Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    UP Flood Alert: गंगा-यमुना सहित सहायक नदियां फिर उफान पर, दो लोग डूबे, 100 गांव में बाढ़, 8 मकान समाए

    Updated: Fri, 05 Sep 2025 10:46 PM (IST)

    हथिनी कुंड बांध (Hathnikund Barrage) से पानी छोड़े जाने की वजह से यमुना नदी का जलस्तर बढ़ने लगा है। वहीं गंगा में भी उफान आ गया है। इसके अलावा सहायक नदिया चंबल बेतवा में भी जलस्तर लगातार बढ़ रहा है। बाढ़ की वजह से दो लोगों की मौत हो गई है। औरैया फर्रुखाबाद कन्नौज इटावा और हमीरपुर में फिर बाढ़ का संकट सता रहा है।

    Hero Image
    इटावा में हनुमान घाट पर यमुना का जलस्तर बढ़ने से पानी में डूबा हनुमान मंदिर। जागरण

    जागरण टीम, कानपुर। नरौरा बांध से पानी छोड़े जाने के कारण गंगा का जलस्तर बढ़ने लगा है। फर्रुखाबाद, उन्नाव, कन्नौज, फतेहपुर में तटवर्ती गांवों के संपर्क मार्ग बाढ़ के पानी में डूबे हुए हैं। यमुना व उसकी सहायक नदियों का जलस्तर कम होने से लोगों ने राहत की सांस ली है। क्वारी नदी व तालाब में डूबने से दो लोगों की मौत हो गई। आठ मकान समा गए हैं।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    फर्रुखाबाद में गंगा का खतरे का निशान 137.10 मीटर पर दर्ज है। गंगा खतरे के निशान से 10 सेंटीमीटर ऊपर बह रही हैं। कन्नौज व उन्नाव में गंगा का जलस्तर स्थिर है। फतेहपुर में बिंदकी फारम व सदनहा गांव में अभी भी बाढ़ का पानी भरा हुआ है। इटावा में पिता की अस्थियों का विसर्जन करने क्वारी नदीं में गए ग्राम बिडौरी निवासी सुभाष तिवारी का पैर फिसलने से वह गहरे पानी में जाने से डूब गए। अभी तक शव बरामद नहीं हुआ है। महोबा में कबरई थाना के ग्राम सिचौरा निवासी 40 वर्षीय बबलू की मछली पकड़ते समय तालाब में डूबने से मौत हो गई।

    UP Flood

    औरैया में बिझल पुर घाट में यमुना का दृश्य। ग्रामीण

    Auriya में 10 से अधिक गांवों में बाढ़ का खतरा

    यमुना नदी का जलस्तर एक बार फिर से बढ़ने से सदर और अजीतमल तहसील क्षेत्र अंतर्गत 20 से अधिक गांवों के लोगों की परेशानी बढ़ गई है। गोहानी कलां का संपर्क मार्ग डूब गया है। बाढ़ के पानी के बीच से होकर लोग आ जा रहे हैं। नावों की व्यवस्था करने के साथ प्रशासन ने राजस्व टीम व पुलिस को सजग कर दिया है। शुक्रवार दोपहर दो बजे तक यमुना का जलस्तर 111.45 मीटर रहा। चेतावनी बिंदु 112 व खतरे का निशान 113 मीटर है। सिकरोड़ी में श्मशान घाट के करीब पानी पहुंच चुका है। सिकरोड़ी, जुहीखा, बडेरा और ततारपुर कलां समेत 10 से अधिक गांवों में बाढ़ का खतरा बढ़ा है। खेतों में भी पानी घुस गया है।

    बैराज से चंबल में छोड़े गए पानी से बढ़ा जलस्तर

    राजस्थान के कोटा बैराज से चंबल में छोड़े गए पानी की वजह से यमुना नदी का जलस्तर बढ़ा है। नदी किनारे बसे गांवों के लोगों पर फिर से आफत आ पड़ी है। जलस्तर चेतावनी बिंदु के करीब पहुंच गया है। प्रशासन ने स्थिति की गंभीरता को देखते हुए निगरानी और राहत कार्य तेज कर दिए हैं। बाढ़ प्रभावित गांवों में लोगों को सतर्क किया गया है। उन्हें सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने की व्यवस्था पूरी कर ली गई है। बाढ़ चौकियों, आश्रय स्थलों और आवश्यक स्वास्थ्य सेवाओं की उपलब्धता सुनिश्चित की गई है। एसडीएम अजीतमल निखिल राजपूत और तहसीलदार अविनाश कुमार ने प्रभावित क्षेत्रों का दौरा कर हरसंभव सहायता उपलब्ध कराने के निर्देश दिए हैं। टीमें लगातार निगरानी में जुटी हैं। गोहानी कलां गांव के आवागमन के लिए नाव का इंतजाम कर दिया गया है। तहसील प्रशासन पूरी तरह से अलर्ट पर है।

