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    Shardiya Navratri 2025: नवरात्र में सुबह घट स्थापना का ये शुभ मुहूर्त, जानें इस शुभ घड़ी का जीवन में महत्व

    Updated: Sun, 21 Sep 2025 08:23 PM (IST)

    Navratri 2025 शारदीय नवरात्रि का आरंभ सोमवार से हो रहा है। इस बार मां दुर्गा हाथी पर सवार होकर आ रही हैं जिससे भक्तों में उत्साह है। शहर और गांव में माँ की प्रतिमाओं की स्थापना के लिए पंडाल सज रहे हैं। घट स्थापना का शुभ मुहूर्त सुबह 0615 से दोपहर 1238 बजे तक है। इस बार नवरात्र 9 की बजाय 10 दिन के होंगे जो सुख-समृद्धि का संकेत है।

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    Navratri 2025: शारदीय नवरात्र का शुभारंभ 22 सितंबर से।

    जागरण संवाददाता, कानपुर। Navratri 2025: शारदीय नवरात्र का शुभारंभ सोमवार से हो रहा है। इस बार मां दुर्गा हाथी में सवार होकर आएंगी। मां के आगमन को लेकर देवी भक्तों में खासा उत्साह दिखाई दे रहा है। शहर से लेकर गांव तक मां की प्रतिमाओं की स्थापना के लिए पंडाल सजाए जा रहे हैं। जहां पर सोमवार को विधि विधान से पूजन अर्चन के बाद मां की प्रतिमाएं स्थापित होगीं। वहीं मंदिरों को भी सजाया और संवारा जा रहा है। वहीं, नवरात्र की शुरुआत में घट स्थापना का शुभ मुहूर्त सुबह 06:15 से दोपहर 12:38 बजे तक हैं। 

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    पंचांग के अनुसार इस साल 22 सितंबर प्रतिपदा तिथि से शारदीय नवरात्रि की शुरुआत होने जा रही है। समापन 02 अक्टूबर दशमी तिथि के दिन होगा। नवरात्रि का प्रारंभ सोमवार के दिन होता है, तो ऐसे में मां दुर्गा के आगमन की सवारी गज यानि हाथी होता है। मां दुर्गा हाथी पर सवार होकर कैलाश पर्वत से धरती पर आती हैं। मां दुर्गा के आगमन की सवारी हाथी के शुभ संकेत हैं इसका तात्पर्य यह है शारदीय नवरात्रि लोगों के लिए सुख, समृद्धि, धन और धान्य प्रदान करने वाली है।

     नर वाहन पर होगा प्रस्थान

    इस बार शारदीय नवरा​त्रि का समापन यानि विजयदशमी या दुर्गा विसर्जन 2 अक्टूबर गुरुवार को है। ऐसे में जब मां दुर्गा का प्रस्थान गुरुवार को होता है तो उनका वाहन मनुष्य की सवारी यानि पालकी होती है। इस सवारी का भी संकेत शुभ फलदायी है। मां दुर्गा प्रस्थान करते समय भी लोगों को सुख और समृद्धि प्रदान करेंगी।

    कलश स्थापना का शुभ मुहूर्त

    22 सितम्बर को कलश स्थापन किया जाएगा इस दिन हस्त नक्षत्र के साथ ब्रह्म योग और सर्वार्थ सिद्धि योग का भी निर्माण हो रहा है। कलश स्थापना का शुभ मुहूर्त सुबह 6 बजे से लेकर 8 बजे तक है।  इसके बाद अभिजीत मुहूर्त सुबह 11 बजकर 49 मिनट से लेकर दोपहर 12 बजकर 38 मिनट तक है।

    शारदीय नवरात्रि कलश स्थापना का एक शुभ मुहूर्त सुबह 06:19 से सुबह 07:49 बजे तक श्रेष्ठ मुहूर्त में नवरात्रि कलश स्थापना कर सकते हैं। 

    शारदीय नवरात्रि कलश स्थापना चौघड़िया मुहूर्त के अनुसार

    • सुबह 06:15 से सुबह 07:46 बजे तक
    •  (अमृत चौघड़िया में)
    • सुबह 09:17 से सुबह 10:48 बजे तक
    •  (शुभ चौघड़िया में)
    • सुबह 11:55 बजे से दोपहर 12:43 बजे तक
    •  (अभिजीत चौघड़िया में)
    • दोपहर 01:50 बजे से संध्या 06:23 बजे तक
    •  (चर/लाभ/अमृत चौघड़िया में)

    नौ नहीं दस दिन नवरात्र

    शारदीय नवरात्र में चतुर्थी तिथि की वृद्धि होगी, जिससे नवरात्र 9 की बजाय 10 दिन के होंगे। तिथि वृद्धि को शुभ माना जाता है, यह सुख-समृद्धि और सौभाग्य का संकेत देती है, जिससे माता के आशीर्वाद से सभी कार्य सफल होते हैं।  

    तिथि वृद्धि का कारण

    जब एक ही तिथि दो दिन पड़ती है, तो उसे तिथि वृद्धि कहते हैं। इस वर्ष शारदीय नवरात्र में चतुर्थी तिथि की वृद्धि हो रही है, यानी 22 सितंबर को भी चतुर्थी और 23 सितंबर को भी चतुर्थी तिथि रहेगी। ज्योतिष के अनुसार, नवरात्र में तिथि की वृद्धि अति शुभ फलदायी होती है। यह माता के आगमन को शुभ और वरदानदायक बनाती है, जिससे जातकों को सौभाग्य, सुख-समृद्धि और यश की प्राप्ति होती है। 

    शारदीय नवरात्र 2025 की मुख्य तिथियां

    • प्रारंभ: 22 सितंबर से।
    • घटस्थापना: 22 सितंबर को।
    • महाअष्टमी: 30 सितंबर, मंगलवार को।
    • महानवमी: 1 अक्टूबर , बुधवार को।
    • विजय दशमी 2 अक्टूबर गुरुवार को मनाया जाएगा।

    (जैसा की आचार्य पवन तिवारी, संस्थापक अध्यक्ष ज्योतिष सेवा संस्थान ने बताया)

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