अखिलेश दुबे के एक और मददगार को झटका, निलंबित इंस्पेक्टर सभाजीत की जमानत खारिज
जमीन माफिया और वकील अखिलेश दुबे के करीबी निलंबित इंस्पेक्टर सभाजीत को बड़ा झटका लगा है। अदालत ने उसकी जमानत याचिका खारिज कर दी। सभाजीत पर दुबे के नेटवर्क को पुलिस संरक्षण देने के आरोप हैं।

जागरण संवाददाता, कानपुर। जिला जज अनमोल पाल की कोर्ट ने अधिवक्ता अखिलेश दुबे को वक्फ की संपत्ति पर कब्जा कराने के आरोपी निलंबित इंस्पेक्टर सभाजीत मिश्रा की जमानत प्रार्थनापत्र खारिज कर दिया है। न्यायालय ने अपने आदेश में कहा कि पुलिस की जांच और पत्रावली पर मौजूद साक्ष्यों को देखा जाए तो जमानत का पर्याप्त आधार नहीं है। इसलिए जमानत प्रार्थनापपत्र खारिज किया जाता है।
परेड के नवाब इब्राहिम हाता निवासी मोईनुददीन आसिफ जाह ने ग्वालटोली थाने में बतौर मुतवल्ली मुकदमा दर्ज कराया था। आरोप लगाया था कि सिविल लाइंस स्थित 13/387, 13/388 और 13/390 की संपत्ति नवाब मंसूर अली की थी। वर्ष 1911 में हाफिज हलीम को यह संपत्ति 99 वर्ष के पट्टे पर दी गई थी। संपत्ति 2010 तक प्रयोग की जा सकती थी। इसके बाद यह पुन: वक्फ संपत्ति हो गई।
ये है आरोप
आरोप है कि वक्फ बोर्ड में बेदखली की कार्यवाही चल रही थी। इसी बीच अखिलेश दुबे ने साथियों संग मिलकर फर्जी प्रपत्र तैयार कर लिए और अपनी दबंगई के बल पर वक्फ संपत्ति कब्जा ली। यहां बिल्डिंग और गेस्ट हाउस बनाकर करोड़ों की आमदनी होने लगी। आरोप है कि अप्रैल 2024 में तत्कालीन इंस्पेक्टर सभाजीत कई लोगों के साथ उनके घर पहुंचे और डरा धमकाकर बिना दिखाए व पढ़ाए एक पेपर पर हस्ताक्षर करा लिए। आधार कार्ड भी ले लिया। धमकी दी कि लखनऊ में दर्ज एफआईआर की पैरवी बंद नहीं की तो तुम्हारा जेल जाना तय है। इसी मामले में पुलिस ने 12 सितंबर को सभाजीत मिश्रा को गिरफ्तार किया था।
जमानत के लिए ये तर्क
वरिष्ठ अधिवक्ता पीयूष शुक्ला ने जमानत के पक्ष में तर्क रखा कि गिरफ्तारी अवैधानिक हुई है। जिला शासकीय अधिवक्ता दिलीप अवस्थी ने गिरफ्तारी को वैधानिक बताते हुए अपराध को गंभीर बताया। न्यायालय ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद कहा कि सीडीआर से स्पष्ट है कि अखिलेश दुबे और सभाजीत के बीच 15 मई 2024 को 42 सेकेंड व 22 मई को 26 सेकेंड बातचीत हुई। वादी ने बयान में घर आकर धमकाने की बात कही है। ऐसे में यह अपराधिक कृत्यों में सहयोग का मामला है। जमानत पर रिहा किए जाने का आधार पर्याप्त नहीं है।
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