    इन गांवों में बाढ़ का खतरा

    गांव सिकरोड़ी, गोहानी कलां, गोहानी खुर्द, जाजपुर, असेवटा, असेबा, जुहीखा, बडेरा, गूंज, ततारपुर, गूंज, फरिहा, नौरी, बीझलपुर, मिश्रपुर, मई, अस्ता, क्योटरा आदि में बाढ़ का खतरा है।

    UP Flood

    कानपुर देहात में बाढ़ आने के कारण आढ़न पथार मार्ग पर  नाव  से  आवागमन  करते लोग।  सौ. ग्रामीण 

    Kanpur Dehat में यमुना का जल स्तर बढ़ने से सड़कों में भरा पानी

    यमुना नदी का पानी लगातार बढ़ता रहा आढ़न पथार मार्ग गुरुवार को ही बंद हो गया था लोगों ने नाव से आवागमन शुरू कर दिया है। शुक्रवार को दोपहर करीब 12 बजे पड़ाव जाने वाली सड़क पर भी पानी भर जाने के कारण गांव को जाने वाले सड़क पर आवागमन बंद हो गया है। पानी के लगातार बढ़ने से नदियों के किनारे बसे लोगों को फिर से बाढ़ आने की चिंता सता रही है। लोग एक बार फिर से घर गृहस्थी का सामान सुरक्षित स्थान पर पहुंचाने में जुट गए हैं इसके पहले तीन बार की बाढ़ से किसानों को बड़ा नुकसान हो चुका है। चौथी बार बाढ़ आने से ग्रामीण पुरानी चुनौतियों को याद कर परेशान हैं।

    UP Flood

    इटावा में धूत पापेश्वर मंदिर परिसर में घुसा बाढ़ का पानी। जागरण 

    Etawah में अलर्ट जारी, हनुमान घाट स्थित हनुमान मंदिर, धूमेश्वर मंदिर में भरा पानी

    शुक्रवार को शाम पांच बजे यमुना का जलस्तर 121.40 मीटर दर्ज हुआ है, जो एक से दो सेंटीमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से बढ़ रहा है। हालांकि खतरे के निशान से 121.92 मीटर से नीचे है, जो खतरे के निशान से मात्र 0.52 मीटर नीचे बह रही है। प्रशासन ने लगातार पानी बढ़ने को लेकर अलर्ट जारी किया है। इटावा-भिंड हाईवे स्थित गांव सुनवारा के आसपास बाढ़ का पानी नजर आ रहा है। शहर में काली बांह मंदिर के सामने कुछ दूरी पर स्थित यमुना नदी के किनारे स्थित धूत पापेश्वर मंदिर परिसर में भी करीब डेढ़ फीट पानी भर गया है। मंदिर के महंत सांई महाराज ने बताया कि बाढ़ का पानी बढ़ रहा है शिवलिंग के सामने बैठे नंदी जी पानी में आधे डूबे हुए हैं, हवन कुंड में पानी भर चुका है।

    कछार क्षेत्र पानी में डूबा

    यमुना नदी में हथिनी कुंड बांध से 3 लाख 29 हजार क्यूसेक पानी छोड़े जाने के बाद महेवा विकास खंड के बकेवर क्षेत्र के अंदावा मडैया, मल्लाहन व यादवान में जलस्तर बढ़ने से कछार क्षेत्र डूब गया है। किसान डरे और सहमे होने के साथ सशंकित हैं, लगातार जलस्तर बढ़ने से किसानों को फिर से गांव में पानी आने का डर सता रहा है। किसान अवनीश यादव,कम्बोद सिंह बताते हैं कि अगर चंबल में पानी थम गया तो, यमुना का जलस्तर बढ़ने के साथ गांव तक पानी पहले की तरह आ जाएगा। खेतों में पानी भर चुका है, धीरे- धीरे गांव की ओर बढ़ रहा है। इस बारे में उप जिलाधिकारी चकरनगर ब्रह्मानंद कठेरिया ने बताया कि जलस्तर बढने से बाढ़ चौकियां को अलर्ट पर रहने के निर्देश दिए हैं, जबकि लेखपाल भी नजर गढ़ाए हुए हैं।

