प्रयागराज में 'झपट्टामारों' का आतंक, बढ़ रही Chain Snatching की घटनाएं, पुलिस का तंत्र साबित हो रहा निष्क्रिय
प्रयागराज में चेन स्नैचिंग की वारदातें बढ़ रही हैं। इसके बाद भी पुलिस की सक्रियता कम है। अगस्त में 20 से ज्यादा मामले सामने आए पर कार्रवाई कम हुई। सीसीटीवी खराब होने से बदमाशों को पकड़ना मुश्किल है। पुलिस ने एफआइआर दर्ज करने और अपराधियों के खिलाफ अभियान चलाने की बात कहा है।

जागरण संवाददाता, प्रयागराज। आपरेशन की हनक दिख रही, न किसी दिशा-निर्देश का असर। झपट्टामारों के आगे पुलिस का तंत्र निष्क्रिय साबित हो रहा है। आए दिन बदमाश महिलाओं के गले से चेन छीनकर रफूचक्कर हो रहे हैं। रौब बनाने को पुलिस आपरेशन लांच करती है, लेकिन जमीनी स्तर पर उसका प्रभाव नजर नहीं आ रहा। इसका आकलन करने के लिए यहां कुछ घटनाओं को बानगी के तौर पर पढ़ें।
एक सितंबर को नए यमुना पुल पर खड़ीं अलोपीबाग निवासी श्वेता शर्मा के गले से चेन छीनकर बाइक सवार युवक नैनी की ओर भाग गए। कुछ ऐसी ही व्यथा प्रतापगढ़ के कुंडा निवासी सोनम देवी की है। वह 25 अगस्त को बड़े हनुमान जी मंदिर के पास बांध पर खड़ी थीं, तभी उनके गले से चेन छीनकर युवक भाग गए। सोनम स्नान करने प्रयागराज आई थीं। यमुनापार के खरकौनी नैनी निवासी मीरा शुक्ला 17 अगस्त को मार्निंग वाक पर निकलीं थीं। माधव पट्टी टोल प्लाजा के पास दो बदमाश चेन छीनकर भाग गए।
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चुनिंदा मामलों ही होती है FIR
चेन छिनैती की घटनाएं आए दिन होती हैं। चुनिंदा मामलों में एफआइआर दर्ज होती है। अधिकतर लोगों को थानों से ऐसे ही लौटा दिया जाता है। स्थिति यह है कि अगस्त माह में 20 से अधिक चेन छिनैती के मामले सामने आए, उसमें दर्जनभर के लगभग की एफआइआर लिखी गई, लेकिन छिनैती करने वालों के खिलाफ कार्रवाई अपेक्षा के अनुरूप नहीं हुई। इससे महिलाओं में भय की स्थिति है। कब कहां चेन छिन जाएगी, उसका किसी को पता नहीं होता।
सीसीटीवी पकड़ने में विफल
शहर के चौराहों और विभिन्न क्षेत्रों में 1,150 सीसीटीवी कैमरे स्मार्ट सिटी के तहत लगाए गए हैं। एक हजार से अधिक कैमरे महाकुंभ से पहले लगे हैं। दिक्कत यह है कि कैमरों की देखरेख का उचित प्रबंध नहीं है। कैमरे अक्सर खराब रहते हैं। उनकी नियमित देखरेख नहीं होती। इससे घटना होने के बाद पुलिस कंट्रोल रूम को उचित इनपुट नहीं मिल पाता। बदमाश चेन छिनैती की घटना को अंजाम देकर आसानी से भाग जाते हैं।
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ज्वेलरी शोरूम की नहीं है सुरक्षा
दो वर्ष पहले आगरा में ज्वेलरी शोरूम से लूट के बाद उसके मालिक को गोली मारते हुए बदमाश भाग निकले थे। उस समय प्रदेश के समस्त जिलों में ज्वेलरी शोरूम के बाहर पुलिस की सुरक्षा की तैनाती की बात कही गई थी। त्योहारों के आस-पास सुरक्षा कड़ी करने का निर्देश था, क्योंकि उस दौरान गहनों की खरीदारी अधिक होती है, लेकिन निर्देश के अनुरूप सुरक्षा का प्रबंध नहीं है।
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सुबह-शाम कम रहती है सक्रियता
चेन छिनैती की अधिकतर घटनाएं सुबह और शाम को होती हैं। उस दौरान भीड़भाड़ वाले क्षेत्रों में पुलिस की सक्रियता कम रहती है। इसका फायदा उठाकर बदशाम चेन छीनकर आसानी से भाग जाते हैं।
अगस्त में चेन छिनैती की प्रमुख घटनाएं
-14 जुलाई को द्वारिका पुरी कालोनी म्योर रोड निवासी हिमांशु यादव की पत्नी चेन छीनी गई।
-सात अगस्त को पोंगहट पुल के पास किरन की चेन छीनी गई।
-15 अगस्त को नारायण विहार कालोनी पूरा दलेल निवासी मंजू मौर्या की चेन बाघम्बरी रोड के पास छिनी गई।
-20 अगस्त को मछली शहर जौनपुर निवासी किरन सिंह अपने रिश्तेदार के घर अल्लापुर आयी थी। अलोपीबाग चुंगी पर उनकी चेन छीन ली गई।
-20 अगस्त को मऊआइमा से स्कूटी जा रहीं असगरी बेगम की चेन हार्टमनगंज के पास छीनी गई।
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क्या कहते हैं अपर पुलिस आयुक्त
अपर पुलिस आयुक्त डा. अजय पाल शर्मा किते हैं कि चेन छिनैती सहित अन्य घटनाओं के वांछित अपराधियों के खिलाफ 21 से 30 अगस्त तक अभियान चलाकर कई गिरफ्तारी की गई है। यह अभियान आगे भी जारी रहेगा। रही बात चेन छिनैती की एफआइआर दर्ज न होने की तो यह बात यही नहीं है। समस्त थाना प्रभारियों को हर घटना की एफआइआर दर्ज करके कार्रवाई का निर्देश दिया गया है। ई-एफआइआर की सुविधा है। आसानी से एफआइआर दर्ज करवाई जा सकती है।
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