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    शिक्षक दिवस : नौकरी छोड़ अनाथों को शिक्षा दे रहे डॉ. कुनाल

    By Dharmendra PandeyEdited By:
    Updated: Mon, 05 Sep 2016 05:56 PM (IST)

    बचपन में माता-पिता के निधन के बाद विपन्नता का दंश ङोल चुके डॉ. कुनाल ने न केवल अपनी पांच बहनों को कांवेंट स्कूल शिक्षा दिलाई बल्कि खुद भी पीसीएस की परीक्षा पहली बार में ही पास की।

    लखनऊ(जितेंद्र उपाध्याय)। समाज में फैले भ्रष्टाचार को दूर कर सुधारने के बजाय खुद को सुधार लिया जाय तो समाज की तस्वीर बदल सकती है और समाज भ्रष्टाचार से मुक्त हो सकता है। शिक्षा इसमें हथियार बन सकती है।

    कुछ ऐसी ही पहल डॉ. कुनाल शुक्ला ने की है। भ्रष्टाचार के कारण रेलवे में टीईटी और फिर सेल्स टैक्स ऑफीसर की नौकरी छोड़कर गरीब बच्चों को बेहतर शिक्षा दे रहे हैं। उनका समर्पण वाकई में आज के समाज में पूजनीय है।

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    बचपन में माता-पिता के निधन के बाद आर्थिक विपन्नता का दंश ङोल चुके डॉ. कुनाल ने न केवल अपनी पांच बहनों को कांवेंट स्कूल शिक्षा दिलाई बल्कि खुद भी पीसीएस की परीक्षा पहली बार में ही पास कर अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाया। इसके बाद उन्होंने 30 वर्ष की अपनी उम्र में तीन बहनों की शादी की और नौ गरीब व अनाथ बच्चों को कांवेंट शिक्षा देकर बड़े स्कूलों में उनका दाखिला भी कराया।

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    डॉ. शुक्ला ट्यूशन पढ़ाकर उनकी फीस और भोजन का इंतजाम भी वह स्वयं करते हैं। खाना पकाने के साथ ही बच्चों का टिफिन भी वह खुद ही तैयार करते हैं। बुआ के निधन के बाद उनकी पांच लड़कियों की शिक्षा व देखभाल की जिम्मेदारी भी वह उठाते हैं।

    अंबेडकरनगर के हसवर के मूल निवासी डॉ.कुनाल राजधानी में पिछले एक दशक से रह रहे हैं। उनका कहना है कि संस्थाएं दिखावा ज्यादा करती हैं, जबकि गरीबों को शिक्षा का समुचित अधिकार नहीं मिल पाता। थोड़ी मदद मिल जाए तो उनकी किस्मत बदल सकती है।

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    संसाधन नहीं हौसला चाहिए

    विकास के दौर में जब युवाओं में खुद को अलग दिखाने की होड़ मची रहती है वहीं इससे इतर वह चटाई पर बैठकर बच्चों को न केवल शिक्षा देते हैं बल्कि उनके साथ रहकर मस्ती भी करते हैं। गोद में कापियों को लेकर बैठे बच्चे भी काफी खुश रहते हैं। उनका कहना है कि जब बच्चे फर्राटेदार अंग्रेजी बोलते हैं तो उनका सीना चौड़ा हो जाता है।

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    दो बहनों को इंजीनियरिंग और डॉक्टरी की तैयारी भी खुद करा रहे हैं। बिना किसी कोचिंग के स्वाध्याय से ही वह आइएएस मेंस पास कर चुके हैं और साक्षात्कार की तैयारी कर रहे हैं।

    राज्यपाल और मुख्यमंत्री ने शिक्षक दिवस पर दी बधाई

    राज्यपाल राम नाईक तथा मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के साथ समाजवादी पार्टी के मुखिया मुलायम सिंह यादव ने शिक्षक दिवस पर शिक्षकों को हार्दिक बधाई दी है। शिक्षक दिवस की पूर्व संध्या पर जारी बधाई संदेश में राज्यपाल राम नाईक ने कहा कि बच्चों के बौद्धिक विकास के साथ ही उनमें मानवीय गुण विकसित करने में शिक्षक का बड़ा योगदान होता है।

    बदले गुरु-शिष्य संबंध

    नाईक ने आशा व्यक्त करते हुए कहा कि पूर्व राष्ट्रपति डॉ. राधा कृष्णनन के विचारों के अनुरूप शिक्षक देश के भावी कर्णधारों को सुशिक्षित करने में सदैव अग्रणी भूमिका का निर्वाह करेंगे। सपा अध्यक्ष मुलायम सिंह यादव और प्रदेश अध्यक्ष अखिलेश यादव ने बधाई संदेश में कहा है कि शिक्षक नई पीढ़ी के भविष्य निर्माता हैं और समाज तथा राष्ट्र को सही दिशा देने का उन पर भारी दायित्व है। मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा समाजवादी सरकार शिक्षकों के हितों के प्रति संवेदनशील है।

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