    चंबल व यमुना से 42 गांवों में बाढ़ का खतरा

    चंबल व यमुना नदी एक बार फिर से खतरा निशान के पास बह रहीं है, बढ़ते जलेसर से क्षेत्र में बाढ़ के हालात बनने लगे। शुक्रवार की दोपहर में चंबल का जलस्तर 0.04 मीटर बढ़ा जबकि यमुना का थमा हुआ दर्ज किया गया। एसडीएम ने बाढ़ चौकियों को अलर्ट कर दिया है, लोग लगातार बढ़ते जलस्तर से चिंतित हैं। एसडीएम ब्रह्मानंद सिंह कठेरिया ने बताया कि कोटा बैराज बांध से 25 हजार क्यूसेक पानी छोड़े जाने से शुक्रवार को शाम पांच बजे चंबल नदी का जलस्तर बढ़कर 120.39 मीटर तक पहुंच गया, जो खतरा निशान 120.80 से महज 0.41 मीटर नीचे है। चंबल का जलस्तर 0.04 मीटर प्रति घंटा की रफ्तार से बढ़ रहा है। चंबल, यमुना व क्वारी नदी के किनारों पर बसे 42 गांव के लोग फिर से चिंतित हैं।

    UP Flood

    फर्रुखाबाद में रामपुर गांव में भरे गंगा के पानी में नाव से जाते ग्रामीण। जागरण

    Farrukhabad में गंगा में तीन गांवों के आठ मकान पानी में समाए

    उफान के चलते गंगा का रौद्र रूप शुक्रवार को भी जारी रहा। तहसील सदर क्षेत्र के तीन गांवों में आठ मकान व एक आरआरसी सेंटर पानी में बह गए। दौली की मड़ैया में पानी की टंकी कटान की कगार पर पहुंच गई है। मकानों के कटने से ग्रामीण अब सुरक्षित स्थानों पर पलायन कर रहे हैं, वहीं कुछ लोग छतों पर डटे हुए हैं। तहसील सदर क्षेत्र के गांव पृथ्वीपुर का अस्तित्व लगभग समाप्त हो चुका है। पंखियन की मड़ैया कटरी धर्मपुर में भी लगभग 50 मकान व दर्जनों झोपड़ियां बह गईं। अब गंगा उसी से सटे गांव दौली की मड़ैया में रौद्र रूप दिखा रही हैं। वहां एक ही दिन में छह घर व प्राथमिक विद्यालय गंगा में समा गए थे, वहीं गुरुवार को तीन मकान और कट गए थे।

    UP Flood

    फतेहपुर में बाढ़ का पानी पार करके मवेशियों के लिए चारा लेकर आती महिला। जागरण 

    Fatehpur में बेनीखेड़ा व रामघाट गांव भी पानी से घिरे, रास्तों में भरा पानी

    गंगा के उफनाने से अब तक पांच गांव पानी से घिर चुके हैं। शुक्रवार को सुबह गंगा का जल स्तर खतरे के निशान 100.88 सेमी से एक सेमी अधिक 100.89 था, जो शाम को घटकर 100.87 रह गया। गंगा के बढ़ते घटते जल स्तर को देख लोगों की सांसें अटकी हुई हैं। बुधवार को गंगा के जल स्तर तेजी से बढ़ा और गुरुवार को बिंदकी फारम, सदनहा व जाड़े का पुरवा गांव के रास्तों में पानी आ गया। बिंदकी फारम व सदनहा गांव में घरों तक पानी पहुंच चुका है। शुक्रवार को सुबह जल स्तर बढ़ने से बेनीखेड़ा व रामघाट गांव भी पानी से घिर गए हैं। मवेशियों के लिए चारे का इंतजाम करने के लिए जद्दोजहद करनी पड़ रही है। खेतों में जो बची फसल थी उसमें दोबारा पानी पहुंच गया है। बिंदकी फारम गांव के योगेंद्र पाल ने बताया कि लौटकर आई बाढ़ ने और मुश्किलें बढ़ा दी है। सबसे अधिक संकट को चारे का खड़ा है। अधिक ऊंचाई वाले स्थानों से लोग पानी पार कर घास काटकर मवेशियों का किसी तरह से पेट भर रहे हैं।

    UP Flood

    हमीरपुर में लगातार बांधों से छोड़े जा रहे पानी से बढ़ा यमुना नदी का जलस्तर। जागरण

    Hamirpur में दो माह में तीसरी बार जिले में बाढ़ के आसार

    दो माह में तीसरी बार जिले में बाढ़ के आसार दिखाई दे रहे हैं। शुक्रवार को अलग अलग बांधों से करीब 5.50 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया है। जिससे नदियों का जलस्तर तेजी से बढ़ने लगा है। यमुना पांच सेमी. और बेतवा सात सेमी. प्रतिघंटा की रफ्तार से बढ़ रही है। केंद्रीय जलायोग के केंद्रीय सहायक रामसहांय ने बताया कि शुक्रवार की दोपहर तीन बजे यमुना का जलस्तर 99.760 मीटर व बेतवा का जलस्तर 99.010 मीटर रिकार्ड किया गया है। यमुना पांच सेमी.और बेतवा सात सेमी.प्रतिघंटा की रफ्तार से बढ़ रही है। दोनों नदियां अभी खतरे के निशान से नीचे बह रही हैं।

    यह भी पढ़ें- कानपुर में गंगा में उतरे तीन दोस्त, दो डूबने लगे तो तीसरे ने भी जिंदगी दांव पर लगाई, चीखा-चिल्लाया और फिर...

