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    Navratri 2025: कानपुर की मां विंध्यवासिनी मंदिर में भक्त लगाते अर्जी, मां पूरी करतीं मर्जी

    Updated: Sat, 20 Sep 2025 06:30 AM (IST)

    Navratri 2025 कानपुर के श्यामनगर में स्थित माँ विंध्यवासिनी मंदिर भक्तों की आस्था का केंद्र है। यहाँ हर सोमवार को भक्तों की लंबी कतारें लगती हैं। मंदिर की स्थापना माया देवी ने 1988 में की थी। नवरात्रि में यहाँ विशेष आयोजन होते हैं और भक्त पूरे साल दर्शन के लिए आते हैं। मान्यता है कि माँ सबकी मनोकामनाएं पूरी करती हैं और कोई भी भक्त यहाँ से निराश नहीं लौटता।

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    चकेरी श्यामनगर ई ब्लाक स्थित मां विंध्यवासिनी माता की मूर्ति। जागरण

    जागरण संवाददाता, कानपुर। चकेरी के पाश इलाके श्यामनगर ई ब्लाक स्थित मां विंध्यवासिनी का दरबार भक्तों की आस्था के साथ विश्वास का केंद्र बन चुका है। यहां हर सोमवार को अपनी अर्जी की अरदास लेकर भक्तों की लंबी - लंबी कतार लगती हैं। बताया गया कि इस मंदिर की स्थापना देवी की अनन्य भक्त रहीं दिवंगत संस्थापिका माया देवी (माता जी) ने की थी। उन्होंने इसके पूर्व नंगे पांव देवी स्थलों की 23 पदयात्राएं की थीं। जिसमें विंध्याचल,मुंबादेवी,कालकादेवी, मैहर देवी, वैष्णों देवी आदि शामिल हैं।

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    मंदिर की स्थापना वर्ष 1988 में हुई। इसके बाद से मां के आस्था का दरबार अनवरत चलता आ रहा है, जहां आस्था व स्वच्छ भाव से आने वाले भक्तों की अर्जी , मां उनकी मर्जी से पूरी करतीं है। भक्त मां की कृपा पाने के लिए नवरात्रि ही नहीं, पूरे साल पंक्ति लगाकर दर्शन को पहुंचते हैं।

    श्याम नगर ई ब्लाक में वर्तमान में आस्था के नामचीन केंद्र बने मां विंध्यवासिनी दरबार वर्ष 47 वर्षो से लगता आ रहा है। नवरात्रि में महामाई का दरबार पूरे नौ दिनों सजता है। इस मंदिर में सुबह से रात तक भक्तों की भीड़ अपनी अर्जी लेकर पहुंचती है। मंदिर प्रशासन की ओर से मंदिर में माता रानी के दर्शन के लिए पुरुषों और महिलाओं की अलग - अलग लाइन की लगती है। इसके अलावा मंदिर के सामने व आसपास प्रसाद की कई दुकानें लगती हैं। जहां से भक्तों द्वारा मां को समर्पित करने के लिए प्रसाद लिया जाता है।

    मंदिर प्रशासन के अनुसार हर वर्ष बसंत पंचमी के दिन महामाई के जन्मोत्सव मनाते हैं। इस दौरान जागरण के बाद प्रसाद स्वरूप भंडारे का आयोजन होता है। जिसमें हजारों की संख्या में भक्त महामाई के दर्शन करने आते है। माह के हर सोमवार को महामाई का दरबार लगता है, ऐसी मान्यता है कि जो भी भक्त महामाई के दरबार में अर्जी लगाने आते हैं उनकी सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं, आस्था व विश्वास लेकर दरबार में आने वाला कोई भी भक्त निराश होकर नहीं जाता है। इस मंदिर में आसपास के प्रणव, संजीव गुप्ता, अनन्या , कपिल , अशोक समेत काफी संख्या में सेवादार हैं। जो दरबार में अपनी सेवाएं देते हैं।

    आस्था के केंद्र मां विंध्यवासिनी के मंदिर में भक्त अपनी मनोकामनाओं की अर्जी लेकर आते हैं, सच्चे मन की गई प्रार्थना निश्चित रूप से अच्छा फल देती है। यहां आने वाले सभी भक्तों पर मां की कृपा बरसती है। वह उनके कष्ट हरकर जीवन को सुखमय बनाती हैं , हर सोमवार को भक्तों की काफी संख्या में भीड़ होती है।

    - अमित दुबे उर्फ राजू , प्रबंधक

    मां के इस दरबार में हमारी अटूट आस्था है, यहां आने वाले सभी भक्तों पर मां अपनी सदैव कृपा बनाकर रखतीं हैं। मां पर भरोसा रखकर आने वाला कभी निराश नहीं होता है। उनसे दरबार में सेवा करने का बहुत भाग्य से अवसर मिलता है। नवरात्रि पर आने वालों की संख्या हजारों में होती है। जो मां मांगता है ,उसे मिलता है।

    - आरती बाजपेई, सेवादार