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    कौशल्या नंदन ने तोड़ा शिवधनुष, जनक नंदिनी ने डाली प्रभु श्रीराम के गले में वरमाला

    Updated: Mon, 22 Sep 2025 03:44 PM (IST)

    चुनार में रामलीला नाट्य समिति द्वारा धनुष यज्ञ की लीला का मंचन किया गया। महाराज जनक के स्वयंवर में कई राजा शिवधनुष तोड़ने में असफल रहे। प्रभु श्रीराम ने गुरु की आज्ञा का पालन करते हुए सहजता से धनुष तोड़ा जिससे त्रैलोक्य में खुशी छा गई। जनकनंदिनी सीता ने प्रभु श्रीराम के गले में वरमाला डाली।

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    परशुराम-लक्ष्मण संवाद ने दर्शकों को रोमांचित कर दिया।

    जागरण संवाददाता, चुनार (मीरजापुर) । श्री राघवेंद्र रामलीला नाट्य समिति चुनार के तत्वावधान में रविवार की रात रामलीला मैदान पर धनुषयज्ञ की लीला का भव्य और प्रभावी मंचन हुआ। जनकपुरी में आयोजित इस स्वयंवर में महाराज जनक ने ऋषि विश्वामित्र के साथ प्रभु श्रीराम और लक्ष्मण को आमंत्रित किया।

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    सभा में अनेक राजाओं ने महादेव के धनुष को तोड़ने का प्रयास किया, किंतु सभी असफल रहे। बाणासुर को ज्ञात हुआ कि यह धनुष स्वयं भोलेनाथ का है, तो वह सभा छोड़कर लौट गया। लंकापति रावण जैसे ही धनुष तोड़ने के लिए आगे बढ़ा, तभी आकाशवाणी हुई कि उसकी पुत्री का अपहरण होगा, जिससे भयभीत होकर वह भी वापस लंका चला गया।

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    महाराज जनक व्यथित होकर विलाप करने लगे- अब जनि कोउ माखै भट मानी, वीर विहीन मही मैं जानी...। तभी क्रोधित लक्ष्मण ने धनुष तोड़ने की बात कही, किंतु ऋषि विश्वामित्र ने प्रभु श्रीराम को आदेश दिया। गुरु आज्ञा का पालन करते हुए प्रभु श्रीराम ने सहज भाव से शिवधनुष को उठाया और प्रत्यंचा चढ़ाते ही वह भंग हो गया। धनुष टूटते ही त्रैलोक्य में प्रसन्नता व्याप्त हो गई, जयश्रीराम के उद्घोष के बीच देवताओं ने पुष्पवर्षा शुरू कर दी। जमकर आतिशबाजी और मंगलगान के बीच जनकनंदिनी सीता ने प्रभु श्रीराम के गले में वरमाला डाली।

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    इस अद्भुत प्रसंग के दौरान परशुराम-लक्ष्मण संवाद का प्रभावी मंचन दर्शकों को रोमांचित कर गया। लीला में रावण और बाणासुर के संवादों ने हास्य और रोमांच का पुट बढ़ाया। राम के रूप में समर्थ वैद्य, लक्ष्मण बने अश्विनि दूबे, भरत बने वाचस्पति, शत्रुध्न बने लक्ष्य पुजारी, विश्वामित्र के रूप में वैकटेश्वर पांडेय, सीता बने यश मिश्रा, जनक बने शशिकांत पांडेय, रावण के रूप में गोविंद जायसवाल, बाणासुर बने रामआसरे दास, पेटफुलनवा राजा के किरदार में चंद्रहास गुप्ता और परशुराम बने कमेटी अध्यक्ष लक्ष्मीकांत पांडेय ने अपने अभिनय से दर्शकों का मन मोह लिया।

    इस दौरान संरक्षक बचाऊ लाल सेठ, रमाशंकर पांडेय, अखिलेश मिश्रा, फूलचंद, संजय साहू, पवन जायसवाल, अमित कुमार गुप्ता, अजय शेखर पांडेय, करतार सिंह, गौरीशंकर दीक्षित, पवन पांडेय आदि थे।

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