    Jalaun में खतरे के निशान के करीब पहुंची यमुना

    एक महीने में यमुना नदी के जलस्तर में तीसरी बार बढ़ोतरी हुई है। एक महीना पहले जलस्तर खतरे के निशान से करीब 4.12 मीटर ऊपर तक पहुंच गया था। शुक्रवार को केंद्रीय जल आयोग के प्रभारी रूपेश कुमार ने बताया कि यमुना का जलस्तर 106.12 मीटर दर्ज किया गया है। अभी भी यमुना का जलस्तर तीन से चार सेमी प्रति घंटे की रफ्तार से बढ़ रही है। यमुना चेतावनी के निशान 107 मीटर के करीब पहुंच चुकी है। यमुना की बाढ़ में नगर के किलाघाट, पीलाघाट, बाईघाट पूर्णतः डूब चुके हैं और खतरे के निशान 108 मीटर से यमुना अब डेढ़ मीटर नीचे बह रही है। यमुना पट्टी के आसपास गांवों में लोग दहशत में हैं।

    Kannauj में गंगा के रौद्र रूप से सहमे कटरी के लोग, दो स्कूल बंद

    गंगा के रौद्र रूप से कासिमपुर और बख्सीपुर्वा बदहाल हैं। दोनों गांव के ग्रामीण बाढ़ और कटाव की दोहरी मार झेल रहे। बाढ़ का पानी घुसने से दो प्राथमिक स्कूलों को बंद किया गया है। शुक्रवार को मेहंदी घाट पर गंगा का जलस्तर 125.74 दर्ज किया गया। इससे अब खतरे के निशान 125.97 मीटर से 23 सेंटीमीटर दूर गंगा का जलस्तर पहुंच गया है। बख्सीपुर्वा गांव और जलालपुर अमरा प्राथमिक स्कूल के अंदर बाढ़ का पानी भर गया। इससे दोनों स्कूलों को बंद करा दिया गया है। वहीं काली नदी का पानी अलियापुर, सदिकापुर, गुमटिया, चौरा चांदपुर में भी जलभराव है।

    यह भी पढ़ें- GST की नई दरों से जानें बिजली कारोबार को लाभ मिला या नहीं, दीपावली पर कितना होता कारोबार

    Kanpur में गंगा का जलस्तर चार सेंटीमीटर गिरा

    तेजी से बढ़ रहा गंगा का जलस्तर घटने लगा है। दो दिनों में ही जलस्तर में कमी आई है। इससे सिंचाई विभाग और प्रशासनिक अफसरों ने राहत की सांस ली। शुक्लागंज में गुरुवार को जलस्तर 112.87 मीटर था। शुक्रवार को शुक्लागंज का जलस्तर 112.83 मीटर हो गया है। चार सेंटीमीटर जलस्तर गिरने से राहत मिली है। अटल घाट में पिछले दिनों गंगा का जलस्तर कम होने पर सीढ़ियां दिखने लगी थीं फिर सीढ़ियों तक पानी आ गया है।

    UP Flood

    उन्नाव में गगनीखेड़ा झील के निकट फत्तेखेड़ा मार्ग पर भरा बाढ़ का पानी। जागरण

    Unnao में मार्ग पर पर छाया कटान का संकट

    बाढ़ प्रभावित मुहल्लों में मुश्किलें कम नहीं हुई हैं। केंद्रीय जल आयोग के अनुसार बीते 24 घंटे में गंगा का जलस्तर पांच सेमी. घटकर 112.820 मीटर हो गया है। हालांकि गंगा किनारे के गांवों में बाढ़ के कारण त्राहि त्राहि मची है। प्रभावित गांवों के लोग घरों को छोड़ ऊंचाई वाले स्थानों पर डेरा जमाए हुए हैं। वहीं भारी संख्या में लोग अपने घरों की छतों पर शरण लिए हैं। परियर क्षेत्र के कई गांव के रास्ते जलमग्न होने से आवागमन में कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है।

    यह भी पढ़ें- Breaking News: कानपुर सहित आसपास की अपराध और घटनाक्रम से जुड़ी खबरें, पढ़ें, 5 सितंबर को क्या हुआ

    comedy show banner
    comedy show banner