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    सीबीआइ अफसर बनकर 'डिजिटल अरेस्ट' करते थे, कौशांबी में साइबर ठगी करने वाले अंतराज्यीय गैंग का राजफाश, चार गिरफ्तार

    Updated: Mon, 08 Sep 2025 03:13 PM (IST)

    कौशांबी पुलिस ने अंतरराज्यीय गिरोह का राजफाश किया है जो CBI-CID अफसर बनकर लोगों को डिजिटल अरेस्ट करने का नाटक करता था। गिरोह के चार सदस्यों को गिरफ्तार किया गया है जिन्होंने मध्य प्रदेश और राजस्थान से 43 लाख रुपये की ठगी की। ये लोग फर्जी आइडी से सिम कार्ड खरीदते थे और लोगों को पोर्न वीडियो दिखाने के नाम पर धमकाते थे। राजस्थान निवासी सरगना आसिफ फरार है।

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    कौशांबी पुलिस की गिरफ्त में आनलाइन धोखाधड़ी करने वाले अंतरराज्यीय गिरोह के सदस्य। जागरण

    जागरण संवाददाता, कौशांबी। भोले-भाले लोगों को सीबीआइ-सीआइडी का अफसर बनकर 'डिजिटल अरेस्ट' करके ठगी करने वाले अर्तरराज्यीय गैंग का राजफाश हुआ है। जिले के एक चिकित्सक से ठगी मामले में दर्ज मुकदमे की जांच कर रही साइबर थाने की टीम ने यह सनसनीखेज राजफाश किया।

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    पकड़े गए गिरोह के चार सदस्यों ने मध्य प्रदेश व राजस्थान से देश के विभिन्न राज्यों के लोगों से 43 लाख रुपये आनलाइन ठगी करने की बात स्वीकार की है। पुलिस राजस्थान निवासी गिरोह के सरगना की तलाश कर रही है। वह फरार बताया जाता है।

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    कौशांबी के डाक्टर को सीबीआइ बनकर धमकाया था 

    एसपी राजेश कुमार ने सोमवार को पत्रकार वार्ता के दौरान बताया कि सरायअकिल क्षेत्र के अकबराबाद निवासी डाक्टर सुनील कुमार गुप्ता ने तहरीर देकर बताया था कि 15 से 25 अगस्त तक उनके पास एक अनजान नंबर से फोन व आडियो काल की जाती रही। फोन करने वाले ने कहा कि वह सीबीआइ का अधिकारी है। चिकित्सक से कहा गया कि तुम पोर्न वीडियो देखते हो। डाक्टर को जेल भेजने की धमकी दी जा रही थी।

    साइबर थाने में दर्ज किया गया मुकदमा

    इससे चिकित्सक सुनील परेशान हो गए। उन्होंने फोन करने वाले के भेजे गए स्कैनर में दो किश्त में 31 हजार 500 सौ रुपये ट्रांसफर कर दिया। इसके बाद जब मांग बढ़ने लगी तो उसने पुलिस से शिकायत की। सुनील ने बताया कि फोन करने वाले के ट्रू कालर में पुलिस की वर्दी पहने व्यक्ति दिखता था। प्रकरण को गंभीरता से लेते हुए साइबर थाने में मुकदमा कायम कराया गया।

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    जांच में बड़ा मामला सामने आया

    साइबर थाना प्रभारी इंजीनियर-इंस्पेक्टर विनोद यादव व उनकी टीम ने जांच शुरू की। मालूम चला कि पैसा महाराष्ट्र के नासिक स्थित इंडस बैंक व मध्य प्रदेश की इंदौर स्थित केनरा बैंक की शाखा में ट्रांसफर कराया गया था। एससीआरपी पोर्टल के जरिए जानकारी हुई कि इन्हीं खातों में महीने भर के दौरान राजस्थान के भरतपुर निवासी व्यक्ति से 90 हजार रुपये, सेंट्रल दिल्ली के एक शख्स से पांच हजार रुपये, पंजाब के भटिंडा निवासी व्यक्ति से दो लाख 20 हजार रुपये भी ट्रांसफर कराए गए थे। इसके अलावा कुल 43 लाख रुपये ट्रांसफर कराए गए थे।

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    ये चार गिरोह सदस्य हुए हैं गिरफ्तार

    इसी क्रम में फोन करने वालों को ट्रेस किया गया तो उनकी लोकेशन मध्य प्रदेश व राजस्थान में मिली। एसपी ने बताया कि मोबाइल नंबर ट्रेस कर मध्य प्रदेश से चार साइबर अपराधी पकड़े गए हैं। उनकी पहचान मध्य प्रदेश के कटनी जिले के बाकल क्षेत्र के मंगेला निवासी शोभित उर्फ बाबूलाल पटेल पुत्र भइयालाल, सुरेंद्र पटेल उर्फ मलंगी पुत्र केशव पटेल, पन्ना जिले के रैपुरा क्षेत्र के बगवार निवासी सोनू सेन पुत्र पुरुषोत्तम सेन व खैरो निवासी अरविंद लोधी पुत्र रोहणी प्रसाद के रूप में हुई। गिरोह का सरगना राजस्थान निवासी असिफ भाग निकलने में सफल रहा।

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    सिम कार्ड, एंड्रायड फोन बरामद 

    पकड़े गए अपराधियों के पास से 45 जीओ व एटरटेल कंपनी के सिम कार्ड, चार एंड्रायड फोन बरामद हुए हैं। चिकित्सक से ट्रांसफर कराया गया 31500 रुपये खाते में फ्रीज करा दिया गया है। सभी आरोपितों के खिलाफ लिखापढ़ी कर चालान कर दिया गया है।

    घर बैठे फोन कर लोगों को बनाते थे शिकार

    पकड़े गया शोभित ही बीएससी पास है। बाकी के सुरेंद्र पटेल, सोनू सेन व अरविंद लोधी इंटर तक ही पढ़े हैं। आरोपितों ने बताया कि वह लोग दूसरे के नाम-पते की फर्जी आइडी से सिम कार्ड खरीदते थे। इसके बाद घर बैठे लोगों को फोन करके पोर्न वीडियो आदि देखने की बात कर धमकी दी जाती थी। अगर कोई जाल में फंसा तो फरार चल रहा आसिफ खुद को सीबीआइ या सीआइडी का अफसर बनकर फोन करके जेल भेजने या फर्जी मुकदमें में फंसाने की धमकी देता था। जो लोग डर जाते थे या पुलिस से शिकायत नहीं करते थे, उनसे दूसरे के अकाउंट में आनलाइन पैसा ट्रांसफर करा लिया जाता था।

    विभिन्न राज्यों के लोगों को जाल में फंसाते थे

    एसपी राजेश कुमार ने बताया कि साइबर ठगों का यह गैंग पूरे देश के विभिन्न राज्यों के लोगों को अपने जाल में फंसाकर पैसा आनलाइन ट्रांसफर कराता था।