Prayagraj News : बड़े हनुमान जी के आठ दिन जलशयन के बाद खुला कपाट, गंगा नदी के बाढ़ का पानी मंदिर में पहुंचा था
प्रयागराज में संगम तट पर बांध स्थित बड़े (लेटे) हनुमान जी के मंदिर के कपाट आठ दिन के बाद भक्तों के दर्शन-पूजन के लिए खोल दिया गया है। गंगा-यमुना का जलस्तर बढ़ने के कारण हनुमान जी जलशयन को चले गए थे। बाघंबरी मठ के महंत बलबीर गिरि जी महाराज ने बताया कि मां गंगा के वापस जाने के बाद हनुमान जी का पंचामृत से अभिषेक किया गया।

प्रयागराज। संगम क्षेत्र में बांध स्थित लेटे हनुमान जी के आठ दिन जलशयन के बाद मंगलवार को भक्तों को दर्शन सुलभ हो सका। पूजन-अर्चन एवं आरती के बाद मंदिर का पट खोला गया। श्री हनुमान के दर्शन को आतुर सैकड़ों भक्तों ने इस अवसर पर पवनसुत का पूजन-अर्चन किया। अब एक बार फिर से भक्तों को अनवरत दर्शन सुलभ हो सकेगा।
बता दें कि गंगा नदी का जलस्तर बढ़ने से हनुमान जी जलशयन को चले गए थे। ये आस्था का संगम ही है जहां नदी का जलस्तर बढ़ने पर लोगों में खुशी होती है। बरसात के मौसम में इस बार हनुमान जी के मंदिर में चौथी बार गंगा का पानी पहुंचा था।
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अल्लापुर स्थित श्रीमठ बाघम्बरी गद्दी के महंत बलबीर गिरि जी महाराज ने मां गंगा के वापस जाने के बाद पंचार्मत से हनुमान जी का अभिषेक किया। उनकी आरती की गई। इसके बाद हनुमान जी का दर्शन भक्तों को सुलभ कराया गया है।
प्रयागराज शहर के संगम तट स्थित श्री बड़े हनुमान जी मंदिर में विश्राम मुद्रा में प्रभु विराजमान हैं। मान्यता है कि मां गंगा हर साल बड़े हनुमान जी के पांव पखारने आती हैं। इस बार भी लगातार जलस्तर बढ़ा और हनुमान जी ने चार बार जलशयन किया। मंदिर में पानी के निकलने के बाद घंटा-घड़ियाल और शंखनाद की ध्वनि के बीच जयकारों की गूंज से पूरा प्रयागराज प्रफुल्लित हो उठा।
बाघंबरी मठ के महंत बलबीर गिरि जी महाराज ने बताया कि मान्यता है कि मां गंगा द्वारा हनुमान जी को स्नान कराने के बाद प्रयागराज में खुशियां आती है। लेटे हनुमान मंदिर में जैसे ही गंगा का पानी वापस लौटा तो प्रभु हनुमान जी की विधिवत पूजा-अर्चना की गई। आठ दिन जलशयन के बाद मंगलवार दोपहर 12 बजे आरती के पश्चात् दर्शन के लिए मंदिर के कपाट भक्तों के लिए खोल दिया गया।
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