बाढ़ और भारी बारिश ने आम नागरिकों को ही नहीं भारतीय रेल को भी चौंकाया, रेलवे करेगी अब यह उपाय
Railway track monitoring देश भर में रह रहकर हो रही भारी मानसूनी बरसात ने आम लोगों को ही नहीं बल्कि रेलवे ट्रैक को भी दुश्वारी दी है। रेलवे की ओर से अब नदियों के किनारे बने रेलवे ट्रैक पर माटी कटने की संभावना को लेकर भी अतिरिक्त निगरानी रखी जा रही है।

जागरण संवाददाता, पीडीडीयू नगर (चंदौली)। आम नागरिकों को ही नहीं बल्कि अब बाढ़ और भारी बारिश रेलवे को भी डराने लगी है। अब रेलवे भी बाढ़ और बारिश को लेकर नदी किनारे के पुलों की विशेष निगरानी करने की तैयारी कर रही है।
बारिश और बाढ़ के मद्देनजर रेलवे की ओर से नदी किनारे वाले ट्रैक की निगरानी बढ़ा दी गई है। रेलवे ट्रैक किनारे बोरी, स्टोन और बोल्डर रखने का निर्देश दिया गया है ताकि नदी किनारे कटान को रोका जा सके। रेलवे प्रशासन बाढ़ और बारिश के दौरान रेलवे लाइन की सुरक्षा के लिए विशेष कदम उठा रहा है, जिसमें कट स्टोन लगाना और रेल पटरियों के किनारे मजबूती देना शामिल है।
नदी किनारे वाले ट्रैक की निगरानी बढ़ाई गई है। रेलवे ट्रैक किनारे बोरी, स्टोन और बोल्डर रखने का निर्देश दिया गया है। बाढ़ और बारिश के दौरान रेलवे लाइन की सुरक्षा के लिए कट स्टोन लगाया जा रहा है। रेल पटरियों के किनारे मजबूती देने का काम किया जा रहा है। इन कदमों से रेलवे यातायात की सुरक्षा और स्थिरता सुनिश्चित की जा सकेगी।
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बारिश और बाढ़ से निपटने के लिए रेलवे ने निगरानी बढ़ा दी है। रेलवे ट्रैक किनारे बोरी, स्टोन और बोल्डर रखने का निर्देश दिया गया है। नदी किनारे कटान को रोकने के लिए सतर्कता बढ़ा दी गई है। सभी सामग्रियों को एकत्र कर लेना है। रेलवे मंडल व जोन को इसकी तैयारी करने का निर्देश दिया गया है। रेलवे प्रशासन की तरफ से बाढ़ और बारिश के चलते रेलवे लाइन किनारे होने वाली कटान को रोका जाएगा। इसके लिए कट स्टोन लगाया जा रह है। ताकि रेल मार्ग को सुरक्षित रखा जा सके।
इसके साथ ही मालगाड़ी और यात्री ट्रेनों की रफ्तार भी अब बढ़ाई जा रही है। इसे देखते हुए भी रेल पटरियों के किनारे मजबूती दी जा रही है। ताकि सुरक्षित रेलयात्रा हो सके। हावड़ा से आने वाली रेल लाइन पीडीडीयू जंक्शन से वाराणसी कैंट जंक्शन तक मुख्य रेलखंड मार्ग है। जो पूर्वोत्तर राज्यों सहित अन्य रेलखण्ड मार्ग को जोड़ता है।
पीडीडीयू नगर जंक्शन के पास बरसात के मौसम में बाढ़ आने के कारण अवधूत भगवान राम हाल्ट से लेकर डोमरी गांव तक रेलवे लाइन के दोनों तरफ बरसात का पानी भर जाता था। इससे रेलवे ट्रैक के किनारे मिट्टी की कटान होती थी और रेलवे ट्रैक पर दरार आने की आशंका बढ़ जाती थी। जिससे ट्रेन परिचालन में दिक्कत होती थी।
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