कानपुर सेंट्रल पर UVSS से होगी वाहनों की स्कैनिंग, जानें क्या है यह डिवाइस और कैसे करेगी काम
Kanpur Central सिटी और कैंट साइड में लगे अल्ट्रा वेहिकल स्कैनिंग सिस्टम। सभी द्वार होंगे बंद प्रवेश और निकासी के अलग होंगे रास्ते। अधिकारी बताते हैं कि यूवीएसएस को चलाने के लिए मॉनीटरिंग करने वाले कर्मचारियों को प्रशिक्षित भी कर दिया गया है।
कानपुर, जेएनएन। Kanpur Central देश के पांच सेंट्रल में से एक कानपुर सेंट्रल स्टेशन पर सामान्य दिनों में एक लाख से ज्यादा यात्रियों का आवागमन होता है। यात्रियों के आवागमन के दौरान आठ से दस हजार छोटे बड़े वाहन भी यहां प्रतिदिन आते जाते हैं। इसे देखते हुए सेंट्रल स्टेशन की सुरक्षा काफी अहम हो जाती है। इंटीग्रेटेड सिक्योरिटी सिस्टम के तहत सेंट्रल की सुरक्षा के व्यापक प्रबंध किए जा गए हैं। इसी कड़ी में सिटी और कैंट साइड में अल्ट्रा वेहिकल स्कैनिंग सिस्टम (यूवीएसएस) लगाया गया है। अब सेंट्रल आने वाले प्रत्येक व्यक्ति के वाहन को इस परीक्षा से होकर गुजरना होगा और वाहन को सेंट्रल स्टेशन परिसर में प्रवेश दिया जाएगा। बहरहाल, अभी इसकी शुरूआत नहीं हुई है लेकिन इस माह के अंत कर इसे शुरू करने की उम्मीद है।
यहां लगाए गए हैं यूवीएसएस
कैंट साइड में आरपीएफ स्टेशन के ठीक सामने प्रवेश द्वार नंबर एक पर यूवीएसएस लगाया गया है। वाहनों को यहां से प्रवेश और तीन नंबर गेट से निकासी की सुविधा दी जाएगी। प्रवेश द्वार नंबर दो से पैदल यात्री आ जा सकेंगे। जबकि सिटी साइड में इसके लिए अलग से बूथ बनाया गया है जिसमें आरपीएफ के जवान बैठकर वाहनों की मॉनीटरिंग करेंगे। इसी बूथ से लगा हुए एक बैरियर बनाया गया है। दोनों ओर सीसीटीवी लगाएं गए हैं। चूंकि सिटी साइड पूरी तरह खुला हुआ है ऐसे में यहां अन्य रास्तों को बैरीकेडिंग कर बंद किया जा रहा है।
स्टाफ को भी मिल चुका प्रशिक्षण
अधिकारी बताते हैं कि यूवीएसएस को चलाने के लिए मॉनीटरिंग करने वाले कर्मचारियों को प्रशिक्षित भी कर दिया गया है। जल्द ही इसे आरपीएफ को हस्तांतरित कर दिया जाएगा।
इनका ये है कहना
सेंट्रल स्टेशन की सुरक्षा को देखते हुए अल्ट्रा वेहिकल स्कैङ्क्षनग सिस्टम लगाया गया है। जल्द ही इसका संचालन भी शुरू करा दिया जाएगा। - हिमांशु शेखर उपाध्याय, डिप्टी सीटीएम
ऐसे काम करेगा यूवीएसएस
सिग्नल और टेलीकॉम विभाग द्वारा लगाए गए यूवीएसएस सिस्टम के बैरियर से होकर जैसे ही कोई भी वाहन गुजरेगा, ड्राइवर और बगल की सीट में बैठे दोनों व्यक्तियों की फोटो आ जाएगी। वाहन के आगे और पीछे लिखे नंबर भी सिस्टम तुंरत पढ़ लेगा। इसके साथ ही वाहन भी पूरी तरह स्कैन हो जाएगा। वाहन के अंदर जो भी वस्तु होगी वह स्क्रीन पर अपने वास्तविक आकार में दिखायी देगी। एक सेकेंड के भीतर यूवीएसएस अपना काम पूरा कर लेगा। इस दौरान वाहनों को रोका नहीं जाएगा। वाहन के अंदर संदिग्ध वस्तु होने के शक पर आरपीएफ वाहन रोककर जांच करेगी।