ने बाढ़ राहत शिविरों की शरण ली है। कई गांवों का भी आपसी संपर्क पूरी तरह से टूट चुका है। सैकड़ों हेक्टेयर क्षेत्रफल में फसलें तो डूबी हीं, पशुओं के चारे तक का संकट हो गया है।

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    शहरी क्षेत्रों में घाटों को पार करने के बाद न‍िचले मोहल्‍लों में बाढ़ का पानी सड़कों पर आ गया। मणिकर्णिका घाट की गलियों में पानी भर गया है तो दशाश्वमेध घाट क्षेत्र में पानी सड़कों पर आने को आतुर है। पूर्वांचल के अन्य जिलों मीरजापुर, भदोही, चंदौली, गाजीपुर, बलिया में गंगा उफान पर है। इनमें भदोही को छोड़कर अन्य जिलों में गंगा खतरा बिंदु से अध‍िक ऊपर तक बह रही हैं। 500 से अधिक गांव बाढ़ से घिरे हुए हैं। आजमगढ़ और मऊ में सरयू नदी तो जौनपुर में गोमती नदी ने भी चुनौती दे रखी है।

    वहीं दूसरी ओर गंगा खतरा ब‍िंंदु से जहां ऊपर हैं तो वहीं वरुणा में पलट प्रवाह की वजह से हुकूलगंज के पिपरहुआ घाट क्षेत्र में कालोनी में लगातार पानी भरने की वजह से एक लाख से अध‍िक आबादी प्रभाव‍ित है। वरुणा के तटवर्ती इलाकों में बाढ़ का अनवरत पानी बढ़ने से उम्‍मीद है क‍ि जल्‍द ही नए मोहल्‍ले भी बाढ़ की जद में आ जाएंगे। वहीं प्रशासन व सामाज‍िक संगठनों की ओर से राहत सामग्री व‍ितरण का क्रम शुरू हो चुका है। दूसरी ओर बाढ़ राहत केंद्रों पर सामूह‍िक भोज कराने की व्‍यवस्‍था की गई है।

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